भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा के पूर्व स्पीकर एनपी प्रजापति ने सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की है. जिसमें उन्होंने सवाल उठाया है कि शिवराज मंत्रिमंडल का आकार विधानसभा में सदस्यों की संख्या को देखते हुए वैधानिक व्यवस्था के खिलाफ है. वर्तमान में मध्यप्रदेश विधानसभा सदस्य संख्या के हिसाब से मंत्रिमंडल का गठन होना चाहिए और जो चुने हुए जनप्रतिनिधि हैं उसके 15 फीसदी ही मंत्री बन सकते हैं, जबकि शिवराज कैबिनेट में ये संख्या ज्यादा है.
पूर्व विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट में उन्होंने एक जनहित याचिका दायर की है. वकीलों के माध्यम से मूल बात उठाई है कि वर्तमान में मध्यप्रदेश विधानसभा सदस्य संख्या 204 बची है, तो जो भी मंत्रिमंडल का गठन हो उसमें चुने हुए प्रतिनिधि हों और उनके अनुपात के 15 फीसदी ही मंत्री बनाए जाएं.
गौरतलब है कि शिवराज सिंह मंत्रिमंडल में फिलहाल मुख्यमंत्री के साथ मंत्रियों की संख्या 34 पहुंच गई है. ये संख्या विधानसभा की कुल सीट 230 की संख्या के अनुसार है. लेकिन इस मामले में कांग्रेस को ऐतराज है कि फिलहाल मध्यप्रदेश विधानसभा की सदस्य संख्या 204 है और इस हिसाब से मंत्रिमंडल के सदस्यों की संख्या 31 होनी चाहिए. लेकिन शिवराज मंत्रिमंडल के सदस्यों की संख्या तीन ज्यादा है.
मंत्रिमंडल के गठन के दिन ही भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के लीगल सेल के हेड विवेक तन्खा ने इस मामले पर ट्वीट करके याचिका दायर करने की बात कही थी. आज उसी कड़ी में मध्यप्रदेश विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष एनपी प्रजापति ने याचिका दायर की है.