भोपाल। फिल्म शोले के हरीराम जैसे जासूस एमपी कांग्रेस में भी तैनात किए गए हैं. जासूस यानी वही हरीराम जो शोले फिल्म में अंग्रेज़ों के जमाने के जेलर को जेल के हर मूवमेंट की खबर देता था. अब यही हरीराम मप्र कांग्रेस में भी तैनात किए गए हैं. मप्र कांग्रेस के अध्यक्ष कमलनाथ सूबे में अपनी पार्टी के कामकाज और नेताओं के हर मूवमेंट की पक्की ख़बर के लिए इन्हीं जासूसों का सहारा ले रहे हैं. पिछले एक महीने से इन जासूसों ने नेताओं को गतिविधियों का पूरा चिट्ठा तैयार किया है.
जासूसी नहीं, काम के आंकलन की रिपोर्ट : कांग्रेस के जासूस अब अपना चिट्ठा भोपाल में कमलनाथ के सामने पेश करने जा रहे हैं. हालांकि जब पूछा गया कि कमलनाथ नेताओं की जासूसी कराकर उनकी रिपोर्ट ले रहे हैं तो कांग्रेस प्रवक्ता अब्बास हफीज ने कहा कि जासूसी की परंपरा बीजेपी में है. वहां तो ऐप के जरिए बीजेपी अपने नेताओं की जासूसी करा रही है. लेकिन हमारे यहां काम के आंकलन की रिपोर्ट ली जाती है. कमलनाथ संगठन के कामों पर नजर रखते हैं. इसमें कोई जासूसी नही है.
कांग्रेस ने गुप्त प्रभारी तैनात किए : दरअसल, कमनलनाथ ने अपने स्लीपर सेल के एक- एक एजेंट को हर एक ज़िलों की ज़िम्मेदारी दी है. पिछले एक महीने इन गुप्त प्रभारियों ने पार्टी और नेताओं की पूरी रिपोर्ट तैयार की है. जहां कांग्रेस इसे अपने कामकाज़ की मज़बूरी की एक योजना बता रही है. वहीं भाजपा इसे कांग्रेस की गुटबाज़ी और अविश्वास का नतीज़ा बता रही है. मंत्री विश्वास सारंग का कहना है कि कमलनाथ कुछ भी कर लें अब जनता ठान चुकी है कि कांग्रेस को वोट नहीं देना. इस बार तो कांग्रेस दहाई संख्या भी नहीं छू पाएगी.
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कमलनाथ ने विश्वासपात्रों को दी जिम्मेदारी : कांग्रेस की गुटबाजी गाहे-बगाहे सार्वजनिक कार्यक्रमों में भी सामने आ जाती है. यही वजह है कि गुटों से इतर कमलनाथ ने अपनी विश्वनीय टीम को ज़मीनी हकीकत तलाशने का ज़िम्मा दिया है. लेकिन अंदरखानों से ख़बर है कि पार्टी के कुछ वरिष्ठ नेता इन गुप्तचरों से काफी सर्तक और नाराज़ हैं. मप्र कांग्रेस पर हमेशा से ही गुटबाज़ी के आरोप लगते रहे हैं. अब पार्टी नेताओं की नजर इन जासूसों पर है. देखना होगा कि एमपी में अगले साल होने वाले विधानसभा इन जासूसों की रिपोर्ट कमलनाथ को कितना फायदा दिला पाएगी.