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MP BJP Overage Candidate : उम्रदराज नेताओं को चुनाव लड़ाने पर क्यों विवश हुई BJP, 14 प्रत्याशी 70 पार, ये है इनसाइड स्टोरी

मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में बीजेपी किसी भी हालत में फतह हासिल करना चाहती है. यही वजह है कि प्रत्याशियों की उम्र के क्राइटएरिया को दरकिनार कर 70 साल के पार बुजुर्गों को मैदान में उतारा है. बीजेपी ने इस बार 70 से अधिक उम्र के 14 उम्मीदवारों पर भरोसा जताया है. इनमें से एक उम्मीदवार की उम्र 80 साल है. बता दें कि इससे पहले बीजेपी 70 साल पार के नेताओं को मार्गदर्शक मंडल में डालती रही है. MP BJP Overage Candidate

MP Chunav BJP overage Candidate
उम्रदराज नेताओं को चुनाव लड़ाने पर विवश क्यों हुई BJP
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By PTI

Published : Nov 13, 2023, 11:21 AM IST

भोपाल (Agency, PTI)। मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में इस बार मुकाबला काफी कड़ा है. बीजेपी किसी भी हालत में ये चुनाव जीतना चाहती है. इसी के मद्देनजर बीजेपी ने 3 केंद्रीय मंत्रियों और एक महासचिव सहित सात सांसदों को मैदान में चुनाव लड़ने के लिए उतारा है. इसी के साथ उम्र के दायरे को भी एक तरफ रख दिया है. भाजपा ने आक्रामक हुई कांग्रेस से आगे रहने और बहुमत की सीटें हासिल करने की अपनी संभावनाओं को बढ़ाने के लिए दृष्टिकोण में थोड़ा बदलाव किया है. बीजेपी ने इस बार 70 से अधिक उम्र के 14 उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है, जिनमें सबसे उम्रदराज 80 साल के हैं. इसके विपरीत विपक्षी दल कांग्रेस ने 70 साल से अधिक उम्र के 9 उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है. MP BJP Overage Candidate

उम्रदराज नेताओं की उपेक्षा घातक : राजनीतिक के जानकारों के अनुसार भाजपा का युद्ध के घोड़े के साथ जाने का कदम कर्नाटक चुनावों में उसकी हार का नतीजा है. जहां उसने स्पष्ट रूप से पूर्व मुख्यमंत्री जगदीश शेट्टार (67) और पूर्व उप-मुख्यमंत्री केएस ईश्वरप्पा जैसे पुराने नेताओं के बजाय युवा उम्मीदवारों को चुना था. भाजपा ने मध्यप्रदेश में पूर्व मंत्री नागेंद्र सिंह नागौद (80) को सतना जिले के नागौद विधानसभा क्षेत्र से और नागेंद्र सिंह (79) को रीवा जिले के गुढ़ से मैदान में उतारा है. गुढ़ आप के प्रखर प्रताप सिंह से भी एकदम अलग हैं, जिन्होंने 25 साल की उम्र में राज्य में सबसे कम उम्र के उम्मीदवार के रूप में मैदान में उतरने के लिए अमेरिका में अपनी नौकरी छोड़ दी. MP BJP Overage Candidate

कई की इच्छा तो कई कर रहे थे लामबंदी : राजनीतिक पर्यवेक्षक और मध्यप्रदेश में पंडित दीनदयाल विचार प्रकाशन द्वारा प्रकाशित मासिक पत्रिका 'चरैवती' के पूर्व संपादक जयराम शुक्ला कहते हैं कि इनमें कुछ बीजेपी ने के वरिष्ठ नेताओं ने पांच महीने पहले चुनाव लड़ने की अनिच्छा व्यक्त की थी. हालांकि दमोह से जयंत मलैया (76), अशोक नगर जिले के चंदेरी से जगन्नाथ सिंह रघुवंशी (75), नर्मदापुरम के होशंगाबाद से सीताशरण शर्मा (73), अनुपपुर सीट से बिसाहूलाल सिंह (73), ग्वालियर पूर्व से माया सिंह (73) चुनाव लड़ने के इच्छुक थे. इन्हें मैदान में उतारा गया है.

बीजेपी के ये उम्रदराज भी मैदान में : भाजपा द्वारा मैदान में उतारे गए अन्य दिग्गजों में राजगढ़ जिले के खिलचीपुर से हजारीलाल दांगी (72), नर्मदापुरम के सिवनी-मालवा से प्रेमशंकर वर्मा (72), शहडोल जिले के जैतपुर से जयसिंह मरावी (71), रेहली से गोपाल भार्गव (71) शामिल हैं. सागर जिले, जबलपुर के पाटन से अजय विश्नोई (71), श्योपुर सीट से दुर्गालाल विजय (71) और बालाघाट से गौरी शंकर बिसेन (71 हैं. बता दें कि 2016 में सरताज सिंह (तब 76 वर्ष) को कथित तौर पर उम्र अधिक होने के कारण शिवराज सिंह चौहान कैबिनेट से बाहर कर दिया गया था. सिंह को 2018 के विधानसभा चुनावों में टिकट से वंचित कर दिया गया था. तत्कालीन मंत्री कुसुम महदेले (अब 80 वर्ष) को भी पिछली बार टिकट देने से इनकार कर दिया गया था.

75 पार वालों को किया था बाय-बाय : भाजपा में दिग्गजों को टिकट दिए जाने से कई लोगों को आश्चर्य हुआ, जिन्होंने याद किया कि अप्रैल 2019 में, तत्कालीन भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने कहा था कि पार्टी ने 75 से ऊपर के लोगों को लोकसभा चुनाव के टिकट नहीं देने का फैसला किया है, जिसके कारण लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी जैसे दिग्गज नेता सामने आए. वरिष्ठ पत्रकार और राजनीतिक विश्लेषक राकेश दीक्षित ने कहा, इस बार, भाजपा सत्ता बरकरार रखने के लिए आजमाए हुए और परखे हुए लोगों पर उम्मीद लगाए बैठी है. यह सिर्फ सुविधा की राजनीति है.

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कांग्रेस के ये प्रत्याशी 70 पार : वहीं, कांग्रेस ने नीमच जिले के मनासा से नरेंद्र नाहटा (77), छिंदवाड़ा से कमल नाथ (76), बदनावर से भंवर सिंह शेखावत (73), अमरपाटन से राजेंद्र कुमार सिंह (73), होशंगाबाद से गिरजाशंकर शर्मा (73), गोविंद को मैदान में उतारा है। सिंह और बैजनाथ सिंह यादव, दोनों 72 वर्ष, क्रमशः भिंड के लहार और शिवपुरी के कोलारस से, सज्जन सिंह वर्मा और सुभाष सोजतिया, दोनों 71 वर्ष, क्रमशः सोनकच्छ और गैरोठ से मैदान में उतारा है. MP BJP Overage Candidate

भोपाल (Agency, PTI)। मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में इस बार मुकाबला काफी कड़ा है. बीजेपी किसी भी हालत में ये चुनाव जीतना चाहती है. इसी के मद्देनजर बीजेपी ने 3 केंद्रीय मंत्रियों और एक महासचिव सहित सात सांसदों को मैदान में चुनाव लड़ने के लिए उतारा है. इसी के साथ उम्र के दायरे को भी एक तरफ रख दिया है. भाजपा ने आक्रामक हुई कांग्रेस से आगे रहने और बहुमत की सीटें हासिल करने की अपनी संभावनाओं को बढ़ाने के लिए दृष्टिकोण में थोड़ा बदलाव किया है. बीजेपी ने इस बार 70 से अधिक उम्र के 14 उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है, जिनमें सबसे उम्रदराज 80 साल के हैं. इसके विपरीत विपक्षी दल कांग्रेस ने 70 साल से अधिक उम्र के 9 उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है. MP BJP Overage Candidate

उम्रदराज नेताओं की उपेक्षा घातक : राजनीतिक के जानकारों के अनुसार भाजपा का युद्ध के घोड़े के साथ जाने का कदम कर्नाटक चुनावों में उसकी हार का नतीजा है. जहां उसने स्पष्ट रूप से पूर्व मुख्यमंत्री जगदीश शेट्टार (67) और पूर्व उप-मुख्यमंत्री केएस ईश्वरप्पा जैसे पुराने नेताओं के बजाय युवा उम्मीदवारों को चुना था. भाजपा ने मध्यप्रदेश में पूर्व मंत्री नागेंद्र सिंह नागौद (80) को सतना जिले के नागौद विधानसभा क्षेत्र से और नागेंद्र सिंह (79) को रीवा जिले के गुढ़ से मैदान में उतारा है. गुढ़ आप के प्रखर प्रताप सिंह से भी एकदम अलग हैं, जिन्होंने 25 साल की उम्र में राज्य में सबसे कम उम्र के उम्मीदवार के रूप में मैदान में उतरने के लिए अमेरिका में अपनी नौकरी छोड़ दी. MP BJP Overage Candidate

कई की इच्छा तो कई कर रहे थे लामबंदी : राजनीतिक पर्यवेक्षक और मध्यप्रदेश में पंडित दीनदयाल विचार प्रकाशन द्वारा प्रकाशित मासिक पत्रिका 'चरैवती' के पूर्व संपादक जयराम शुक्ला कहते हैं कि इनमें कुछ बीजेपी ने के वरिष्ठ नेताओं ने पांच महीने पहले चुनाव लड़ने की अनिच्छा व्यक्त की थी. हालांकि दमोह से जयंत मलैया (76), अशोक नगर जिले के चंदेरी से जगन्नाथ सिंह रघुवंशी (75), नर्मदापुरम के होशंगाबाद से सीताशरण शर्मा (73), अनुपपुर सीट से बिसाहूलाल सिंह (73), ग्वालियर पूर्व से माया सिंह (73) चुनाव लड़ने के इच्छुक थे. इन्हें मैदान में उतारा गया है.

बीजेपी के ये उम्रदराज भी मैदान में : भाजपा द्वारा मैदान में उतारे गए अन्य दिग्गजों में राजगढ़ जिले के खिलचीपुर से हजारीलाल दांगी (72), नर्मदापुरम के सिवनी-मालवा से प्रेमशंकर वर्मा (72), शहडोल जिले के जैतपुर से जयसिंह मरावी (71), रेहली से गोपाल भार्गव (71) शामिल हैं. सागर जिले, जबलपुर के पाटन से अजय विश्नोई (71), श्योपुर सीट से दुर्गालाल विजय (71) और बालाघाट से गौरी शंकर बिसेन (71 हैं. बता दें कि 2016 में सरताज सिंह (तब 76 वर्ष) को कथित तौर पर उम्र अधिक होने के कारण शिवराज सिंह चौहान कैबिनेट से बाहर कर दिया गया था. सिंह को 2018 के विधानसभा चुनावों में टिकट से वंचित कर दिया गया था. तत्कालीन मंत्री कुसुम महदेले (अब 80 वर्ष) को भी पिछली बार टिकट देने से इनकार कर दिया गया था.

75 पार वालों को किया था बाय-बाय : भाजपा में दिग्गजों को टिकट दिए जाने से कई लोगों को आश्चर्य हुआ, जिन्होंने याद किया कि अप्रैल 2019 में, तत्कालीन भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने कहा था कि पार्टी ने 75 से ऊपर के लोगों को लोकसभा चुनाव के टिकट नहीं देने का फैसला किया है, जिसके कारण लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी जैसे दिग्गज नेता सामने आए. वरिष्ठ पत्रकार और राजनीतिक विश्लेषक राकेश दीक्षित ने कहा, इस बार, भाजपा सत्ता बरकरार रखने के लिए आजमाए हुए और परखे हुए लोगों पर उम्मीद लगाए बैठी है. यह सिर्फ सुविधा की राजनीति है.

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