भोपाल (IANS)। मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले आए फीडबैक ने भाजपा की चिंताएं बढ़ा दी हैं. यही कारण है कि अब राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े लोगों ने जमीनी स्तर पर सक्रियता बढ़ा दी है. संघ के कार्यकर्ता जमीनी फीडबैक तो जुटा ही रहे हैं, साथ में सरकार की योजनाओं से आमजन को अवगत करा रहे हैं. राज्य के विधानसभा चुनाव को लेकर अब तक आए तमाम मीडिया हाउस के सर्वे और जमीनी फीडबैक के बाद से भाजपा चिंतित और वह जमीनी हालात में सुधार लाने की हर संभव कोशिश कर रही है.
एमपी में भाजपा की मदद के लिए आगे आई आरएसएस: एक तरफ जहां पार्टी ने बड़े चेहरों को मैदान में उतरकर हालात संभालने की कोशिश की है, वहीं दूसरी ओर अब आरएसएस भी भाजपा की मदद के लिए आगे आया है. संघ से जुडे़ सूत्रों का कहना है कि विभिन्न अनुशंगिक संगठनों से नाता रखने वाले कार्यकर्ता और पदाधिकारी लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखकर बीते दो माह से राज्य के अलग-अलग हिस्सों में सक्रिय हैं, मगर अब इन पर एक बड़ी जिम्मेदारी आन पड़ी है और वह है राज्य का विधानसभा चुनाव.
स्वयं सेवकों के फीडबैक ने भाजपा के कान खड़े: पिछले दिनों में इन जमीनी स्तर पर काम कर रहे हजारों स्वयं सेवकों का जो फीडबैक आया है उसके बाद से ही संघ की ओर से विधानसभा चुनाव में भी पार्टी के लिए मदद की रणनीति बनाई गई है. सूत्रों की मानें तो चार हजार से ज्यादा संघ से नाता रखने वाले विभिन्न संगठनों के कार्यकर्ताओं को भाजपा की जमीनी स्थिति में सुधार लाने की जिम्मेदारी सौंपी गई है. यह वे संगठन हैं जो सामाजिक तौर पर अलग-अलग वर्गों के बीच काम करते हैं. किसानों के बीच काम करते हैं, आदिवासियों के बीच काम करते हैं.
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संघ से जुड़े लोग भाजपा की जमीन को मजबूत करने में जुटे: आरएसएस के ये लोग समाज के अलग-अलग वर्गों के बीच पहुंचकर भाजपा सरकार की उपलब्धियों का प्रचार प्रसार तो कर ही रहे हैं, साथ ही लोगों को इस बात के लिए सहमत कर रहे हैं कि वर्तमान हालात में अगर राष्ट्रवादी पार्टी सत्ता से बाहर होती है तो देश का बड़ा नुकसान होगा. इस दौरान कश्मीर से धारा 370 खत्म करने, राम मंदिर और तीन तलाक जैसे कानून पर भी चर्चा हो रही है. इसके अलावा समान नागरिक संहिता को देश के लिए जरूरी बताया जा रहा है. कुल मिलाकर संघ से जुड़े लोग भाजपा की जमीन को मजबूत करने में लगे हैं.