भोपाल। 1 मार्च को पेश किए जाने वाले बजट की सभी तैयारियां पूरी की जा चुकी हैं. सरकार ने इस बजट को खास बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी है. बानगी के तौर पर इस बार ई-बजट पेश किया जाएगा. बजट पढ़ने के लिए सभी विधायकों को टैबलेट दिए जाएंगे. हालांकि, मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस को इस पर ऐतराज है. कांग्रेस का कहना है कि इस नवाचार को शुरू करने से पहले विधायकों को प्रशिक्षण दिया जाना जरूरी था. बता दें कि इससे पहले 2021 में वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने बजट भाषण टैबलेट से ही पढ़ा था.
इतने लाख करोड़ का होगा बजट: वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा 1 मार्च को करीब साढ़े 3 लाख करोड़ रुपए का बजट पेश कर सकते हैं. इसका बड़ा हिस्सा किसान, युवा और महिला वर्ग को मिल सकता है. लाडली बहना योजना की घोषणा करके शिवराज सरकार इसके खुले संकेत दे चुकी है. इस महत्वाकांक्षी योजना की शुरुआत 8 मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस से होगी. इसमें ढाई लाख रुपए से कम इनकम ग्रुप वाले परिवारों की महिलाओं को हर माह एक-एक हजार रुपए दिए जाएंगे. जून माह से पात्र महिलाओं के बैंक खातों में यह रकम डाली जाएगी. इस योजना पर 5 साल में 60,000 करोड़ रुपए का अनुमानित खर्च आएगा. ऐसे में साफ है कि बजट 2023 का बड़ा हिस्सा महिलाओं को समर्पित होगा. इसी तरह किसानों और युवा वर्ग के लिए भी नई योजनाओं की घोषणा की जा सकती है.
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चुनावी होगा बजट: सियासी जानकारों के मुताबिक, शिवराज सरकार विधानसभा चुनाव में उतरने से पहले हर वर्ग को लुभाने वाला बजट पेश कर सकती है. आर्थिक विशेषज्ञों का मानना है कि विधानसभा की राह साफ करने के लिए सरकार विकासपरक बजट पेश करेगी. इसमें जनता के सभी वर्गों के लिए लुभावनी घोषणाएं की जा सकती हैं. निवेशकों को आकर्षित करने के लिए छूट और विशेष सुविधाओं की घोषणा की जा सकती है. उद्योग, व्यापार, शिक्षा और रोजगार पर भी सरकार का फोकस रहेगा. एनर्जी, रियल स्टेट और इंफ्रास्ट्रक्चर को भी सौगात मिल सकती है.
स्टांप ड्यूटी में राहत की आस: मध्यप्रदेश में पेट्रोल-डीजल पर सबसे ज्यादा टैक्स लगता है. स्टांप ड्यूटी भी यहां अन्य राज्यों की तुलना में ज्यादा चुकानी पड़ती है. पेट्रोलियम पदार्थों पर सरकार अपने हिस्से का टैक्स कम करे तो जनता के लिए राहत की बात होगी. सरकारी कर्मचारियों की निगाहें भी बजट की ओर लगी हैं. वित्त मंत्री के पिटारे से इनके लिए क्या निकलता है, ये देखने वाली बात होगी.
सत्र में कई विधेयक आएंगे: 27 फरवरी से करीब एक महीने तक चलने वाले इस बजट सत्र में कई महत्वपूर्ण विधेयक पेश किए जाएंगे. इनमें सबसे ज्यादा वित्त विभाग के 3, नगरीय विकास विभाग के 2 जबकि उद्योग व निवेश, शिक्षा और माइक्रो, स्मॉल एंड मीडिया इंडस्ट्री के 1-1 विधेयक शामिल हैं. अंतरिम बजट होने की वजह से सरकार का इस सत्र को उपयोगी बनाने पर खासा जोर है. इसके लिए विपक्षी पार्टियों से सदन की कार्यवाही सुचारू चलाने की अपील भी की जा चुकी है. ताकि सत्र की बैठकें हंगामे, शोर-शराबे और नारेबाजी की भेंट न चढ़ जाएं.