भोपाल। चुनावी साल में मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार अपनी ब्रांडिंग के लिए नई योजना पर काम कर रही है, सरकार की ब्रांडिंग कैसे की जाए और लोगों तक उसकी पहुंच कैसे बने. इसके लिए सरकार ने सुशासन इंस्टीट्यूट की रिपोर्ट को गौर करते हुए उसको ही जिम्मेदारी सौंपी है कि सरकार की ब्रांडिग (mp cm shivraj government) कैसी हो इसके लिए वो प्लानिंग करके दे रही है, ब्रांडिंग के लिए उन नामों को शामिल करे जो मास लीडर हो और राज्य सरकार अपनी योजनाओं को ब्रांडिंग करने देश के प्रसिद्ध लोगों और विषय विशेषज्ञों का समर्थन लेने रही है. मुख्यमंत्री चाहते हैं कि फिल्मी हस्तियों या फिर प्रमुख लोगों की तारीफ से लोग योजनाओं का लाभ लेने आगे आएंगे.
प्रख्यात व्यक्तियों और विशेषज्ञों से कराई जाए सराहना: मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने विभाग प्रमुखों की बैठक लेते हुए कहा था कि, राज्य सरकार की फ्लेगशिप योजनाओं और कार्यक्रमों सहित जनभागीदारी के मॉडल को प्रख्यात व्यक्तियों और विशेषज्ञों से सराहना कराई जाए, उनको इस मंशा पर प्रदेश में अबतक कई प्रमुख लोग ब्रांडिंग कर चुके हैं.
कई फिल्मी हस्तियां कर चुकी है 'मामा' की योजना की तारीफ: फिल्म अभिनेता अक्षय कुमार ने सीएम द्वारा भोपाल में आंगनवाड़ी केंद्रों के लिए जुटाए गए खिलौना अभियान की तारीफ की, उन्होंने बच्चों की मदद करने एक करोड़ रुपए देने की घोषणा भी की थी. प्रसिद्ध कवि कुमार विश्वास ने सीएम के कार्यक्रम की सराहना करते हुए दो हजार पुस्तकें उपलब्ध कराने का निर्णय लिया था, प्रदेश में जल जीवन मिशन की सफलता को बताने के लिए जल पुरुष राजेन्द्र सिंह को भोपाल आमंत्रित किया जा चुका है.
कई बड़ी देसी-विदेशी हस्तियों से खुद की ब्रांडिंग कराने की तैयारी: बाबा रामदेव, सद्गुरु जग्गी वासुदेव, कैलाश सत्यार्थी (नोबल पुरस्कार विजेता), स्वामी अवधेशानंद, प्रोफेसर शमिका रवि (अर्थशास्त्री) भी सरकारी कार्यक्रमों और योजनाओं की तारीफ कर चुके हैं. अब सुशासन संस्थान ऐसे लोगों से संपर्क कर रहा है और जल्द फिल्मी हस्तियों सहित कई जाने माने नाम शिवराज की ब्रांडिंग करते हुए दिखाई देंगे.
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सुशासन संस्थान का क्या काम है: प्रदेश में सरकार के कामकाज में सुधार और सुशासन के लिए 'अटल बिहारी वाजपेयी सुशासन और नीति विश्लेषण संस्थान (गुड गवर्नेंस स्कूल)' की स्थापना की गई, 2007 में स्थापित गुड गवर्नेंस स्कूल पर हर साल करीब 8 करोड़ रुपए खर्च होते हैं. ये राशि 66 अधिकारियों और कर्मचारियों के वेतन भत्ते और सुविधाओं पर खर्च की जाती है, संस्थान योजनाओं के विश्लेषण और विभाग के मैन्युअल बनाने का काम करती है. इसके साथ ही संस्थान कई आईआईटी ,आईआईएम के साथ ऐसे लोगों की सेवाएं लेती है जो सरकार की योजनाओं की कमियों के साथ कैसे योजनाओं को प्रभावी बनाना है. इनकी रिपोर्ट और विश्लेषण के आधार पर सरकार अपने काम का क्रियान्वयन करती है.
अच्छे काम की ब्रांडिंग में हर्ज क्या: सरकार की ब्रांडिंग किए जाने को लेकर बीजेपी प्रवक्ता राजपाल सिंह कहते है कि, "जो सरकार के काम है यदि कोई तारीफ करता है तो विपक्ष को कोई तकलीफ नहीं होनी चाहिए और हम अच्छा काम कर रहे हैं, तो उसकी ब्रांडिंग करने में क्या हर्ज है."
जनता की गाढ़ी कमाई ब्रांडिंग में खर्च: कांग्रेस प्रवक्ता अब्बास हफीज कहते हैं कि, "मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान जनता की गाढ़ी कमाई अपनी ब्रांडिंग में खर्च कर रहे हैं, अच्छा होता कि योजनाओं का लाभ जनता को मिलता और भ्रष्टाचार पर लगाम कसी जाती."