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कांग्रेस में टिकट से पहले विरोध थामने की कोशिश, मंगलवार से शुरू होगा मंथन, 10 सितंबर के पहले आ सकती है पहली सूची

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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Aug 31, 2023, 9:36 PM IST

MP Election 2023: एमपी में विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस में टिकट बंटवारे को लेकर मंगलवार से मंथन शुरू होने जा रहा है. कांग्रेस में टिकट से पहले विरोध थामने की कोशिश कर रही है.

MP Election 2023
एमपी कांग्रेस

भोपाल। आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुटी कांग्रेस में टिकट बंटवारे को लेकर मंगलवार से मंथन शुरू होने जा रहा है. टिकट बंटवारे के पहले कांग्रेस इस बार टिकट के बाद के घमासान को थामने की पहले कोशिश कर रही है. टिकट का फार्मूला सिर्फ जिताऊ कैंडीडेट ही रखा गया है. बताया जा रहा है कि पार्टी डेढ़ दर्जन मौजूदा विधायकों के टिकट काट सकती है, वहीं कई पुराने नेताओं के स्थानों पर युवा चेहरों को मैदान में उतारने जा रही है. पार्टी में विरोध के स्वर थामने के लिए पार्टी आलाकमान को फाइनल दावेदारों के नाम भेजे जाएंगे. आलाकमान की सहमति के बाद सूची जारी की जाएगी. माना जा रहा है कि कांग्रेस की पहली सूची 10 सितंबर के पहले आ सकती है.

प्रभारियों, जिला-ब्लॉक अध्यक्षों से ली जाएगी सहमति: पूर्व मंत्री व पार्टी के वरिष्ठ नेता सज्जन सिंह वर्मा के मुताबिक "उम्मीदवारों की सूची को लेकर पूरी तैयारियां कर ली गई है. सोमवार को स्क्रीनिंग कमेटी भोपाल पहुंच जाएगी. 2 सितंबर को स्क्रीनिंग कमेटी, चुनाव समिति और वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठक करेंगे. 4 सितंबर को विधायकों, पूर्व विधायक, सांसद, पूर्व सांसदों के साथ बैठक होगी. बताया जा रहा है कि बैठकों के दौरान प्रत्येक सीट से एक और दो नाम तय कर स्क्रीनिंग कमेटी में रखे जाएंगे. दावेदारों को लेकर जिला प्रभारी, जिला ध्यक्ष और इलेक्शन कमेटियों से बंद लिफाफों में नाम मांगे गए हैं. स्क्रीनिंग कमेटी के साथ पीसीसी और एआईसीसी द्वारा कराई गई सर्वे रिपोर्ट को रखा जाएगा.

टुकड़ों में जारी होगी सूची: सूचियों में जिस सीट पर एक समान मजबूत दावेदारों के नाम सामने आएंगें. उनकी अलग सूची बनाकर स्क्रीनिंग कमेटी के सामने रखा जाएगा. इसके बाद सिंगल नाम तय कर सेंट्रल इलेक्शन कमेटी के पास भेजे जाएंगे. पार्टी आलाकमान की सहमति के बाद अंतिम सूची जारी की जाएगी. कांग्रेस नेता सज्जन सिंह वर्मा के मुताबिक कांग्रेस की एक साथ सूची जारी नहीं होगी, बल्कि उम्मीदवारों की टुकडों-टुकड़ों में सूची जारी की जाएगी. बताया जा रहा है कि सबसे पहले उन विधानसभा सीटों के उम्मीदवारों का ऐलान किया जाएगा, ताकि पार्टी के पास मजबूत दावेदार मौजूद हैं और उसके नाम पर किसी तरह का विरोध नहीं है. इसके बाद पार्टी के सिटिंग एमएलए के नामों का ऐलान किया जाएगा. इसके बाद नए चेहरे वाली विधानसभा सीटों और उन सीटों का ऐलान किया जाएगा, जहां दूसरी पार्टी से आए नेताओं को बतौर उम्मीदवार उतारना है.

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विरोध थामने की कोशिश:

  1. टिकट को लेकर घमासान और उम्मीदवारों के नामों के ऐलान के बाद बगावत को थामने के लिए कांग्रेस पहले ही फील्डिंग में जुट गई है. कांग्रेस की कोशिश है कि टिकट वितरण से लेकर चुनाव तक पार्टी की एकजुटता दिखाई देनी चाहिए. माना जा रहा है कि प्रत्याशियों के नामों के ऐलान के बाद कुछ स्थानों पर विरोध दिखाई दे सकता है. इसका असर पार्टी की चुनावी तैयारियों पर न पड़े, इसके लिए पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को जिम्मेदारी सौंपी गई है. पार्टी ने टिकट के पहले ही जिला, ब्लॉक स्तर पर समन्वय बनाने की कोशिशें शुरू कर दी हैं.
  2. दावेदारों के नामों पर सहमति बनाने के लिए पार्टी ने ब्लॉक से लेकर, जिला और प्रदेश पदाधिकारियों से चर्चा की जाएगी. इसके लिए सभी को 4 सितंबर को भोपाल बुलाया गया है. सभी पदाधिकारियों के साथ स्क्रीनिंग कमेटी चर्चा करेंगे.
  3. पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह लगातार हारते आ रहे विधानसभा सीटों के अलावा अनुसूचित जाति वर्ग के आरक्षित सीटों पर दौरे कर चुके हैं. इस दौरान दिग्विजय सिंह ने तमाम दावेदारों को शपथ तक दिला चुके हैं कि टिकट न मिलने पर पार्टी से बगावत नहीं करेंगे.
  4. विरोध की आशंकाएं इसलिए भी पार्टी में हैं क्योंकि पार्टी में जिला अध्यक्षों की नियुक्ति को लेकर खुलकर विरोध सामने आ चुका है.

भोपाल। आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुटी कांग्रेस में टिकट बंटवारे को लेकर मंगलवार से मंथन शुरू होने जा रहा है. टिकट बंटवारे के पहले कांग्रेस इस बार टिकट के बाद के घमासान को थामने की पहले कोशिश कर रही है. टिकट का फार्मूला सिर्फ जिताऊ कैंडीडेट ही रखा गया है. बताया जा रहा है कि पार्टी डेढ़ दर्जन मौजूदा विधायकों के टिकट काट सकती है, वहीं कई पुराने नेताओं के स्थानों पर युवा चेहरों को मैदान में उतारने जा रही है. पार्टी में विरोध के स्वर थामने के लिए पार्टी आलाकमान को फाइनल दावेदारों के नाम भेजे जाएंगे. आलाकमान की सहमति के बाद सूची जारी की जाएगी. माना जा रहा है कि कांग्रेस की पहली सूची 10 सितंबर के पहले आ सकती है.

प्रभारियों, जिला-ब्लॉक अध्यक्षों से ली जाएगी सहमति: पूर्व मंत्री व पार्टी के वरिष्ठ नेता सज्जन सिंह वर्मा के मुताबिक "उम्मीदवारों की सूची को लेकर पूरी तैयारियां कर ली गई है. सोमवार को स्क्रीनिंग कमेटी भोपाल पहुंच जाएगी. 2 सितंबर को स्क्रीनिंग कमेटी, चुनाव समिति और वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठक करेंगे. 4 सितंबर को विधायकों, पूर्व विधायक, सांसद, पूर्व सांसदों के साथ बैठक होगी. बताया जा रहा है कि बैठकों के दौरान प्रत्येक सीट से एक और दो नाम तय कर स्क्रीनिंग कमेटी में रखे जाएंगे. दावेदारों को लेकर जिला प्रभारी, जिला ध्यक्ष और इलेक्शन कमेटियों से बंद लिफाफों में नाम मांगे गए हैं. स्क्रीनिंग कमेटी के साथ पीसीसी और एआईसीसी द्वारा कराई गई सर्वे रिपोर्ट को रखा जाएगा.

टुकड़ों में जारी होगी सूची: सूचियों में जिस सीट पर एक समान मजबूत दावेदारों के नाम सामने आएंगें. उनकी अलग सूची बनाकर स्क्रीनिंग कमेटी के सामने रखा जाएगा. इसके बाद सिंगल नाम तय कर सेंट्रल इलेक्शन कमेटी के पास भेजे जाएंगे. पार्टी आलाकमान की सहमति के बाद अंतिम सूची जारी की जाएगी. कांग्रेस नेता सज्जन सिंह वर्मा के मुताबिक कांग्रेस की एक साथ सूची जारी नहीं होगी, बल्कि उम्मीदवारों की टुकडों-टुकड़ों में सूची जारी की जाएगी. बताया जा रहा है कि सबसे पहले उन विधानसभा सीटों के उम्मीदवारों का ऐलान किया जाएगा, ताकि पार्टी के पास मजबूत दावेदार मौजूद हैं और उसके नाम पर किसी तरह का विरोध नहीं है. इसके बाद पार्टी के सिटिंग एमएलए के नामों का ऐलान किया जाएगा. इसके बाद नए चेहरे वाली विधानसभा सीटों और उन सीटों का ऐलान किया जाएगा, जहां दूसरी पार्टी से आए नेताओं को बतौर उम्मीदवार उतारना है.

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विरोध थामने की कोशिश:

  1. टिकट को लेकर घमासान और उम्मीदवारों के नामों के ऐलान के बाद बगावत को थामने के लिए कांग्रेस पहले ही फील्डिंग में जुट गई है. कांग्रेस की कोशिश है कि टिकट वितरण से लेकर चुनाव तक पार्टी की एकजुटता दिखाई देनी चाहिए. माना जा रहा है कि प्रत्याशियों के नामों के ऐलान के बाद कुछ स्थानों पर विरोध दिखाई दे सकता है. इसका असर पार्टी की चुनावी तैयारियों पर न पड़े, इसके लिए पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को जिम्मेदारी सौंपी गई है. पार्टी ने टिकट के पहले ही जिला, ब्लॉक स्तर पर समन्वय बनाने की कोशिशें शुरू कर दी हैं.
  2. दावेदारों के नामों पर सहमति बनाने के लिए पार्टी ने ब्लॉक से लेकर, जिला और प्रदेश पदाधिकारियों से चर्चा की जाएगी. इसके लिए सभी को 4 सितंबर को भोपाल बुलाया गया है. सभी पदाधिकारियों के साथ स्क्रीनिंग कमेटी चर्चा करेंगे.
  3. पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह लगातार हारते आ रहे विधानसभा सीटों के अलावा अनुसूचित जाति वर्ग के आरक्षित सीटों पर दौरे कर चुके हैं. इस दौरान दिग्विजय सिंह ने तमाम दावेदारों को शपथ तक दिला चुके हैं कि टिकट न मिलने पर पार्टी से बगावत नहीं करेंगे.
  4. विरोध की आशंकाएं इसलिए भी पार्टी में हैं क्योंकि पार्टी में जिला अध्यक्षों की नियुक्ति को लेकर खुलकर विरोध सामने आ चुका है.
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