भोपाल। 7 मार्च से शुरू होने जा रहे विधानसभा बजट सत्र में सरकार राज्य का बजट पेश करेगी. प्रदेश के बजट पर इस बार आगामी विधानसभा चुनाव की झलक दिखाई देगी. बजट में अनुसूचित जाति-जनजाति वर्ग, युवाओं और महिलाओं को ध्यान में रखकर कुछ नए प्रावधान किए जा सकते हैं. लाडली लक्ष्मी योजना के जरिए बड़ी संख्या में बच्चियों को लाभ मिला है, आगामी बजट में सरकार इसमें कुछ नए प्रावधानों के साथ लाडली लक्ष्मी योजना 2 लॉन्च कर सकती है. बजट में सरकार सभी वर्गों को साधने की कोशिश करेगी. बजट में करीब 10 फीसदी तक की बढ़ोत्तरी हो सकती है.
युवा, महिला, एससी-एसटी, किसान पर रहेगा फोकस
वित्त विभाग के अधिकारी बजट को अंतिम रूप देने में जुटे हुए हैं. बजट में विभागवार किए जा रहे प्रावधानों को लेकर मुख्यमंत्री 3 मार्च को आखिरी बार सभी मंत्रियों के साथ चर्चा करेंगे. अगले साल प्रदेश में विधानसभा चुनाव होना है, लिहाजा सरकार बजट के जरिए सभी वर्गों को साधने की कोशिश करेगी. प्रदेश में अनुसूचित जाति और जनजाति वर्ग के युवाओं को साधने के लिए उन्हें स्वरोजगार से जुड़ने, सरकार बजट में आर्थिक मदद के लिए भी प्रावधान करेगी.
कुछ योजनाओं को लेकर बजट में वित्तीय प्रावधान किए जाएंगे
- मुख्यमंत्री अनुसूचित जाति विशेष योजना में अनुसूचित जाति वर्ग के युवाओं को स्व-रोजगार, कौशल उन्नयन और नवाचार के लिए दो करोड़ रुपए तक का अनुदान दिया जाएगा.
- एससी वर्ग के युवाओं के लिए मैन्युफेक्चरिंग इकाई की स्थापना के लिए 50 लाख तक के लिए लोन. परियोजना के लिए 5 फीसदी की दर से ब्याज अनुदान सरकार देगी.
- एससी वर्ग के युवाओं के लिए सर्विस सेक्टर के लिए 25 लाख तक का लोन दिया जाएगा. साथ ही एससी बाहुल्य क्षेत्रों में संत रविदास सामुदायिक भवन बनाने के लिए बजट में प्रावधान किया जाएगा.
लाडली लक्ष्मी-2 भी ला सकती है सरकार
बच्चों को लेकर कई दर्जन विभागों द्वारा अलग-अलग योजनाएं संचालित की जाती हैं. आगामी बजट में सरकार चाइल्ड बजट अलग से लेकर आ रही हैं. इसमें पूरे बजट का उपयोग विभागों को करना होगा. वहीं बजट में महिला एवं बाल विकास लाडली लक्ष्मी योजना टू का भी प्रावधान किया जा सकता है. आगामी बजट में उद्यम क्रांति योजना में बजटीय प्रावधान कर सरकार युवाओं को राहत दे सकती है. सरकार ने हर माह एक लाख युवाओं को रोजगार देने का वादा किया है. माना जा रहा है बजट में इसके लिए प्रावधान किए जाएंगे. स्टार्टअप के लिए भी बजट में अलग से प्रावधन होंगे.
बजट की मौजूदा स्थिति
प्रदेश का बजट - 2.41 लाख करोड़
शुद्ध व्यय - 2.17 लाख करोड़ रुपए
आगामी बजट - 2.50 लाख करोड़ होने का अनुमान
केन्द्र से मदद - 46 हजार करोड़ रुपए
प्रदेश पर अनुमानित कर्ज - 2.67 लाख करोड़
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आर्थिक विशेषज्ञों को राहत की उम्मीद नहीं
हालांकि प्रदेश के आगामी बजट से आर्थिक विशेषज्ञों को बहुत ज्यादा उम्मीदें नहीं हैं. आर्थिक विशेषज्ञ आदित्य मनिया जैन के मुताबिक, सरकार को इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने के लिए बजट में प्रावधान करना चाहिए. साथ ही उम्मीद है कि आगामी बजट में प्रदेश के उद्योगों, एमएसएमई सेक्टर को राहत मिलेगी. उम्मीद है कि बजट में जनता पर कोई अतिरिक्त बोझ नहीं डाला जाएगा. उधर आर्थिक विशेषज्ञ संतोष अग्रवाल के मुताबिक मध्यप्रदेश छोटा राज्य है और दूसरे राज्यों से तुलना करें तो प्रदेश का बजट बहुत छोटा है. किसानों, महिलाओं, बच्चों के लिए बजट में प्रावधान हो सकते हैं, लेकिन सरकार को उद्योगों, व्यापारियों को भी राहत देनी चाहिए. उद्योग, एमएसएमई मजबूत होंगे तो राजस्व भी बढ़ेगा. सरकार को जीएसटी को लेकर समाधान योजना लाने पर विचार करना चाहिए, ताकि व्यापारियों की समस्याओं को खत्म हो सकें. किसानों और दूसरे वर्ग को राहत देने के मामले में सरकार का नजरिया राजनीतिक नहीं होना चाहिए.
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