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MP Board Exam : प्रतिबंध के बाद भी 12वीं के स्टूडेंट्स स्मार्ट वॉच पहनकर पहुंचे पेपर देने - 12वीं की परीक्षा 02 मार्च से शुरू

माध्यमिक शिक्षा मंडल बोर्ड की 12वीं की परीक्षा गुरुवार 02 मार्च से शुरू हो गईं. पहले दिन परीक्षा केंद्रों पर स्मार्ट वॉच लेकर कई छात्र पहुंचे. उड़नदस्तों ने स्मार्ट वॉच को उतरवाकर रखवा लिया. भोपाल में ही अलग-अलग स्कूलों में 11 जगह छात्र स्मार्ट वॉच पहनकर एग्जाम देने पहुंचे.

MP Board Exam
2वीं के कई स्टूडेंट्स स्मॉर्ट वॉच पहन कर पहुंचे पेपर देने
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Published : Mar 2, 2023, 1:08 PM IST

भोपाल। एमपी बोर्ड की 12वीं की परीक्षा का पेपर देने के लिए बड़ी संख्या में छात्र सेंटर पहुंचे. सेंटर्स पर छात्र तय समय पर पहुंच गए और बाहर अपना रोल नंबर देखते हुए कक्षाओं में पहुंचना शुरू किया. लेकिन इस बार 12वीं की कक्षाओं में स्मार्ट वॉच का मुद्दा सबसे ज्यादा नजर आया.,दरअसल कई छात्र जाने अनजाने में स्मार्ट वॉच ही पहन कर आ गए. स्मार्ट वॉच की डिवाइस के माध्यम से आसानी से नकल की जा सकती है. क्योंकि इसमें ब्लूटूथ के माध्यम से बाहर बैठा हुआ व्यक्ति फोन से टेक्स्ट मैसेज भी भेज सकता है. इसी को देखते हुए आनन-फानन में इन छात्रों से यह स्मार्ट वॉच उतरवा ली गई.

पेपर शुरू होने के बाद उतरवाई वॉच : भोपाल के शाहजहानाबाद स्थित मॉडल स्कूल में एक छात्र उड़नदस्तों की निगाह में तब आया, जब वह स्मार्ट वॉच पहन कर ही एग्जाम दे रहा था. चेकिंग करने वाले शिक्षकों ने उससे जब इसके बारे में पूछा तो उसका कहना था कि यह तो सिर्फ घड़ी है, लेकिन स्मार्ट वॉच होने के चलते टीचर ने उसकी घड़ी को चेक किया और तुरंत ही उतरवा कर बाहर रख दिया. गनीमत यह रही कि तब पेपर शुरू हुए मात्र 15 मिनट ही हुए थे. ऐसे में उसकी वॉच उतरवाकर रखवा दी गई, लेकिन उसे पेपर देने दिया गया. ऐसी ही स्थिति कमला नेहरू स्कूल में भी बनी जहां पर छात्र स्मार्ट वॉच के साथ एग्जाम सेंटर में पहुंचे और परीक्षा देने बैठ गए. लेकिन जैसे ही टीचर की निगाहें इस पर पड़ी उन्होंने तुरंत ही स्मार्ट वॉच उतरा ली और अपने पास रख ली.

स्मार्ट वॉच को लेकर भ्रम की स्थिति : इधर, छात्रों का कहना था कि वह गलती से यह स्मार्ट वॉच पहन कर आए हैं. उनको जल्दी में ध्यान नहीं रहा कि स्मार्ट वॉच के माध्यम से परेशानी भी हो सकती है. बता दें कि माध्यमिक शिक्षा मंडल ने बोर्ड एग्जाम के पहले अपनी नियमावली जारी की थी. उसके अनुसार कोई भी इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस लेकर परीक्षा हॉल में छात्र प्रवेश नहीं कर सकता था. लेकिन स्मार्ट वॉच को लेकर कई छात्र पशोपेश की स्थिति में थे. ऐसे में वह घड़ी के रूप में इसे पहन कर चले आये. नकल रोकने के लिए माध्यमिक शिक्षा मंडल तरह-तरह से उपाय कर रहा है. इसके लिए इसी साल पहली बार बारकोडिंग की व्यवस्था भी की गई है, जिसमें बच्चों कि कॉपियों की बारकोडिंग के माध्यम से मूल्यांकन की व्यवस्था भी की गई है. जो चुनिंदा विषयों पर ही है.

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इस बार सप्लीमेंट्री कॉपी नहीं : इस बार सप्लीमेंट्री की कॉपी नहीं है, मुख्य कॉपी ही 20 पेज की जगह 32 पेज की है. इस बार माध्यमिक शिक्षा मंडल 4 सेट में पेपर बच्चों को दे रहा है. जिसमें ABCD करके 4 सेट होंगे. लेकिन बच्चों के लिए राहत भरी खबर यह है कि प्रश्न सभी पत्रों में लगभग समान ही होंगे. उनका क्रम ऊपर नीचे रहेगा. यह प्रयोग पहले भी माध्यमिक शिक्षा मंडल कर चुका है लेकिन उस समय 3 सेटों में प्रश्न पत्र दिए गए थे और प्रश्न भी अलग-अलग हुआ करते थे. जिसमें कुछ खामियां नजर आने के बाद इस प्रयोग को बंद कर दिया गया था. लेकिन इस बार फिर से 4 सीटों में प्रयोग किया जा रहा है.

भोपाल। एमपी बोर्ड की 12वीं की परीक्षा का पेपर देने के लिए बड़ी संख्या में छात्र सेंटर पहुंचे. सेंटर्स पर छात्र तय समय पर पहुंच गए और बाहर अपना रोल नंबर देखते हुए कक्षाओं में पहुंचना शुरू किया. लेकिन इस बार 12वीं की कक्षाओं में स्मार्ट वॉच का मुद्दा सबसे ज्यादा नजर आया.,दरअसल कई छात्र जाने अनजाने में स्मार्ट वॉच ही पहन कर आ गए. स्मार्ट वॉच की डिवाइस के माध्यम से आसानी से नकल की जा सकती है. क्योंकि इसमें ब्लूटूथ के माध्यम से बाहर बैठा हुआ व्यक्ति फोन से टेक्स्ट मैसेज भी भेज सकता है. इसी को देखते हुए आनन-फानन में इन छात्रों से यह स्मार्ट वॉच उतरवा ली गई.

पेपर शुरू होने के बाद उतरवाई वॉच : भोपाल के शाहजहानाबाद स्थित मॉडल स्कूल में एक छात्र उड़नदस्तों की निगाह में तब आया, जब वह स्मार्ट वॉच पहन कर ही एग्जाम दे रहा था. चेकिंग करने वाले शिक्षकों ने उससे जब इसके बारे में पूछा तो उसका कहना था कि यह तो सिर्फ घड़ी है, लेकिन स्मार्ट वॉच होने के चलते टीचर ने उसकी घड़ी को चेक किया और तुरंत ही उतरवा कर बाहर रख दिया. गनीमत यह रही कि तब पेपर शुरू हुए मात्र 15 मिनट ही हुए थे. ऐसे में उसकी वॉच उतरवाकर रखवा दी गई, लेकिन उसे पेपर देने दिया गया. ऐसी ही स्थिति कमला नेहरू स्कूल में भी बनी जहां पर छात्र स्मार्ट वॉच के साथ एग्जाम सेंटर में पहुंचे और परीक्षा देने बैठ गए. लेकिन जैसे ही टीचर की निगाहें इस पर पड़ी उन्होंने तुरंत ही स्मार्ट वॉच उतरा ली और अपने पास रख ली.

स्मार्ट वॉच को लेकर भ्रम की स्थिति : इधर, छात्रों का कहना था कि वह गलती से यह स्मार्ट वॉच पहन कर आए हैं. उनको जल्दी में ध्यान नहीं रहा कि स्मार्ट वॉच के माध्यम से परेशानी भी हो सकती है. बता दें कि माध्यमिक शिक्षा मंडल ने बोर्ड एग्जाम के पहले अपनी नियमावली जारी की थी. उसके अनुसार कोई भी इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस लेकर परीक्षा हॉल में छात्र प्रवेश नहीं कर सकता था. लेकिन स्मार्ट वॉच को लेकर कई छात्र पशोपेश की स्थिति में थे. ऐसे में वह घड़ी के रूप में इसे पहन कर चले आये. नकल रोकने के लिए माध्यमिक शिक्षा मंडल तरह-तरह से उपाय कर रहा है. इसके लिए इसी साल पहली बार बारकोडिंग की व्यवस्था भी की गई है, जिसमें बच्चों कि कॉपियों की बारकोडिंग के माध्यम से मूल्यांकन की व्यवस्था भी की गई है. जो चुनिंदा विषयों पर ही है.

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इस बार सप्लीमेंट्री कॉपी नहीं : इस बार सप्लीमेंट्री की कॉपी नहीं है, मुख्य कॉपी ही 20 पेज की जगह 32 पेज की है. इस बार माध्यमिक शिक्षा मंडल 4 सेट में पेपर बच्चों को दे रहा है. जिसमें ABCD करके 4 सेट होंगे. लेकिन बच्चों के लिए राहत भरी खबर यह है कि प्रश्न सभी पत्रों में लगभग समान ही होंगे. उनका क्रम ऊपर नीचे रहेगा. यह प्रयोग पहले भी माध्यमिक शिक्षा मंडल कर चुका है लेकिन उस समय 3 सेटों में प्रश्न पत्र दिए गए थे और प्रश्न भी अलग-अलग हुआ करते थे. जिसमें कुछ खामियां नजर आने के बाद इस प्रयोग को बंद कर दिया गया था. लेकिन इस बार फिर से 4 सीटों में प्रयोग किया जा रहा है.

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