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मध्य प्रदेश में 25 सालों में बनी 19 हजार नल जल योजनाएं, अप्रैल तक 26 लाख घरों तक पानी पहुंचाने का लक्ष्य - मध्य प्रदेश

मध्य प्रदेश में अप्रैल माह तक 26 लाख घरों में नल लगाए जाने का लक्ष्य रखा गया है. जिसके तहत नल जल योजनाओं को दुरुस्त करने का काम किया जा रहा है. इसके लिए प्रदेश सरकार ने बजट की तैयारी कर ली है.

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अप्रेल तक 26 लाख घरों तक पानी पहुंचाने का लक्ष्य
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Published : Dec 22, 2020, 5:46 PM IST

Updated : Dec 22, 2020, 8:21 PM IST

भोपाल। मध्य प्रदेश के हर घर में नल से पानी पहुंचाने का सपना पूरा करने के लिए पिछले 25 सालों के दौरान बनी नल जल योजनाओं को दुरुस्त करने का काम किया जा रहा है. अप्रैल माह तक प्रदेश के 26 लाख घरों में नल लगाया जाएगा, ताकि लोगों को पानी के लिए दूर न जाना पड़े. इसके तहत पहले चरण में प्रदेश की 5 हजार 500 योजनाओं को पूरा किया जाएगा. हालांकि आगामी पंचायत चुनावों की वजह से उनके तय समय से पिछड़ने की आशंका जताई जा रही है.

अप्रेल तक 26 लाख घरों तक पानी पहुंचाने का लक्ष्य
  • अप्रैल माह तक 26 लाख घरों तक पानी पहुंचाने का लक्ष्य

हर घर तक नल से जल पहुंचाने के लिए अप्रैल माह तक 26 लाख घरों तक पहुंचने का लक्ष्य रखा गया है. इसके लिए 2500 करोड़ रुपए के टेंडर जारी हो चुके हैं. मध्यप्रदेश में कुल 1 करोड़ 21 लाख घर हैं. अभी तक 22 लाख घरों तक ही नल के द्वारा पानी पहुंचाया जा सका है. अप्रैल माह तक 26 लाख घरों तक पहुंचने का लक्ष्य रखा गया है. वित्तीय वर्ष 2020-21 की दूसरी तिमाही तक 5.68 तक पाइप के जरिए पानी पहुंचाया जा चुका है.

  • क्या है प्लान ?

पाइप से पानी सप्लाई के लिए पिछले 25 सालों के दौरान मध्य प्रदेश में 19 हजार योजनाएं बनी हैं. अब इन योजनाओं को दुरुस्त कर इनका विस्तार किया जा रहा है. इसके लिए 5500 स्कीमों की स्वीकृति हो चुकी है. जिस पर 4500 करोड़ रुपए खर्च होंगे. पहले चरण में 2500 करोड़ रुपए के टेंडर हो चुके हैं. मध्यप्रदेश में कुल 1.21 करोड़ घर हैं. मध्य प्रदेश में करीब 52 हजार पंचायतें हैं. इनमें से पिछले 25 सालों में सिर्फ 20 हजार गांव तक ही पाइप लाइन से पानी पहुंचने के लिए योजनाएं बनी. बाकी 32 हजार गांव के लिए योजना बनाई जा रही है. मध्य प्रदेश लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के प्रमुख अभियंता के के सोनगरिया कहती हैं कि अप्रैल माह तक 26 लाख घरों तक नल से पानी सप्लाई का लक्ष्य रखा गया है और यह लक्ष्य तय समय सीमा में हम पूरा कर लेंगे.

  • योजना को लेकर बजट की खास तैयारी

नल जल योजना को लेकर मध्य प्रदेश सरकार ने बजट की पूर्व से ही तैयारी कर ली है. विभागीय अधिकारियों के मुताबिक यही वजह है कि कोरोना काल में नल जल योजना का काम प्रभावित नहीं हुआ है. हालांकि इस महत्वाकांक्षी योजना में 45 हजार करोड़ रूपए की भारी-भरकम राशि खर्च होगी. इसमें से आधी राशि मध्य प्रदेश सरकार को जुटानी है. प्रदेश सरकार इसमें से 50 फीसदी राशि नाबार्ड एनडीबी एशियन डेवलपमेंट बैंक और जापान इंटरनेशनल कॉर्पोरेशन सेंटर से जुटाई जाएगी. बाकी राशि लाभार्थियों से ली जाएगी. हालांकि लाभार्थियों से केवल लागत का खर्च ही लिया जाएगा.

  • देश में चौथे स्थान पर पहुंचा मध्य प्रदेश

केंद्र सरकार की रैंकिंग में बिहार पहले और मध्य प्रदेश चौथे स्थान पर है. बिहार इस मामले में टॉप पर है. पिछले 3 सालों के दौरान बिहार में पाइप लाइनों से एक करोड़ घरों को जोड़ा गया है. किसी तरह तेलंगाना में पाइप लाइन से घरों को जोड़ने का काम 90 फीसदी पूरी हो चुका है. महाराष्ट्र में पिछले 3 सालों में 74.24 कनेक्शन दिए गए. मध्यप्रदेश में पाइप लाइन से 22 लाख परिवारों को जोड़ा गया है. पाइप लाइन से घरों तक पानी पहुंचाने के मामले में देश में सबसे बेहतर स्थिति तेलंगाना राज्य की है.

भोपाल। मध्य प्रदेश के हर घर में नल से पानी पहुंचाने का सपना पूरा करने के लिए पिछले 25 सालों के दौरान बनी नल जल योजनाओं को दुरुस्त करने का काम किया जा रहा है. अप्रैल माह तक प्रदेश के 26 लाख घरों में नल लगाया जाएगा, ताकि लोगों को पानी के लिए दूर न जाना पड़े. इसके तहत पहले चरण में प्रदेश की 5 हजार 500 योजनाओं को पूरा किया जाएगा. हालांकि आगामी पंचायत चुनावों की वजह से उनके तय समय से पिछड़ने की आशंका जताई जा रही है.

अप्रेल तक 26 लाख घरों तक पानी पहुंचाने का लक्ष्य
  • अप्रैल माह तक 26 लाख घरों तक पानी पहुंचाने का लक्ष्य

हर घर तक नल से जल पहुंचाने के लिए अप्रैल माह तक 26 लाख घरों तक पहुंचने का लक्ष्य रखा गया है. इसके लिए 2500 करोड़ रुपए के टेंडर जारी हो चुके हैं. मध्यप्रदेश में कुल 1 करोड़ 21 लाख घर हैं. अभी तक 22 लाख घरों तक ही नल के द्वारा पानी पहुंचाया जा सका है. अप्रैल माह तक 26 लाख घरों तक पहुंचने का लक्ष्य रखा गया है. वित्तीय वर्ष 2020-21 की दूसरी तिमाही तक 5.68 तक पाइप के जरिए पानी पहुंचाया जा चुका है.

  • क्या है प्लान ?

पाइप से पानी सप्लाई के लिए पिछले 25 सालों के दौरान मध्य प्रदेश में 19 हजार योजनाएं बनी हैं. अब इन योजनाओं को दुरुस्त कर इनका विस्तार किया जा रहा है. इसके लिए 5500 स्कीमों की स्वीकृति हो चुकी है. जिस पर 4500 करोड़ रुपए खर्च होंगे. पहले चरण में 2500 करोड़ रुपए के टेंडर हो चुके हैं. मध्यप्रदेश में कुल 1.21 करोड़ घर हैं. मध्य प्रदेश में करीब 52 हजार पंचायतें हैं. इनमें से पिछले 25 सालों में सिर्फ 20 हजार गांव तक ही पाइप लाइन से पानी पहुंचने के लिए योजनाएं बनी. बाकी 32 हजार गांव के लिए योजना बनाई जा रही है. मध्य प्रदेश लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के प्रमुख अभियंता के के सोनगरिया कहती हैं कि अप्रैल माह तक 26 लाख घरों तक नल से पानी सप्लाई का लक्ष्य रखा गया है और यह लक्ष्य तय समय सीमा में हम पूरा कर लेंगे.

  • योजना को लेकर बजट की खास तैयारी

नल जल योजना को लेकर मध्य प्रदेश सरकार ने बजट की पूर्व से ही तैयारी कर ली है. विभागीय अधिकारियों के मुताबिक यही वजह है कि कोरोना काल में नल जल योजना का काम प्रभावित नहीं हुआ है. हालांकि इस महत्वाकांक्षी योजना में 45 हजार करोड़ रूपए की भारी-भरकम राशि खर्च होगी. इसमें से आधी राशि मध्य प्रदेश सरकार को जुटानी है. प्रदेश सरकार इसमें से 50 फीसदी राशि नाबार्ड एनडीबी एशियन डेवलपमेंट बैंक और जापान इंटरनेशनल कॉर्पोरेशन सेंटर से जुटाई जाएगी. बाकी राशि लाभार्थियों से ली जाएगी. हालांकि लाभार्थियों से केवल लागत का खर्च ही लिया जाएगा.

  • देश में चौथे स्थान पर पहुंचा मध्य प्रदेश

केंद्र सरकार की रैंकिंग में बिहार पहले और मध्य प्रदेश चौथे स्थान पर है. बिहार इस मामले में टॉप पर है. पिछले 3 सालों के दौरान बिहार में पाइप लाइनों से एक करोड़ घरों को जोड़ा गया है. किसी तरह तेलंगाना में पाइप लाइन से घरों को जोड़ने का काम 90 फीसदी पूरी हो चुका है. महाराष्ट्र में पिछले 3 सालों में 74.24 कनेक्शन दिए गए. मध्यप्रदेश में पाइप लाइन से 22 लाख परिवारों को जोड़ा गया है. पाइप लाइन से घरों तक पानी पहुंचाने के मामले में देश में सबसे बेहतर स्थिति तेलंगाना राज्य की है.

Last Updated : Dec 22, 2020, 8:21 PM IST
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