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युवा स्वाभिमान योजना को बंद करने की तैयारी में शिवराज सरकार, कांग्रेस ने किया विरोध

मध्य प्रदेश सरकार प्रेदश में कमलनाथ सरकार के कार्यकाल में शुरू हुई युवा स्वाभिमान योजना को बंद करने की तैयारी कर रही है. जिसको लेकर एक बार प्रदेश में सियासत गरमा गई है.

yuva swabhiman yojna
युवा स्वाभिमान योजना
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Published : Jun 4, 2020, 11:51 AM IST

Updated : Jun 4, 2020, 12:52 PM IST

भोपाल। शहरी युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए कमलनाथ सरकार के समयकाल में शुरू हुई युवा स्वाभिमान योजना को राज्य सरकार बंद करने की तैयारी कर रही है. योजना की हालत पहले ही खराब है. स्थिति यह है कि पिछले पांच महीनों से युवाओं को मानदेय मिलना ही बंद हो गया है.

कांग्रेस ने किया विरोध

वहीं अब तक इस योजना के तहत प्रदेश भर में करीब चार लाख 24 हजार युवाओं ने रोजगार मांगा था, लेकिन अब तक 18 हजार 396 युवाओं को ही 12 करोड़ रुपए का मानदेय दिया गया है. वहीं, प्रदेश में सत्ता बदलाव के बाद अब योजनाओं को बंद कर नए स्वरूप में लाने की तैयारी चल रही है.

युवा स्वाभिमान योजना को बंद करने की तैयारी में शिवराज सरकार

कमलनाथ सरकार ने फरवरी 2019 में मुख्यमंत्री युवा स्वाभिमान योजना की शुरूआत की थी. इस योजना के तहत शहरी युवाओं को कौशल उन्नयन प्रदान करने और कार्यकुशलता के हिसाब से नगरी निकायों में रोजगार उपलब्ध कराना था. इस योजना के तहत 21 से 30 वर्ष की आयु के युवाओं को 100 दिन का रोजगार उपलब्ध कराया जाना था. वहीं युवाओं को तीन किस्तों में चार हजार रुपए देना भी निर्धारित किया गया था.

जनवरी 2020 में कमलनाथ सरकार ने इसे बढ़ाकर पांच हजार रुपए प्रति माह कर दिया था, लेकिन योजना के अपेक्षाकृत परिणाम नहीं आ पाए. प्रदेश की 166 नगरीय निकायों में ही ये योजना संचालित हो पाई. इन इकाइयों में चार लाख 24 हजार हितग्राहियों का पंजीयन किया गया लेकिन कुल 38 ट्रेड की 184 बैच में 19 हजार 932 हितग्राही ही प्रशिक्षण ले पाए.

भोपाल में मिला 527 को रोजगार
इस योजना के तहत राजधानी भोपाल में 527 युवाओं को रोजगार मिल पाया, जबकि पंजीयन 18 हजार 92 हितग्राहियों ने कराया था. इसके अलावा जबलपुर में 12 हजार 296 युवाओं ने पंजीयन कराया जबकि रोजगार महज एक हजार 316 लोगों को मिला. उज्जैन में चार हजार 201 युवाओं ने पंजीयन कराया और रोजगार महज 303 को मिला. वहीं ग्वालियर में नौ हजार युवाओं के रजिस्ट्रेशन पर 120 को रोजगार मिला. इसी तरह मंदसौर में एक हजार 556 रजिस्ट्रेशन कराने वालों में से 313 को रोजगार मिल सका.

बीजेपी के पहले से निशाने पर रही है योजना

कांग्रेस प्रवक्ता अजय यादव ने प्रदेश सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि मुख्यमंत्री युवा स्वाभिमान योजना पहले से ही बीजेपी के निशाने पर रही है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान इस योजना को लेकर कांग्रेस पर निशाना साधते रहे हैं. अब सत्ता में आने के बाद इस योजना को लेकर सरकार, कांग्रेस पर हमलावर है. वहीं गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा के मुताबिक कमलनाथ सरकार ने योजना के नाम पर युवाओं को सिर्फ ठगने का काम किया है. इसलिए इस योजना को नए तरीके से चालू किया जाएगा.

भोपाल। शहरी युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए कमलनाथ सरकार के समयकाल में शुरू हुई युवा स्वाभिमान योजना को राज्य सरकार बंद करने की तैयारी कर रही है. योजना की हालत पहले ही खराब है. स्थिति यह है कि पिछले पांच महीनों से युवाओं को मानदेय मिलना ही बंद हो गया है.

कांग्रेस ने किया विरोध

वहीं अब तक इस योजना के तहत प्रदेश भर में करीब चार लाख 24 हजार युवाओं ने रोजगार मांगा था, लेकिन अब तक 18 हजार 396 युवाओं को ही 12 करोड़ रुपए का मानदेय दिया गया है. वहीं, प्रदेश में सत्ता बदलाव के बाद अब योजनाओं को बंद कर नए स्वरूप में लाने की तैयारी चल रही है.

युवा स्वाभिमान योजना को बंद करने की तैयारी में शिवराज सरकार

कमलनाथ सरकार ने फरवरी 2019 में मुख्यमंत्री युवा स्वाभिमान योजना की शुरूआत की थी. इस योजना के तहत शहरी युवाओं को कौशल उन्नयन प्रदान करने और कार्यकुशलता के हिसाब से नगरी निकायों में रोजगार उपलब्ध कराना था. इस योजना के तहत 21 से 30 वर्ष की आयु के युवाओं को 100 दिन का रोजगार उपलब्ध कराया जाना था. वहीं युवाओं को तीन किस्तों में चार हजार रुपए देना भी निर्धारित किया गया था.

जनवरी 2020 में कमलनाथ सरकार ने इसे बढ़ाकर पांच हजार रुपए प्रति माह कर दिया था, लेकिन योजना के अपेक्षाकृत परिणाम नहीं आ पाए. प्रदेश की 166 नगरीय निकायों में ही ये योजना संचालित हो पाई. इन इकाइयों में चार लाख 24 हजार हितग्राहियों का पंजीयन किया गया लेकिन कुल 38 ट्रेड की 184 बैच में 19 हजार 932 हितग्राही ही प्रशिक्षण ले पाए.

भोपाल में मिला 527 को रोजगार
इस योजना के तहत राजधानी भोपाल में 527 युवाओं को रोजगार मिल पाया, जबकि पंजीयन 18 हजार 92 हितग्राहियों ने कराया था. इसके अलावा जबलपुर में 12 हजार 296 युवाओं ने पंजीयन कराया जबकि रोजगार महज एक हजार 316 लोगों को मिला. उज्जैन में चार हजार 201 युवाओं ने पंजीयन कराया और रोजगार महज 303 को मिला. वहीं ग्वालियर में नौ हजार युवाओं के रजिस्ट्रेशन पर 120 को रोजगार मिला. इसी तरह मंदसौर में एक हजार 556 रजिस्ट्रेशन कराने वालों में से 313 को रोजगार मिल सका.

बीजेपी के पहले से निशाने पर रही है योजना

कांग्रेस प्रवक्ता अजय यादव ने प्रदेश सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि मुख्यमंत्री युवा स्वाभिमान योजना पहले से ही बीजेपी के निशाने पर रही है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान इस योजना को लेकर कांग्रेस पर निशाना साधते रहे हैं. अब सत्ता में आने के बाद इस योजना को लेकर सरकार, कांग्रेस पर हमलावर है. वहीं गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा के मुताबिक कमलनाथ सरकार ने योजना के नाम पर युवाओं को सिर्फ ठगने का काम किया है. इसलिए इस योजना को नए तरीके से चालू किया जाएगा.

Last Updated : Jun 4, 2020, 12:52 PM IST
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