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विधायकों की नाराजगी दूर करने के लिए हटेगा बैन, 45 हजार से अधिकारी-कर्मचारियों के होंगे ट्रांसफर

मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव 2023 से पहले अधिकारी-कर्मचारियों के थोकबंद तबादले होने वाले हैं. माना जा रहा है कि एक माह के अंदर 45 हजार से ज्यादा ट्रांसफर होंगे. इन तबादलों के लिए नियम-कायदे मंगलवार को होने वाली कैबिनेट की मीटिंग में तय होंगे. सत्ता पक्ष के विधायकों की नाराजगी दूर करने और उनकी मांग पूरी करने के लिए तबादलों का ये दौर शुरू हो रहा है.

MP Ban removed of transfers
विधायकों की नाराजगी दूर करने के लिए हटेगा बैन
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Published : Apr 8, 2023, 12:23 PM IST

भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कैबिनेट के सदस्यों से चर्चा के बाद फैसला लिया था कि 31 अप्रैल से तबादलों से प्रतिबंध हट जाएगा. अब इसको 5 दिन और घटाकर 25 अप्रैल से प्रदेश में तबादलों पर लगा प्रतिबंध हटा दिया जाएगा. इसके लिए मंगलवार को होने वाली कैबिनेट बैठक में प्रस्ताव लाकर एक नीति तैयार होगी. बताया जाता है कि तबादलों में स्थानीय विधायकों की सिफारिश को तवज्जो दी जाएगी. जिससे विधायकों की नाराजगी दूर हो सके. बता दें कि बीते साल 2 महीने के लिए ट्रांसफर से बैन हटाया गया था. उस दौरान हजारों तबादले किए गए थे. इस बार 25 अप्रैल से लेकर 25 मई तक के बीच ही तबादले हो सकेंगे. सूत्र बताते हैं कि इस बार भी प्रभारी मंत्रियों की सिफारिश से जिलों में तबादले हो सकेंगे. बता दें कि मंत्री और विधायक लगातार मुख्यमंत्री से मांग कर रहे थे कि अब तबादलों से प्रतिबंध हटा लिया जाए.

कांग्रेस का आरोप- चंदा वसूली करेगी बीजेपी : शिवराज सरकार द्वारा थोकबंद तबादला करने की प्लानिंग को लेकर कांग्रेस का कहना है कि चंदावसूली व्यापक स्तर पर करने के लिए ऐसा किया जा रहा है. बता दें कि कमलनाथ सरकार के 15 महीने के कार्यकाल में भी थोक में तबादले हुए थे, जिसे लेकर बीजेपी के निशाने पर कमलनाथ और कांग्रेस सरकार रही है. बीजेपी हमेशा यही कहती रही है कि कमलनाथ सरकार के कार्यकाल में वल्लभ भवन दलाली का अड्डा बन गया था. आप जब फिर से तबादले शुरू हो रहे हैं तो कांग्रेस भी बीजेपी सरकार पर आरोप लगा रही है. कांग्रेस प्रवक्ता केके मिश्रा ने कहा कि मंत्री और विधायक अब तबादलों के जरिए बड़ा भ्रष्टाचार करने वाले हैं. सरकार की तरफ से नेताओं को खुली छूट देने की तैयारी है.

कैबिनेट में फिर से आएगी नीति : माना जा रहा है कि 1 महीने में लगभग 40 से 45 हजार अधिकारी- कर्मचारियों के तबादले हो सकते हैं. पिछले साल भी 17 सितंबर से 5 अक्टूबर तक तबादले हुए थे. वहीं 2021 में 1 जुलाई से 31 जुलाई के बीच तबादलों से बैन हटाया गया था. तबादलों के लिए कैबिनेट में फिर से नई नीति आने वाली है. इसके ड्राफ्ट के मुताबिक राज्य संवर्ग के तहत विभाग अध्यक्ष और उपक्रमों में प्रथम श्रेणी के अफसरों का तबादला मुख्यमंत्री के समन्वय और उनकी सहमति से होगा.

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प्रभारी मंत्री की सिफारिश अहम : प्रथम, द्वितीय के अधिकारियों का ट्रांसफर विभागीय मंत्री के अनुमोदन के बाद एसीएस, पीएस और सेक्रेटरी जारी करेंगे. तृतीय और चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों का ट्रांसफर प्रभारी मंत्री के आदेश के बाद होगा. आवश्यकताओं को देखते हुए विभाग तबादला नीति में संशोधन करना चाहता है तो उसे जीएडी से अनुमति लेनी होगी. हालांकि तबादला नीति में स्पष्ट है कि पहले ऑनलाइन आवेदन देना होगा, तभी ट्रांसफर किया जा सकेगा.

भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कैबिनेट के सदस्यों से चर्चा के बाद फैसला लिया था कि 31 अप्रैल से तबादलों से प्रतिबंध हट जाएगा. अब इसको 5 दिन और घटाकर 25 अप्रैल से प्रदेश में तबादलों पर लगा प्रतिबंध हटा दिया जाएगा. इसके लिए मंगलवार को होने वाली कैबिनेट बैठक में प्रस्ताव लाकर एक नीति तैयार होगी. बताया जाता है कि तबादलों में स्थानीय विधायकों की सिफारिश को तवज्जो दी जाएगी. जिससे विधायकों की नाराजगी दूर हो सके. बता दें कि बीते साल 2 महीने के लिए ट्रांसफर से बैन हटाया गया था. उस दौरान हजारों तबादले किए गए थे. इस बार 25 अप्रैल से लेकर 25 मई तक के बीच ही तबादले हो सकेंगे. सूत्र बताते हैं कि इस बार भी प्रभारी मंत्रियों की सिफारिश से जिलों में तबादले हो सकेंगे. बता दें कि मंत्री और विधायक लगातार मुख्यमंत्री से मांग कर रहे थे कि अब तबादलों से प्रतिबंध हटा लिया जाए.

कांग्रेस का आरोप- चंदा वसूली करेगी बीजेपी : शिवराज सरकार द्वारा थोकबंद तबादला करने की प्लानिंग को लेकर कांग्रेस का कहना है कि चंदावसूली व्यापक स्तर पर करने के लिए ऐसा किया जा रहा है. बता दें कि कमलनाथ सरकार के 15 महीने के कार्यकाल में भी थोक में तबादले हुए थे, जिसे लेकर बीजेपी के निशाने पर कमलनाथ और कांग्रेस सरकार रही है. बीजेपी हमेशा यही कहती रही है कि कमलनाथ सरकार के कार्यकाल में वल्लभ भवन दलाली का अड्डा बन गया था. आप जब फिर से तबादले शुरू हो रहे हैं तो कांग्रेस भी बीजेपी सरकार पर आरोप लगा रही है. कांग्रेस प्रवक्ता केके मिश्रा ने कहा कि मंत्री और विधायक अब तबादलों के जरिए बड़ा भ्रष्टाचार करने वाले हैं. सरकार की तरफ से नेताओं को खुली छूट देने की तैयारी है.

कैबिनेट में फिर से आएगी नीति : माना जा रहा है कि 1 महीने में लगभग 40 से 45 हजार अधिकारी- कर्मचारियों के तबादले हो सकते हैं. पिछले साल भी 17 सितंबर से 5 अक्टूबर तक तबादले हुए थे. वहीं 2021 में 1 जुलाई से 31 जुलाई के बीच तबादलों से बैन हटाया गया था. तबादलों के लिए कैबिनेट में फिर से नई नीति आने वाली है. इसके ड्राफ्ट के मुताबिक राज्य संवर्ग के तहत विभाग अध्यक्ष और उपक्रमों में प्रथम श्रेणी के अफसरों का तबादला मुख्यमंत्री के समन्वय और उनकी सहमति से होगा.

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