भोपाल। 30 साल से ज्यादा पुरानी और जर्जर हो चुकी मल्टी में रह रहे लोगों के लिए सरकार ने राहत भरा फैसला लिया है. अब जर्जर हो चुकी मल्टी को तोड़कर नए फ्लैट बनाए जा सकेंगे. इसके लिए बिल्डर को अतिरिक्त एफएएफ मिलेगा. साथ ही ईडब्ल्यूएस मकान भी उसे नहीं बनाना होगा. राज्य सरकार ने री-डेवलपमेंट पॉलिसी 2022 को मंजूरी दे दी है. सरकार के इस फैसले से उन लोगों को राहत मिलेगी. जो जर्जर मल्टी में रह रहे थे. उन्हें अब नई मल्टी बनकर तैयार होने पर उसमें फ्लैट मिल सकेगा. इस नई पॉलिसी में कई प्रावधान किए गए हैं.
क्या है री-डेवलपमेंट पॉलिसी: लंबे समय से री-डेवलपमेंट पॉलिसी पर विचार किया जा रहा था, क्योंकि प्रदेश में जर्जर और पुरानी हो चुकी मल्टियों को तोड़कर बनाने के लिए अभी तक कोई पॉलिसी ही नहीं थी. जिसके आधार पर पुरानी को तोड़कर नई बनाई जा सके और पुराने हितग्राहियों के हितों का संरक्षण भी किया जा सके. नई पॉलिसी में कई महत्वपूर्ण प्रावधान किए गए हैं.
- नई पॉलिसी में प्रावधान किया गया है कि जर्जर मल्टी को तोड़कर बिल्डर या सोसायटी नई मल्टी बना सकेगी. इसके लिए फ्लैट मालिक को अलग से पैसा नहीं देना होगा.
- मल्टी बनाने वाले बिल्डर या सोसायटी को मल्टी बनाने पर उसमें अतिरिक्त एफएआर मिलेगा. जिससे मल्टी पर कुछ अतिरिक्त फ्लोर बनेंगे, जिससे निर्माण की लागत और फायदा निकाला जा सकेगा.
- फ्लोर एरिया पर नए फ्लैट और भवन की साइट भी एफएआर के हिसाब से बढ़ जाएगा, लेकिन इसके लिए अलग से कोई से पैसा नहीं देना होगा. फ्लैट मालिकों को नए फ्लैट की अलग से रजिस्ट्री भी नहीं करानी होगी.
- री-डेवपलमेंट प्रोजेक्ट में कुल कंस्ट्रक्शन एरिया में बिल्डर 7.5 की वृद्धि कर सकेगा. यानी जो खुला क्षेत्र है उसमें कंस्ट्रक्शन को बढ़ाया जा सकेगा.
- यदि कोई मल्टी तीन मंजिला है तो ग्राउंड फ्लोर पर रहने वाले को फर्स्ट फ्लोर पर फ्लैट मिलेगा. ग्राउंड फ्लोर पर पार्किंग अनिवार्य रहेगी.
- यदि मल्टी कमर्शियल क्षेत्र में आ गई है तो उसका लैंड यूज चेंज किया जा सकेगा, हालांकि इसका निर्णय सीनियर सेक्रेटरी की कमेटी करेगी.