भोपाल। चीतों के भारत में लैंड करने के पहले ही राजनीतिक गलियारों में उसको लेकर चिल्ला चिल्ली शुरू हो गई है. चीतों को भारत में बसाने के कार्यक्रम को मोदी और शिवराज की भाजपा सरकारों ने इतना भव्य बना दिया है कि अब कांग्रेस को यह हजम नहीं हो पा रहा है. कांग्रेस ने दावा किया मध्यप्रदेश या यूं कहें भारत में चीतों को बसाने का प्रस्ताव कांग्रेस लायी थी. कांग्रेस सरकार में पूर्व मंत्री जीतू पटवारी ने ट्वीट करते हुए कहा है कि चीता लाने का प्रस्ताव 2009 कांग्रेस की सरकार में शुरू हुआ था. इसको 2010 में तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने स्वीकृत किया था. इतना ही नहीं 25 अप्रैल 2010 को कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश अफ्रीका भी गए थे. (MP Bhopal Politics started on Cheetah)
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PM hardly ever acknowledges continuity in governance. Cheetah project going back to my visit to Capetown on 25.04.2010 is the latest example. The tamasha orchestrated by PM today is unwarranted and is yet another diversion from pressing national issues and #BharatJodoYatra 1/2 pic.twitter.com/SiZQhQOu0N
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) September 17, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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50 करोड़ रुपये स्वीकृत हुए थेः जीतू पटवारी ने कहा कि जयराम रमेश जब चीते देखकर लौटे थे. उसके बाद 2011 में 50 करोड़ रुपये चीतों के लिए स्वीकृत भी कर दिए गए थे. अगर 2012 में माननीय सुप्रीम कोर्ट ने इस पर रोक न लगा दी होती तो यह प्रोजेक्ट उसी समय पूरा हो गया होता. सही मायने में इस प्रोजेक्ट का श्रेय अगर किसी तो जाता है तो वह कांग्रेस है और कोई नहीं. उन्होंने कहा कि चूंकि 2019 में माननीय सुप्रीम कोर्ट ने पाबंदी हटा ली थी, इसलिए अब यह चीते भारत आ पा रहे हैं. जीतू ने अपने ट्वीटर पर वह फोटो भी डाली है जिसमें जयराम रमेश चीते के साथ दिखायी दे रहे हैं. (Bhopal Jitu said Congress had brought proposal Cheetah)
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#ProjectCheetah
— Jitendra (Jitu) Patwari (@jitupatwari) September 16, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
2009 अफ्रीकन चीता लाने का प्रस्ताव
2010 में मनमोहन से प्रस्ताव स्वीकृत
25 अप्रैल 2010 को जयराम रमेश (@Jairam_Ramesh) अफ्रीका गए, चीता देखा
2011 में 50 करोड़ रु. चीता के लिए दिए
2012 SC से प्रोजेक्ट पर रोक
2019 में सुप्रीम कोर्ट से रोक हटी
अब चीते आने वाले हैं। pic.twitter.com/coIcagqBPV
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— Jitendra (Jitu) Patwari (@jitupatwari) September 16, 2022
2009 अफ्रीकन चीता लाने का प्रस्ताव
2010 में मनमोहन से प्रस्ताव स्वीकृत
25 अप्रैल 2010 को जयराम रमेश (@Jairam_Ramesh) अफ्रीका गए, चीता देखा
2011 में 50 करोड़ रु. चीता के लिए दिए
2012 SC से प्रोजेक्ट पर रोक
2019 में सुप्रीम कोर्ट से रोक हटी
अब चीते आने वाले हैं। pic.twitter.com/coIcagqBPV#ProjectCheetah
— Jitendra (Jitu) Patwari (@jitupatwari) September 16, 2022
2009 अफ्रीकन चीता लाने का प्रस्ताव
2010 में मनमोहन से प्रस्ताव स्वीकृत
25 अप्रैल 2010 को जयराम रमेश (@Jairam_Ramesh) अफ्रीका गए, चीता देखा
2011 में 50 करोड़ रु. चीता के लिए दिए
2012 SC से प्रोजेक्ट पर रोक
2019 में सुप्रीम कोर्ट से रोक हटी
अब चीते आने वाले हैं। pic.twitter.com/coIcagqBPV
भाजपा का तंज कांग्रेस ने नहीं ली रुचिः दूसरी ओर भाजपा ने 2011 में चीते न आने का ठीकरा कांग्रेस पर ही फोड़ दिया है. भाजपा का कहना है कि यदि चीतों को लाने में कांग्रेस रुचि दिखाती तो चीते दस साल पहले ही भारतीय सरजमीं पर चीते आ गए होते. लेकिन कांग्रेस को तो चीतों की जगह घोटाले और भ्रष्टाचार ही दिखाई दे रहे थे. इसी वजह से बेचारे चीते भारत आने से वंचित रह गए. (MP Bhopal Politics started on Cheetah)