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एमपी में बाढ़ से बर्बादी का आंकलन करेगी टास्क फोर्स! 11 विभागों के अधिकारी होंगे शामिल

ग्वालियर चंबल संभाग के सात जिलों में बाढ़ से हुई तबाही का आंकलन करने के लिए प्रदेश सरकार ने 11 विभागों को मिलाकर एक टास्क फोर्स का गठन किया है, जो बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में हुई क्षति का आंकलन करेगी, ताकि जल्द से जल्द प्रभावितों को राहत पहुंचाई जा सके.

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सीएम शिवराज सिंह
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Published : Aug 6, 2021, 2:33 PM IST

भोपाल। प्रदेश के उत्तरी इलाके के 7 जिलों में बाढ़ से हुई तबाही के बाद राज्य सरकार ने पुनर्वास और अधो संरचना को दुरुस्त करने के लिए 11 विभागों को मिलाकर एक टास्ट फोर्स का गठन किया गया है. ये टास्क फोर्स बाढ़ से हुई क्षति का आंकलन करेगी और राहत एवं बचाव कार्य करेगी. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कैबिनेट की बैठक में कहा है कि सरकार की कोशिश है कि प्रारंभिक आंकलन कर राहत के लिए केन्द्र सरकार का निरीक्षण करा लिया जाए, ताकि जल्द से जल्द राहत राशि मिल सके और बाढ़ पीड़ितों को राशन एवं आवास की व्यवस्था करा दी जाए.

सीएम की लोगों से मदद की अपील

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने प्रदेश के आम लोगों से भी संकट की इस घड़ी में बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए आगे आने की अपील की है. सीएम ने कहा कि लोग अपनी क्षमता के हिसाब से राशन, बर्तन, कपड़े आदि दे सकते हैं. बाढ़ से ग्वालियर-चंबल के 7 जिलों में भारी नुकसान हुआ है. सीएम ने राजनीतिक पार्टियों से भी मदद के लिए आगे आने का आह्वान करते हुए कहा कि इस समय बयानबाजी तक सीमित न रहें.

6000 रुपए बतौर किराया देने पर विचार

सीएम ने कहा कि बाढ़ प्रभावितों को तत्काल राहत देने के लिए 50 किलो अतिरिक्त अनाज दिया जाएगा. प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत इन जिलों में 10 किलो के साथ यह अनाज अतिरिक्त दिया जाएगा, जिनके घर बाढ़ में टूट या गिर गए हैं, उनके मकान तत्काल तो नहीं बन सकते, पर सीएम को ऐसा विचार आया है कि ऐसे परिवारों को 6000 रुपया बतौर किराया दिया जाए तो उनकी व्यवस्था ठीक हो सकती है. प्रधानमंत्री आवास योजना में जितना पैसा मिलता है, मकान बनाने के लिए उतने पैसे दिए जाएंगे, जबकि मृतकों के परिजनों को 4 लाख रुपए की सहायत राशि दी जाएगी.

भोपाल। प्रदेश के उत्तरी इलाके के 7 जिलों में बाढ़ से हुई तबाही के बाद राज्य सरकार ने पुनर्वास और अधो संरचना को दुरुस्त करने के लिए 11 विभागों को मिलाकर एक टास्ट फोर्स का गठन किया गया है. ये टास्क फोर्स बाढ़ से हुई क्षति का आंकलन करेगी और राहत एवं बचाव कार्य करेगी. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कैबिनेट की बैठक में कहा है कि सरकार की कोशिश है कि प्रारंभिक आंकलन कर राहत के लिए केन्द्र सरकार का निरीक्षण करा लिया जाए, ताकि जल्द से जल्द राहत राशि मिल सके और बाढ़ पीड़ितों को राशन एवं आवास की व्यवस्था करा दी जाए.

सीएम की लोगों से मदद की अपील

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने प्रदेश के आम लोगों से भी संकट की इस घड़ी में बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए आगे आने की अपील की है. सीएम ने कहा कि लोग अपनी क्षमता के हिसाब से राशन, बर्तन, कपड़े आदि दे सकते हैं. बाढ़ से ग्वालियर-चंबल के 7 जिलों में भारी नुकसान हुआ है. सीएम ने राजनीतिक पार्टियों से भी मदद के लिए आगे आने का आह्वान करते हुए कहा कि इस समय बयानबाजी तक सीमित न रहें.

6000 रुपए बतौर किराया देने पर विचार

सीएम ने कहा कि बाढ़ प्रभावितों को तत्काल राहत देने के लिए 50 किलो अतिरिक्त अनाज दिया जाएगा. प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत इन जिलों में 10 किलो के साथ यह अनाज अतिरिक्त दिया जाएगा, जिनके घर बाढ़ में टूट या गिर गए हैं, उनके मकान तत्काल तो नहीं बन सकते, पर सीएम को ऐसा विचार आया है कि ऐसे परिवारों को 6000 रुपया बतौर किराया दिया जाए तो उनकी व्यवस्था ठीक हो सकती है. प्रधानमंत्री आवास योजना में जितना पैसा मिलता है, मकान बनाने के लिए उतने पैसे दिए जाएंगे, जबकि मृतकों के परिजनों को 4 लाख रुपए की सहायत राशि दी जाएगी.

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