भोपाल। कांग्रेस प्रदेश प्रभारी रणदीप सुरजेवाला ने केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया सहित भाजपा नेताओं पर जमकर हमला बोला है. सुरजेवाला में कहा है कि "बीजेपी की आपसी घमासान हर रोज देखने को मिल रहा है, ज्योतिरादित्य सिंधिया को तो कहा जाता है कि ग्वालियर में मत जाइए, वहां जूते बजेंगे. राकेश सिंह को ग्वालियर में यात्रा का प्रभारी बनाया गया, लेकिन तीन दिनों तक उन्हें मंच पर बैठने की अनुमति नहीं दी गई. बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष बीडी शर्मा को तो बैरियर फांद कर मंच तक आना पड़ रहा है, बीजेपी के नेता देखिए किस तरह से अपमानित हो रहे हैं. क्या यह नहीं दर्शाता कि भारतीय जनता पार्टी हर का मोह सामने देखकर बौखलाई हुई है."
बीना रिफाइनरी का मनमोहन के समय हो चुका उद्घाटन: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा एक दिन पहले बिना रिफायनरी का लोकार्पण कार्यक्रम को लेकर सूरजेवाला ने बीजेपी पर आरोप लगाया कि "मई 2011 में जिन शिवराज सिंह चौहान ने तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के साथ 12000 करोड़ के बीना रिफाइनरी के निर्माण और लोकार्पण में हिस्सा लिया था, अब एक बार फिर वह उसी का लोकार्पण करा रहे हैं, उसमें अगर एक नई मशीन लगाओगे तो क्या उसमें करोड़ों रुपए खर्च कर दोगे. अब खबरें आ रही है कि मध्य प्रदेश का 34 प्रतिशत जीडीपी का कर्ज हो गया है, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पिछले 1 हफ्ते में 3000 घोषणाएं कर चुके हैं, उनकी ना कोई घोषणा लागू होने वाली है और ना ही वह कर सकते हैं. लेकिन उन्हें मालूम है कि झूठ बोलो और झूठ बोलो, बार-बार झूठ बोलो और ऐसा कर के वह लोगों को बहका रहे हैं, लेकिन मध्य प्रदेश की 8 करोड़ जनता बेवकूफ नहीं है."
पीएम मोदी पर सुरजेवाला का पलटवार: बीना रिफाइनरी के कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इंडिया गठबंधन पर सनातन को खत्म करने के आरोपी को लेकर सुरजेवाला ने पलटवार किया है. सुरजेवाला ने कहा कि "जो असली में गोडसे के उत्तराधिकारी है, वह अब महात्मा गांधी की बात कर रहे हैं. कांग्रेस पार्टी का यह इतिहास रहा है कि हमने भारत के लिए हिंदुस्तान के लिए हमेशा सीने पर गोली खाई है, महात्मा गांधी हो या फिर इंदिरा गांधी या फिर राजीव गांधी, यही नहीं पंजाब के मुख्यमंत्री रहे हो या छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री, कांग्रेस के नेताओं ने इस देश को अपने खून से सींचा है. वह लोग जिन्होंने भारत को भाषा, जाति, क्षेत्र और विचारों के आधार पर तोड़ने की राजनीति की है, उन्हें कोई अधिकार नहीं है कि वह इस देश की परंपरा और संस्कृति को चुनौती दें. सनातन परंपरा युगांतर से है, जब मैं और आप नहीं होंगे, तब भी यह परंपरा रहेगी, क्योंकि यह भारत की संस्कृति, भारत की सोच का यह अभिन्न हिस्सा है."