भोपाल। मध्य प्रदेश में होने जा रहे 28 सीटों के उपचुनाव के लिए कांग्रेस 15 नामों की पहली सूची जारी कर चुकी है. अभी 13 नामों की दूसरी सूची जारी होना बाकि है. जिसका दावेदारों को बेसब्री से इंतजार है. पिछले दिनों दिल्ली के दौरे पर गए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ की वापसी के बाद दूसरी सूची आने की अटकलें तेज हो गई हैं. हालांकि कांग्रेस का कहना है कि अभी इसमें वक्त लग सकता है. क्योंकि हम एक सर्वे करा रहे हैं और सर्वे की रिपोर्ट आना बाकी है. लेकिन सूत्रों के मुताबिक इन 13 विधानसभाओं के लिए नाम कांग्रेस की तरफ से नाम लगभग तय हो गए हैं. जिसमें करीब 8 विधानसभा पर सिंगल नाम तय हुए हैं और बाकी पांच विधानसभाओं में पैनल बनाए गए हैं. कुछ सीटों पर दो-दो नामों का पैनल बनाया गया है.
दूसरी सूची में ये हो सकते हैं संभावित नाम
- सुरखी - पारुल साहू
- ग्वालियर पूर्व - सतीश सिकरवार
- जौरा - पंकज उपाध्याय
- सुमावली - अजब सिंह कुशवाहा
- मुरैना - राकेश मवाई
- मेहगांव - राकेश सिंह चौधरी
- सुवासरा - राकेश पाटीदार
- मांधाता - अरुण यादव/ अमिताभ मंडलोई
- बदनावर - बालमुकुंद गौतम/ ध्रुव नारायण सिंह / भंवर सिंह शेखावत ( भाजपा नेता कांग्रेस के संपर्क में हैं )
- पोहरी - हरि बल्लभ शुक्ला
- ब्यावरा - रामचंद्र दांगी/ चंद्र सिंह सोदिया
- बड़ा मलहरा - तिलक सिंह लोधी/ रेखा यादव ( भाजपा छोड़ सकती हैं)
- मुंगावली - बाईसाहब यादव/अजय पाल सिंह यादव
कुछ सीटों पर बीजेपी के प्रत्याशियों के नामों की घोषणा का इंतजार
दरअसल, दूसरी सूची में कुछ नाम ऐसे हैं. जिनको लेकर रणनीतिक तरीके से कांग्रेस ने चुप्पी साध रखी है. इसके अलावा कई सीटें ऐसी हैं, जिन पर कांग्रेस, बीजेपी के उम्मीदवारों की घोषणा का इंतजार कर रही है. हालांकि बीजेपी पहले ही कांग्रेस के 22 बागियों को टिकट देने का ऐलान कर चुकी है, ऐसी स्थिति में बीजेपी को सिर्फ 6 नामों की घोषणा करना है. हालांकि चर्चा है कि कांग्रेस अभी बड़ा मलहरा, ब्यावरा और कुछ एक सीटों की टिकट रोक सकती है.
पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा का बयान
इस सिलसिले में पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा का कहना है कि अभी सूची आने में तीन-चार दिन और लगेंगे. अभी सर्वे की रिपोर्ट आना बाकी है. हो सकता है जिस दिन चुनाव की घोषणा हो, उस दिन दूसरी सूची की घोषणा हो जाए.
चुनाव के लिए कांग्रेस-भाजपा ने कसी कमर
विधानसभा उपचुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस दोनों ने ही तैयारी भी शुरू कर दी है. भाजपा अपनी सत्ता बरकरार रखने के लिए लगातार चुनावी अभियान चला रही है. वहीं कांग्रेस भी दोबारा सत्ता में आने के लिए लोगों का मन टटोलने के साथ-साथ जिताऊ उम्मीदवारों पर दांव लगाने की योजना पर काम कर रही है.