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नर्मदा में अवैध रेत खनन रोकने शिवराज सरकार ने दिए निर्देश, जानें क्या हैं नए नियमों में प्रावधान - शिवराज सरकार ने मशीनों से अवैध रेत खनन पर रोक

मध्यप्रदेश में अवैध उत्खनन की खबरें आए दिन सामने आती रहती है, लेकिन अब इन अवैध खनन को लेकर सख्त रवैया अपना रही है. शिवराज सरकार ने मशीनों से रेत उत्खनन पर रोक लगाई है. साथ ही सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं.

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Published : May 28, 2023, 3:42 PM IST

भोपाल। मध्यप्रदेश में नर्मदा नदी में सरकार ने एक बार फिर मशीनों से रेत उत्खनन पर रोक लगाई है. राज्य सरकार द्वारा मध्यप्रदेश रेत खनन परिवहन भंडारण एवं व्यापार नियम 2019 में संशोधन की अधिसूचना में इसके प्रावधान किए हैं. नए नियमों में नर्मदा नदी में मशीनों से रेत उत्खनन कार्य नहीं किया जा सकेगा. जबकि नर्मदा नदी में अवैध खनन को लेकर हमेशा सवाल उठते रहे हैं. उधर नई रेत खनन नीति में गड़बड़ी करने वाले ठेकेदारों पर सख्त कार्रवाई के प्रावधान किए हैं. रेत खनन के नए नियमों में प्रावधान किया गया है कि रेत खनन ठेकेदार यदि रेत खदान समूह का ठेका निरस्त करता है तो उसे तीन साल के लिए ब्लैक लिस्ट किया जाएगा.

नर्मदा नदी के लिए यह किए गए प्रावधान: रेत खनन के लिए जारी हुए नियमों में प्रावधान किया गया है कि नर्मदा नदी में रेत उत्खनन के लिए मशीनों का उपयोग नहीं किया जाएगा. इससे नर्मदा नदी में जैव विविधता को बरकरार रखने की कोशिश की जाएगी. नर्मदा नदी में स्वीकृत रेत खदानों में मशीनों के उपयोग को पूरी तरह से प्रतिबंधित करने का प्रावधान किया गया है. नियमों में यहां भंडारण भी मशीन से करने की इजाजत नहीं दी गई है. नर्मदा के अलावा बाकी नदियों में मशीन से खनन की अनुमति होगी, हालांकि इसके लिए जरूरी अनुमतियां लेनी होगी.

illegal sand mining
रेत का अवैध खनन

कांग्रेस ने नियमों को दिखावा बताया: उधर खनन के नए नियमों को कांग्रेस ने दिखावा बताया है. कांग्रेस मीडिया प्रभारी केके मिश्रा कहते हैं कि सरकार ने ही नर्मदा मैया को जीवित इकाई माना, दावा किया कि नर्मदा नदी में मशीनों से अवैध खनन नहीं होगा, लेकिन नर्मदा में ही सबसे ज्यादा अवैध रेत उत्खनन होता रहा है. यह अवैध उत्खनन मशीनों से ही सरकार के संरक्षण में होते हैं, चौहान लिखे डंपरों से बेधड़क अवैध रेत खनन होता है और प्रशासन मूक-दर्शक बना रहता है. नियमों में एक बार फिर दिखाने के लिए प्रावधान किए गए हैं.

कुछ खबरें यहां पढ़ें

नए नियमों में यह भी किए गए प्रावधान:

  1. रेत खनन के नए नियमों में प्रावधान किया गया है कि रेत खदान समूह का ठेका निरस्त किए जाने पर ठेकेदार को तीन साल के लिए ब्लैक लिस्ट किया जाएगा.
  2. जून माह से रेत खदानों के ठेके लिए जाएंगे. कोई भी समूह एमडीओ निगम को 3 माह की अग्रिम सूचना देकर समूह को सरेंडर कर सकेगा.
  3. रेत खनन से होने वाली आय से 75 रुपए प्रति घनमीटर संबंधित ग्राम पंचायत नगरीय निकाय के लिए राज्य सरकार को दी जाएगी.
  4. रेत के ठेके 3 साल के लिए दिए जाएंगे, इसमें राज्य शासन दो साल की बढ़ोत्तरी कर सकेगा.
  5. ठेका अवधि में राज्य सरकार दो साल की बढ़ोत्तरी कर सकेगा.

भोपाल। मध्यप्रदेश में नर्मदा नदी में सरकार ने एक बार फिर मशीनों से रेत उत्खनन पर रोक लगाई है. राज्य सरकार द्वारा मध्यप्रदेश रेत खनन परिवहन भंडारण एवं व्यापार नियम 2019 में संशोधन की अधिसूचना में इसके प्रावधान किए हैं. नए नियमों में नर्मदा नदी में मशीनों से रेत उत्खनन कार्य नहीं किया जा सकेगा. जबकि नर्मदा नदी में अवैध खनन को लेकर हमेशा सवाल उठते रहे हैं. उधर नई रेत खनन नीति में गड़बड़ी करने वाले ठेकेदारों पर सख्त कार्रवाई के प्रावधान किए हैं. रेत खनन के नए नियमों में प्रावधान किया गया है कि रेत खनन ठेकेदार यदि रेत खदान समूह का ठेका निरस्त करता है तो उसे तीन साल के लिए ब्लैक लिस्ट किया जाएगा.

नर्मदा नदी के लिए यह किए गए प्रावधान: रेत खनन के लिए जारी हुए नियमों में प्रावधान किया गया है कि नर्मदा नदी में रेत उत्खनन के लिए मशीनों का उपयोग नहीं किया जाएगा. इससे नर्मदा नदी में जैव विविधता को बरकरार रखने की कोशिश की जाएगी. नर्मदा नदी में स्वीकृत रेत खदानों में मशीनों के उपयोग को पूरी तरह से प्रतिबंधित करने का प्रावधान किया गया है. नियमों में यहां भंडारण भी मशीन से करने की इजाजत नहीं दी गई है. नर्मदा के अलावा बाकी नदियों में मशीन से खनन की अनुमति होगी, हालांकि इसके लिए जरूरी अनुमतियां लेनी होगी.

illegal sand mining
रेत का अवैध खनन

कांग्रेस ने नियमों को दिखावा बताया: उधर खनन के नए नियमों को कांग्रेस ने दिखावा बताया है. कांग्रेस मीडिया प्रभारी केके मिश्रा कहते हैं कि सरकार ने ही नर्मदा मैया को जीवित इकाई माना, दावा किया कि नर्मदा नदी में मशीनों से अवैध खनन नहीं होगा, लेकिन नर्मदा में ही सबसे ज्यादा अवैध रेत उत्खनन होता रहा है. यह अवैध उत्खनन मशीनों से ही सरकार के संरक्षण में होते हैं, चौहान लिखे डंपरों से बेधड़क अवैध रेत खनन होता है और प्रशासन मूक-दर्शक बना रहता है. नियमों में एक बार फिर दिखाने के लिए प्रावधान किए गए हैं.

कुछ खबरें यहां पढ़ें

नए नियमों में यह भी किए गए प्रावधान:

  1. रेत खनन के नए नियमों में प्रावधान किया गया है कि रेत खदान समूह का ठेका निरस्त किए जाने पर ठेकेदार को तीन साल के लिए ब्लैक लिस्ट किया जाएगा.
  2. जून माह से रेत खदानों के ठेके लिए जाएंगे. कोई भी समूह एमडीओ निगम को 3 माह की अग्रिम सूचना देकर समूह को सरेंडर कर सकेगा.
  3. रेत खनन से होने वाली आय से 75 रुपए प्रति घनमीटर संबंधित ग्राम पंचायत नगरीय निकाय के लिए राज्य सरकार को दी जाएगी.
  4. रेत के ठेके 3 साल के लिए दिए जाएंगे, इसमें राज्य शासन दो साल की बढ़ोत्तरी कर सकेगा.
  5. ठेका अवधि में राज्य सरकार दो साल की बढ़ोत्तरी कर सकेगा.
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