भोपाल। कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी पर पहले से ही विशेषाधिकार हनन का एक मामला विचाराधीन है. इसलिए इन्हें बाकी की कार्रवाई से निलंबित करने का प्रस्ताव रखा गया. बता दें कि विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण पर जीतू पटवारी द्वारा दिए गए भाषण पर जमकर हंगामा हुआ था. जीतू पटवारी ने वन विभाग से जुड़े एक सवाल का जिक्र करते हुए सदन में कहा था कि जामनगर के रिलायंस जू में इंदौर जू से 6 बाघ, 5 शेर, 8 घड़ियाल, दो बंगाली लोमड़ी और एक हनी बैजर दिए गए, लेकिन हमें बदले में छिपकली, कलरफुल चिड़िया, तोते और झगड़ने वाले बंदर मिले.
आरोपों के प्रमाण मांगे : विधायक जीतू पटवारी ने कहा कि मैं जो यह आरोप लगा रहा हूं, वह पूरी जिम्मेदारी और प्रमाण के साथ लगा रहा हूं. अगर विधानसभा अध्यक्ष कहेंगे तो मैं ऐसे ही पटल पर भी रख सकता हूं. जीतू पटवारी के इस बयान के बाद संसदीय कार्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने विधानसभा अध्यक्ष से आग्रह किया कि जीतू पटवारी ने जो कहा है, उसके प्रमाण पटल पर रखवाए जाएं. विधानसभा अध्यक्ष के निर्देश के बाद कांग्रेस विधायक ने उनके प्रश्न के जवाब में मिले उत्तर को पटल पर दिया. जीतू पटवारी द्वारा पटल पर रखे गए जवाब को लेकर विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि सदन में जो बयान दिया है, वह उन्होंने अपने लिखित जवाब में नहीं दिया.
विधानसभा अध्यक्ष ने ये कहा : विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि रिलायंस जू द्वारा बाघ के बदले छिपकली आदि देने का प्रस्ताव रखा था लेकिन दिया नहीं गया था. ऐसा प्रतीत होता है कि जीतू पटवारी विधानसभा की संसदीय भावना को ठेस पहुंचाना चाहते हैं. संसदीय कार्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी सदन में गलत जानकारी देते हैं. यह एक व्यक्ति लंबे समय से सदन में असत्य जानकारी रख रहा है. सिर्फ सुर्खियां बटोरने के लिए सदन में गलत बयानी करते हैं.
नेता प्रतिपक्ष ने किया विरोध : संसदीय कार्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने विधानसभा अध्यक्ष से कांग्रेस विधायक पर कार्रवाई करने की मांग करते हुए उन्हें निलंबित करने का प्रस्ताव रखा. इसके बाद नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह जीतू पटवारी के बचाव में खड़े हुए उन्होंने कहा कि पूरा पक्ष हमेशा गलत घोषणा करता है. कांग्रेस विधायक ने जो भी बयान दिया है, वह विधानसभा से मिले सवालों के जवाब के आधार पर ही कहा है. विधानसभा अध्यक्ष को सबसे पहले जो जवाब सरकार से मिले हैं, उन्हें पढ़ना चाहिए.