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National Education Day 2021: एमपी का शिक्षा स्तर! 5 महीने पहले सीएम राइज स्कूल को मिली थी मंजूरी, अभी फंसा है कागजों में - मध्य प्रदेश में प्राइवेट स्कूल

एमपी का शिक्षा स्तर सुधारने के लिए शिवराज कैबिनेट में सीएम राइज स्कूल खोलने का लिया गया फैसला अब अधर में लटक गया है. ऐसे में सीएम शिवराज सिंह चौहान के सपने को कैसे अमलीजामा पहनाया जाएगा. वहीं मध्य प्रदेश में प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन सीएम के इस फैसले का विरोध कर रहे हैं. बता दें कि मध्य प्रदेश में सीएम राइज स्कूल योजना के तहत 9200 स्कूल खोलने का निर्णय लिया गया था. (National Education Day 2021)

cm rise school National Education Day 2021
सीएम राइज स्कूल
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Published : Nov 11, 2021, 8:02 AM IST

Updated : Nov 11, 2021, 11:59 AM IST

भोपाल। सीएम राइज स्कूल (CM Rise School) को भले ही शिवराज कैबिनेट (Shivraj Cabinet) ने मंजूरी दे दी है और एक मॉडल के रूप में भोपाल के रशीदिया स्कूल (Rashidiya School) को इसमें शामिल किया गया है, लेकिन प्रदेश में स्थिति अभी भी सिर्फ कागजों पर ही है. 5 महीने पहले कैबिनेट में हुए फैसले के बाद अभी तक इन स्कूलों के लिए न ही जमीन खोजी गई है, न ही कोई मॉडल. यही नहीं, कहां पर स्कूल बनेगा यह भी तय नहीं हुआ है. ऐसे में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chouhan) की इस योजना पर किस तरह से अमलीजामा पहनाया जाएगा और एमपी का शिक्षा स्तर (MP Education Level) कैसे सुधरेगा, यह बताने वाला कोई नहीं है.

कैबिनेट की 22 जून की बैठक में लिया था निर्णय
बता दें कि 22 जून को हुई कैबिनेट में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश में शिक्षा का स्तर सुधारने के लिए सीएम राइज स्कूल बनाने का सपना संजोया था. इस सपने को पूरा करने के लिए आनन-फानन में बैठक में शुरू हुई, जिसके लिए 7000 करोड़ की राशि को पहले फेज में मंजूरी मिली. योजना के 5 माह बाद भी स्थिति जस की तस बनी है. मध्य प्रदेश में सीएम राइज स्कूल योजना के तहत 9200 स्कूल खोलने का निर्णय लिया गया था. प्रथम चरण में 259 स्कूल खोले जाने थे, जिसमें से 96 स्कूल आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा और बाकी स्कूल शिक्षा विभाग के द्वारा खोले जाने थे.

हर 15 किमी पर सीएम राइज स्कूल खोलने का था लक्ष्य
सरकार ने एमपी का शिक्षा स्तर सुधारने के लिए अगले 3 वर्षों में उच्च गुणवत्ता और सर्व सुविधा युक्त इन स्कूलों को खोलने का निर्णय लिया है, जिसमें हर जिले में एक स्कूल को पहले खोलने की बात कही गई. इसके तहत हर 15 किलोमीटर पर एक सीएम राइज स्कूल को विकसित करने की बात कही गई थी. इन स्कूलों में बच्चों को ज्ञान कौशल के साथ ही नागरिकता संस्थान देने और भारतीय संस्कृति संस्कारों को देने की भी बात सामने आई. स्कूल शिक्षा विभाग उसको लेकर भोपाल के बरखेड़ी स्थित रशीदिया स्कूल को मॉडल के रूप में बनाकर तैयार कर चुका है. प्रदेश में सिर्फ यही एक सीएम राइज स्कूल है, इसके अलावा अन्य स्कूलों में काम न के बराबर है. (National Education Day 2021)

प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन है सरकार के फैसले के खिलाफ
अब पालक संघ के महासचिव सुबोध पंड्या ने भी आवाज उठाई है. उनका कहना है कि जब पहले ही सरकारी स्कूल और प्राइवेट स्कूलों को सरकार नहीं संभाल रही, तो इन स्कूलों को खोलने मैं पैसा क्यों खर्च किया जा रहा है. वहीं प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के अध्यक्ष अजीत सिंह सरकार के इस फैसले के खिलाफ हैं. इनका कहना है कि यह मध्य प्रदेश में प्राइवेट स्कूल (Private School in MP) बंद करने की एक साजिश है. प्राइवेट स्कूलों को बंद करने की सरकार की मंशा है, जिसका विरोध आगे भी जारी रहेगा.

Baalveer: अद्रिका और कार्तिक का साहस, जान जोखिम में डालकर भूखे प्यासों को खिलाया खाना

स्कूल शिक्षा विभाग के ज्वाइंट डायरेक्टर दिनेश कुशवाहा कहते हैं कि सरकार अपने लक्ष्य को जल्द प्राप्त करेगी. फिलहाल उपचुनाव के कारण अधिकारी व्यस्त थे. ऐसे में अब दिसंबर के बाद से निरंतर काम शुरू हो जाएगा. बता दें कि प्रदेश में चार स्तरों पर सीएम राइज स्कूल खोलने की व्यवस्था थी, जिसमें जिला, विकासखंड, संकुल और ग्रामों में खोले जाने प्रस्तावित थे. इन स्कूलों में विद्यार्थियों की संख्या भी 1500 से 3000 के बीच में रखी जानी थी. अभी तक इस में इंफ्रास्ट्रक्चर तो छोड़िए कागजी कार्यवाही पूरी नहीं हो पाई है. (National Education Day 2021)

भोपाल। सीएम राइज स्कूल (CM Rise School) को भले ही शिवराज कैबिनेट (Shivraj Cabinet) ने मंजूरी दे दी है और एक मॉडल के रूप में भोपाल के रशीदिया स्कूल (Rashidiya School) को इसमें शामिल किया गया है, लेकिन प्रदेश में स्थिति अभी भी सिर्फ कागजों पर ही है. 5 महीने पहले कैबिनेट में हुए फैसले के बाद अभी तक इन स्कूलों के लिए न ही जमीन खोजी गई है, न ही कोई मॉडल. यही नहीं, कहां पर स्कूल बनेगा यह भी तय नहीं हुआ है. ऐसे में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chouhan) की इस योजना पर किस तरह से अमलीजामा पहनाया जाएगा और एमपी का शिक्षा स्तर (MP Education Level) कैसे सुधरेगा, यह बताने वाला कोई नहीं है.

कैबिनेट की 22 जून की बैठक में लिया था निर्णय
बता दें कि 22 जून को हुई कैबिनेट में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश में शिक्षा का स्तर सुधारने के लिए सीएम राइज स्कूल बनाने का सपना संजोया था. इस सपने को पूरा करने के लिए आनन-फानन में बैठक में शुरू हुई, जिसके लिए 7000 करोड़ की राशि को पहले फेज में मंजूरी मिली. योजना के 5 माह बाद भी स्थिति जस की तस बनी है. मध्य प्रदेश में सीएम राइज स्कूल योजना के तहत 9200 स्कूल खोलने का निर्णय लिया गया था. प्रथम चरण में 259 स्कूल खोले जाने थे, जिसमें से 96 स्कूल आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा और बाकी स्कूल शिक्षा विभाग के द्वारा खोले जाने थे.

हर 15 किमी पर सीएम राइज स्कूल खोलने का था लक्ष्य
सरकार ने एमपी का शिक्षा स्तर सुधारने के लिए अगले 3 वर्षों में उच्च गुणवत्ता और सर्व सुविधा युक्त इन स्कूलों को खोलने का निर्णय लिया है, जिसमें हर जिले में एक स्कूल को पहले खोलने की बात कही गई. इसके तहत हर 15 किलोमीटर पर एक सीएम राइज स्कूल को विकसित करने की बात कही गई थी. इन स्कूलों में बच्चों को ज्ञान कौशल के साथ ही नागरिकता संस्थान देने और भारतीय संस्कृति संस्कारों को देने की भी बात सामने आई. स्कूल शिक्षा विभाग उसको लेकर भोपाल के बरखेड़ी स्थित रशीदिया स्कूल को मॉडल के रूप में बनाकर तैयार कर चुका है. प्रदेश में सिर्फ यही एक सीएम राइज स्कूल है, इसके अलावा अन्य स्कूलों में काम न के बराबर है. (National Education Day 2021)

प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन है सरकार के फैसले के खिलाफ
अब पालक संघ के महासचिव सुबोध पंड्या ने भी आवाज उठाई है. उनका कहना है कि जब पहले ही सरकारी स्कूल और प्राइवेट स्कूलों को सरकार नहीं संभाल रही, तो इन स्कूलों को खोलने मैं पैसा क्यों खर्च किया जा रहा है. वहीं प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के अध्यक्ष अजीत सिंह सरकार के इस फैसले के खिलाफ हैं. इनका कहना है कि यह मध्य प्रदेश में प्राइवेट स्कूल (Private School in MP) बंद करने की एक साजिश है. प्राइवेट स्कूलों को बंद करने की सरकार की मंशा है, जिसका विरोध आगे भी जारी रहेगा.

Baalveer: अद्रिका और कार्तिक का साहस, जान जोखिम में डालकर भूखे प्यासों को खिलाया खाना

स्कूल शिक्षा विभाग के ज्वाइंट डायरेक्टर दिनेश कुशवाहा कहते हैं कि सरकार अपने लक्ष्य को जल्द प्राप्त करेगी. फिलहाल उपचुनाव के कारण अधिकारी व्यस्त थे. ऐसे में अब दिसंबर के बाद से निरंतर काम शुरू हो जाएगा. बता दें कि प्रदेश में चार स्तरों पर सीएम राइज स्कूल खोलने की व्यवस्था थी, जिसमें जिला, विकासखंड, संकुल और ग्रामों में खोले जाने प्रस्तावित थे. इन स्कूलों में विद्यार्थियों की संख्या भी 1500 से 3000 के बीच में रखी जानी थी. अभी तक इस में इंफ्रास्ट्रक्चर तो छोड़िए कागजी कार्यवाही पूरी नहीं हो पाई है. (National Education Day 2021)

Last Updated : Nov 11, 2021, 11:59 AM IST
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