ETV Bharat / state

Bhopal BJP Meeting: हारी सीटों पर बीजेपी का मंथन, बनाई नई रणनीति, 121 सीटों पर फोकस

MP BJP ने आने वाले विधानसभा चुनाव के लिए 2018 में हारी हुई सीटों पर संगठन में कसावट और नए कार्यकर्ताओं की भर्ती की तैयारी शुरू कर दी है. प्रदेश कार्यसमिति बैठक में भी आकांक्षी सीटों पर विशेष ध्यान देने की बात हुई थी. जिसको लेकर अंदर ही अंदर बड़ा मंथन चालू है.

Shivraj Singh Chauhan
शिवराज सिंह चौहान
author img

By

Published : Feb 14, 2023, 7:07 AM IST

Updated : Feb 14, 2023, 8:42 AM IST

भोपाल। एमपी BJP ने मिशन 2023 के लिए प्रदेश की हारी हुई सीटों पर जीत के लिए नई रणनीति पर काम शुरू करने का संकल्प लिया है. पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा को 121 सीटों पर हार का सामना करना पड़ा था. इन क्षेत्रों में पार्टी ने अपने पुराने नेता- कार्यकर्ता को प्रभारी बनाया है. इन आकांक्षी सीटों के प्रभारियों को दायित्व के क्षेत्र में तालमेल और गृह जिले में पूछ-परख के संकट का सामना करना पड़ रहा है. इन प्रभारियों में कई लोग टिकट के दावेदार भी हैं. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी 2 दिन पहले संगठन के नेताओं को समन्वय बढ़ाने की समझाइश दे चुके हैं.

अब तक इतनी बैठकें: सत्ता-संगठन के पदाधिकारियों के साथ आकांक्षी सीटों के प्रभारियों की अब तक 4-5 बैठकें हो चुकी हैं. इन बैठकों में भी तालमेल का मामला उठ चुका है. कई जिलों का प्रभारियों का कहना है कि, संबंधित विधानसभा क्षेत्र में हैं. प्रभारी मंत्री, जिले के जनप्रतिनिधि, अध्यक्ष और संभागीय प्रभारियों के बीच बेहतर तालमेल नहीं बन पा रहा. इसके बाद ऐसी कमजोर सीटों की पड़ताल की गई जिसमें 48 सीटें ऐसी निकलकर आई हैं, जहां महज 5 हजार से कम बोटों से हार-जीत हुई थी. कम अंतर से भाजपा ने 24 सीटें जीती ली थीं, जबकि 22 सीटें गंवा दी थी.

Mp assembly elections 2023
हारी सीटों पर बीजेपी का मंथन

Panna News: "कमलनाथ की चक्की देर से चलती है पर बारीक पीसती है", पूर्व मुख्यमंत्री ने दी चेतावनी

मिशन 200 पार के लिए पार्टी का मंथन: 2018 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने ग्वालियर दक्षिण, दमोह, पथरिया, नेपानगर जैसी भाजपा की परंपरागत सीटें भी मामूली अंतर से गंवा दी थी. मध्यप्रदेश में 2023 के विधानसभा चुनाव नवंबर में हो सकते हैं. इसके लिए भाजपा ने 200 से अधिक सीटें जीतने का लक्ष्य रखा है. इसके लिए उन सीटों पर खास रणनीति बनाई जा रही है, जहां 2018 में पार्टी को हार का सामना करना पड़ा. दरअसल, पिछली गलतियों को न दोहराते हुए उनसे सबक लेकर पार्टी आगे बढ़ना चाहती है. पार्टी के साथ इस बार ज्योतिरादित्य सिंधिया भी हैं, जिन्होंने 2018 में कांग्रेस की जीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. बीजेपी को सर्वे रिपोर्ट में केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं के प्रभाव, मौजूदा विधायकों को स्थिति और कांग्रेस की स्थिति की पड़ताल की गई है.

1 हजार से कम अंतर से हारने वाली सीटें:

  1. ग्वालियर ग्रामीण
  2. सुवासरा
  3. जबलपुर उत्तर
  4. दमोह
  5. ब्यावरा
  6. राजनगर

2 हजार से कम अंतर से हारी सीटें:

  1. मांधाता
  2. गुन्नौर
  3. नेपानगर

3 हजार के कम अंतर से हारी सीटें:

  1. जोबट
  2. मुंगलवाली
  3. चुरहट
  4. पथरिया
  5. तराना
  6. पिछोर
  7. सांवेर

4 हजार से कम अंतर से हारने वाली सीटें

  1. छतरपुर
  2. वारासिवनी

5 हजार से कम अंतर से हारने वाली सीटें

  1. चंदेरी
  2. देवरी
  3. घट्टिया
  4. पेटलावद

Rewa News: भाजपा विधायक गले में नाग डालकर बजाने लगे बीन, जानें फिर क्या हुआ

बीजेपी में बैठकें जारी: बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने कहा कि, लगातार पार्टी की बैठकें होती रहती हैं. समीक्षा भी होती है. इस बार मिशन 200 पार का लक्ष्य है. लिहाजा कम अंतर वाली सीटों को जीतने पर मंथन किया जा रहा है. इन बिन्दुओं को आधार बनाकर ही बीजेपी आगामी चुनावों के लिए अपनी रणनीति तैयार कर रही है. सबसे ज्यादा फोकस आकांक्षी यानी उन सीटों पर है, जहां पार्टी को हार मिली थी. बीजेपी ने सर्वे में अपने विधायकों की स्थिति की जानकारी भी जुटाई है. इस रिपोर्ट पर हाल ही में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विधायकों से बैठक की थी. उन्हें उनकी कमजोरियां बताई. साथ ही अपनी स्थिति को सुधारने की नसीहत दी. विधायकों को बता दिया गया है कि अगले सर्वे तक अपनी स्थिति ठीक कर लें. रिपोर्ट में जनता की नाराजगी मिली थी.

भोपाल। एमपी BJP ने मिशन 2023 के लिए प्रदेश की हारी हुई सीटों पर जीत के लिए नई रणनीति पर काम शुरू करने का संकल्प लिया है. पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा को 121 सीटों पर हार का सामना करना पड़ा था. इन क्षेत्रों में पार्टी ने अपने पुराने नेता- कार्यकर्ता को प्रभारी बनाया है. इन आकांक्षी सीटों के प्रभारियों को दायित्व के क्षेत्र में तालमेल और गृह जिले में पूछ-परख के संकट का सामना करना पड़ रहा है. इन प्रभारियों में कई लोग टिकट के दावेदार भी हैं. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी 2 दिन पहले संगठन के नेताओं को समन्वय बढ़ाने की समझाइश दे चुके हैं.

अब तक इतनी बैठकें: सत्ता-संगठन के पदाधिकारियों के साथ आकांक्षी सीटों के प्रभारियों की अब तक 4-5 बैठकें हो चुकी हैं. इन बैठकों में भी तालमेल का मामला उठ चुका है. कई जिलों का प्रभारियों का कहना है कि, संबंधित विधानसभा क्षेत्र में हैं. प्रभारी मंत्री, जिले के जनप्रतिनिधि, अध्यक्ष और संभागीय प्रभारियों के बीच बेहतर तालमेल नहीं बन पा रहा. इसके बाद ऐसी कमजोर सीटों की पड़ताल की गई जिसमें 48 सीटें ऐसी निकलकर आई हैं, जहां महज 5 हजार से कम बोटों से हार-जीत हुई थी. कम अंतर से भाजपा ने 24 सीटें जीती ली थीं, जबकि 22 सीटें गंवा दी थी.

Mp assembly elections 2023
हारी सीटों पर बीजेपी का मंथन

Panna News: "कमलनाथ की चक्की देर से चलती है पर बारीक पीसती है", पूर्व मुख्यमंत्री ने दी चेतावनी

मिशन 200 पार के लिए पार्टी का मंथन: 2018 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने ग्वालियर दक्षिण, दमोह, पथरिया, नेपानगर जैसी भाजपा की परंपरागत सीटें भी मामूली अंतर से गंवा दी थी. मध्यप्रदेश में 2023 के विधानसभा चुनाव नवंबर में हो सकते हैं. इसके लिए भाजपा ने 200 से अधिक सीटें जीतने का लक्ष्य रखा है. इसके लिए उन सीटों पर खास रणनीति बनाई जा रही है, जहां 2018 में पार्टी को हार का सामना करना पड़ा. दरअसल, पिछली गलतियों को न दोहराते हुए उनसे सबक लेकर पार्टी आगे बढ़ना चाहती है. पार्टी के साथ इस बार ज्योतिरादित्य सिंधिया भी हैं, जिन्होंने 2018 में कांग्रेस की जीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. बीजेपी को सर्वे रिपोर्ट में केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं के प्रभाव, मौजूदा विधायकों को स्थिति और कांग्रेस की स्थिति की पड़ताल की गई है.

1 हजार से कम अंतर से हारने वाली सीटें:

  1. ग्वालियर ग्रामीण
  2. सुवासरा
  3. जबलपुर उत्तर
  4. दमोह
  5. ब्यावरा
  6. राजनगर

2 हजार से कम अंतर से हारी सीटें:

  1. मांधाता
  2. गुन्नौर
  3. नेपानगर

3 हजार के कम अंतर से हारी सीटें:

  1. जोबट
  2. मुंगलवाली
  3. चुरहट
  4. पथरिया
  5. तराना
  6. पिछोर
  7. सांवेर

4 हजार से कम अंतर से हारने वाली सीटें

  1. छतरपुर
  2. वारासिवनी

5 हजार से कम अंतर से हारने वाली सीटें

  1. चंदेरी
  2. देवरी
  3. घट्टिया
  4. पेटलावद

Rewa News: भाजपा विधायक गले में नाग डालकर बजाने लगे बीन, जानें फिर क्या हुआ

बीजेपी में बैठकें जारी: बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने कहा कि, लगातार पार्टी की बैठकें होती रहती हैं. समीक्षा भी होती है. इस बार मिशन 200 पार का लक्ष्य है. लिहाजा कम अंतर वाली सीटों को जीतने पर मंथन किया जा रहा है. इन बिन्दुओं को आधार बनाकर ही बीजेपी आगामी चुनावों के लिए अपनी रणनीति तैयार कर रही है. सबसे ज्यादा फोकस आकांक्षी यानी उन सीटों पर है, जहां पार्टी को हार मिली थी. बीजेपी ने सर्वे में अपने विधायकों की स्थिति की जानकारी भी जुटाई है. इस रिपोर्ट पर हाल ही में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विधायकों से बैठक की थी. उन्हें उनकी कमजोरियां बताई. साथ ही अपनी स्थिति को सुधारने की नसीहत दी. विधायकों को बता दिया गया है कि अगले सर्वे तक अपनी स्थिति ठीक कर लें. रिपोर्ट में जनता की नाराजगी मिली थी.

Last Updated : Feb 14, 2023, 8:42 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.