भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव को लेकर इस बार दोनों प्रमुख दलों कांग्रेस व बीजेपी में कांटे की टक्कर है. सत्तारूढ़ बीजेपी में अंदरूनी घमासान छिड़ा हुआ है. इससे पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व परेशान है. पहली लिस्ट जारी करने के पीछे भी बीजेपी की रणनीति साफ है कि बगावती तेवर दिखाने वाले नेताओं को समझा-बुझाकर पार्टी के लिए काम करने पर राजी किया जा सका. साथ ही डैमेज कंट्रोल के लिए पर्याप्त समय मिलने से घोषित प्रत्याशी अपने स्तर पर क्षेत्र में फील्डिंग जमा सकता है. फिलहाल घोषित प्रत्याशियों के विरोध में उम्मीद से ज्यादा बगावत का माहौल बना हुआ है.
बीजेपी की ये है रणनीति : मध्यप्रदेश में करीब 66 ऐसी सीटें हैं, जहां साल 2018 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी को कम मार्जिन से हार का सामना करना पड़ा था. नतीजा ये रहा कि बीजेपी को सत्ता से बाहर होना पड़ा. हालांकि करीब डेढ़ साल बाद ही कांग्रेस में फूट के कारण बीजेपी फिर सत्ता में आ गई. लेकिन इसका नकारात्मक असर जनता के बीच पड़ा है. कांग्रेस ने बीजेपी को सौदेबाजी का आरोप लगाकर घेरना शुरू कर दिया है. इसे देखते हुए बीजेपी ने सत्ताविरोधी रुझान को कम करने के लिए ही उम्मीदवारों की सूची आचार संहिता लगने से पहले ही जारी करने का निर्णय लिया है.
केंद्रीय नेतृत्व ने दिखाई हरी झंडी : पहली सूची जारी होने के बाद विरोध के बावजूद बीजेपी ने दूसरी सूची में पहली की अपेक्षा ज्यादा उम्मीदवारों के नाम घोषित करने की पूरी तैयारी कर ली है. सर्वे के आधार पर जिताऊ प्रत्याशी के नाम तय कर लिए गए हैं. केंद्रीय नेतृत्व ने भी इस लिस्ट को पास कर दिया है. ये लिस्ट इसी सप्ताह जारी होने की संभावना है. दूसरी सूची में 51 से लेकर 60 नाम शामिल हैं. इनमें कई सीटें ऐसी हैं जहां जीत-हार का अंतर 1 से 2 हजार है. बीजेपी इन सीटों को हर हालत में अपने कब्जे में करना चाहती है. बीजेपी के रणनीतिकारों का मानना है कि अगर इनमें से आधी सीटें भी जीत गए तो सरकार बनाना बहुत आसान हो जाएगा.
इन सीटों पर नाम फाइनल : सूत्रों के अनुसार दूसरी सूची में वे सीटें भी शामिल की गई हैं, जहां बीजेपी को साल 2020 में हुए उपचुनाव में बहुत कम वोटों से हार का सामना करना पड़ा था. इन सीटों पर सर्वे के आधार पर नाम तय कर लिए गए हैं. ये सीटें हैं : राजनगर, दमोह, सांवेर, तराना, नार्थ जबलपुर, बुरहानपुर, राऊ, वारासिवनी, देवरी, नागदा, बड़नगर, आलोट, उदयपुरा, देपालपुर, लहार, खरगोन, ब्यावरा, राजपुर, देवरी, भगवानपुरा, कोतमा, अनूपपुर, कटंगी, भितरवार, लखनादौन, सतना, परासिया, चौराई, पश्चिमी जबलपुर, दिमनी, मुरैना, बैतूल, बड़वाह, डिंडोरी, सरदारपुर, मनावर, भांडेर, श्योपुर, शाजापुर, राघोगढ़, झाबुआ, डबरा, भीकनगांव आदि सीटों पर नाम फाइनल हो गए हैं. हालांकि इनमें कई सीटें ऐसी भी हैं जहां एक से लेकर 3 तगड़े दावेदार हैं. लेकिन सूत्र बताते हैं कि पार्टी ने सर्वे के आधार जीतने वाले के नाम फाइनल किए हैं.