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मुख्यमंत्री शिवराज बोले- CM हेल्पलाइन बनी ब्लैकमेलिंग का जरिया, इसमें बदलाव जरूरी - कुछ अधिकारी निकालते हैं सिर्फ कमियां

सिविल सर्विसेज डे पर अधिकारियों को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने नसीहत देते हुए कहा कि धन दौलत से कभी प्रसन्नता नहीं आती. सीएम शिवराज ने कहा ' जो मिल गया उसी को मुकद्दर समझ लिया, जो न मिला उसे भुलाता चला गया.' अगर इस राह पर चलोगे तो हमेशा खुश रहोगे. इसके साथ ही सीएम शिवराज ने कहा कि सीएम हेल्पलाइन में बदलाव करने की जरूरत है. सीएम हेल्पलाइन ब्लैकमेलिंग का जरिया बन गई है.

MP CM Shivraj Singh Chouhan advice to officers
सिविल सर्विसेज डे पर CM शिवराज ने बताया प्रसन्न रहने का मंत्र
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Published : Apr 21, 2023, 12:29 PM IST

Updated : Apr 21, 2023, 4:51 PM IST

सिविल सर्विसेज डे पर CM शिवराज ने बताया प्रसन्न रहने का मंत्र

भोपाल। भोपाल के प्रशासन भवन में आयोजित सिविल सर्विस डे पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अधिकारियों से कहा कि लूप लाइन का तनाव ना पालें. जो विभाग मिले, उसमें खुश रहें. जिस अधिकारियों को जो विभाग मिले, उसमें मस्त रहें. कई अधिकारी इसी में परेशान रहते हैं कि उन्हें अच्छा डिपार्टमेंट नहीं मिला. कोई काम छोटा या बड़ा थोड़ी ही है. सरकार ने विभाग बनाए, ये सोचकर थोड़ी बनाया कि यह छोटा विभाग है और वह बड़ा. मुख्यमंत्री ने कहा कि सबसे ज्यादा दीनहीन तो हमें बड़े-बड़े उद्योगपति लगते हैं जो सीएम से मिलते हैं कि साहब हमें यह दे दो. इसके बाद वे अधिकारियों से भी मिलते हैं कि कहीं वह नाराज ना हो जाएं.

मस्त रहो, काहे का तनाव : मुख्यमंत्री ने कहा कि सबसे पहली शर्त यही है कि मस्त रहो, क्योंकि तनाव में रहोगे तो काम बिगड़ेंगे. सीएम ने अधिकारियों से कहा कि काम के साथ परिवार के लिए भी पर्याप्त समय निकालें. पद का घमंड ना रखें कि हम तो आईएएस, आईपीएस या आईएफएस अधिकारी हैं. यह सभी जनता की सेवा के लिए है. सीएम ने अधिकारियों को नसीहत देते हुए कहा कि धैर्य बनाए रखें और उत्साह कम ना होने दें. यदि उत्साह कम हुआ तो आप परिणाम नहीं दे पाएंगे. मुख्यमंत्री ने कहा कि दुनिया बहुत कठोर है. यदि किसी काम के ना रहे तो कोई नहीं पूछता. इसलिए अपने आपको स्वस्थ रखें.

कुछ अधिकारी निकालते हैं सिर्फ कमियां : सीएम ने कहा कि हमारे कई अधिकारी ऐसे हैं, जो दिन-रात मेहनत करते हैं. कुछ तत्काल परिणाम देने में विश्वास रखते हैं. लाड़ली बहना योजना इसका उदाहरण है. हमने सिर्फ आइडिया दिया था लेकिन अधिकारियों ने इसे सफलतापूर्वक जमीन पर उतार दिया. सीएम ने कहा कि हमारे एक अधिकारी ऐसे हैं जो गैंती फावड़ा लेकर सड़क खोदकर देख लेते हैं कि कहां गड़बड़ी है, लेकिन कई अधिकारी ऐसे हैं जिन्हें मीन मेख यानी कमियां निकालने में मजा आता है. सीएम ने कहा कि अलग-अलग राज्यों की अलग संस्कृति होती है. कई राज्यों में यह परंपरा होती है कि कलेक्टर लाट साहब होते हैं. उनसे कोई मिल ही नहीं सकता. मध्यप्रदेश में ऐसा नहीं है. यहां कलेक्टर और एसपी से कोई भी मिल सकता है.

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सीएम हेल्पलाइन के नाम पर ब्लैकमेलिंग : मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने तय किया है कि जनता से जुड़ी कोई समस्याएं न बचें. सिविल सर्विस डे पर हम संकल्प करें कि ऐसा कोई काम बाकी क्षेत्र में नहीं रहना चाहिए, जो आम लोगों से जुड़े हैं. अब कोई दाखिल खारिज, नामांतरण जैसे मामले बाकी नहीं रहने चाहिए. ऐसे मामलों को लेकर जनता का रोज सामना होता है. ऐसे ही मामलों में गड़बड़ी होती है और प्रशासन बदनाम होता है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सीएम हेल्पलाइन में बदलाव करने की जरूरत बताई है. सीएम ने कहा कि सीएम हेल्पलाइन का उपयोग लोगों को परेशान करने और ब्लैकमेल करने के लिए हो रहा है. मुझे लगता है कि सीएम हेल्पलाइन में कई बार किसी को परेशान करने के लिए ही शिकायत की जाती है. कई बार जनप्रतिनिधि ही शिकायतें कर देते हैं. बाद में शिकायतों के नाम पर ब्लैकमेलिंग शुरू हो जाती है.

सिविल सर्विसेज डे पर CM शिवराज ने बताया प्रसन्न रहने का मंत्र

भोपाल। भोपाल के प्रशासन भवन में आयोजित सिविल सर्विस डे पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अधिकारियों से कहा कि लूप लाइन का तनाव ना पालें. जो विभाग मिले, उसमें खुश रहें. जिस अधिकारियों को जो विभाग मिले, उसमें मस्त रहें. कई अधिकारी इसी में परेशान रहते हैं कि उन्हें अच्छा डिपार्टमेंट नहीं मिला. कोई काम छोटा या बड़ा थोड़ी ही है. सरकार ने विभाग बनाए, ये सोचकर थोड़ी बनाया कि यह छोटा विभाग है और वह बड़ा. मुख्यमंत्री ने कहा कि सबसे ज्यादा दीनहीन तो हमें बड़े-बड़े उद्योगपति लगते हैं जो सीएम से मिलते हैं कि साहब हमें यह दे दो. इसके बाद वे अधिकारियों से भी मिलते हैं कि कहीं वह नाराज ना हो जाएं.

मस्त रहो, काहे का तनाव : मुख्यमंत्री ने कहा कि सबसे पहली शर्त यही है कि मस्त रहो, क्योंकि तनाव में रहोगे तो काम बिगड़ेंगे. सीएम ने अधिकारियों से कहा कि काम के साथ परिवार के लिए भी पर्याप्त समय निकालें. पद का घमंड ना रखें कि हम तो आईएएस, आईपीएस या आईएफएस अधिकारी हैं. यह सभी जनता की सेवा के लिए है. सीएम ने अधिकारियों को नसीहत देते हुए कहा कि धैर्य बनाए रखें और उत्साह कम ना होने दें. यदि उत्साह कम हुआ तो आप परिणाम नहीं दे पाएंगे. मुख्यमंत्री ने कहा कि दुनिया बहुत कठोर है. यदि किसी काम के ना रहे तो कोई नहीं पूछता. इसलिए अपने आपको स्वस्थ रखें.

कुछ अधिकारी निकालते हैं सिर्फ कमियां : सीएम ने कहा कि हमारे कई अधिकारी ऐसे हैं, जो दिन-रात मेहनत करते हैं. कुछ तत्काल परिणाम देने में विश्वास रखते हैं. लाड़ली बहना योजना इसका उदाहरण है. हमने सिर्फ आइडिया दिया था लेकिन अधिकारियों ने इसे सफलतापूर्वक जमीन पर उतार दिया. सीएम ने कहा कि हमारे एक अधिकारी ऐसे हैं जो गैंती फावड़ा लेकर सड़क खोदकर देख लेते हैं कि कहां गड़बड़ी है, लेकिन कई अधिकारी ऐसे हैं जिन्हें मीन मेख यानी कमियां निकालने में मजा आता है. सीएम ने कहा कि अलग-अलग राज्यों की अलग संस्कृति होती है. कई राज्यों में यह परंपरा होती है कि कलेक्टर लाट साहब होते हैं. उनसे कोई मिल ही नहीं सकता. मध्यप्रदेश में ऐसा नहीं है. यहां कलेक्टर और एसपी से कोई भी मिल सकता है.

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सीएम हेल्पलाइन के नाम पर ब्लैकमेलिंग : मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने तय किया है कि जनता से जुड़ी कोई समस्याएं न बचें. सिविल सर्विस डे पर हम संकल्प करें कि ऐसा कोई काम बाकी क्षेत्र में नहीं रहना चाहिए, जो आम लोगों से जुड़े हैं. अब कोई दाखिल खारिज, नामांतरण जैसे मामले बाकी नहीं रहने चाहिए. ऐसे मामलों को लेकर जनता का रोज सामना होता है. ऐसे ही मामलों में गड़बड़ी होती है और प्रशासन बदनाम होता है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सीएम हेल्पलाइन में बदलाव करने की जरूरत बताई है. सीएम ने कहा कि सीएम हेल्पलाइन का उपयोग लोगों को परेशान करने और ब्लैकमेल करने के लिए हो रहा है. मुझे लगता है कि सीएम हेल्पलाइन में कई बार किसी को परेशान करने के लिए ही शिकायत की जाती है. कई बार जनप्रतिनिधि ही शिकायतें कर देते हैं. बाद में शिकायतों के नाम पर ब्लैकमेलिंग शुरू हो जाती है.

Last Updated : Apr 21, 2023, 4:51 PM IST
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