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MP Assembly Session: मानसून सत्र 10 से 14 जुलाई तक,अनुपूरक बजट पास होगा,कई विधेयक पेश होंगे - कई विधेयक पेश होंगे

मध्यप्रदेश विधानसभा का मानसून सत्र 10 जुलाई से शुरू होगा. ये सत्र 14 जुलाई तक चलेगा. इसकी तैयारियां शुरू कर दी गई हैं. इसमें वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए अनुपूरक बजट पेश किया जाएगा. सत्र में करीब एक दर्जन विधेयक भी पेश होंगे.

MP Assembly Session
मानसून सत्र 10 से 14 जुलाई तक, अनुपूरक बजट पास होगा
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Published : Jun 15, 2023, 6:53 AM IST

भोपाल। मध्यप्रदेश विधासनभा के मानसून सत्र में शिवराज सरकार सप्लीमेंट्री बजट पेश करेगी. लुभावनी योजनाओ के खर्च का बोझ इसी अनुपूरक बजट पर पड़ेगा. चूंकि चुनाव सिर पर हैं, इसलिए बजट को लेकर खींचतान है. नए बड़े निर्माण कार्यों की मंजूरी पर रोक दी गई है. सीएम शिवराज सिंह चौहान द्वारा की गई घोषणाओं के अलावा लाडली बहना सहित कई योजनाओं को देखते हुए ये बजट काफी अहम माना जा रहा है. सभी योजनाओं के खर्च का बोझ इसी अनुपूरक बजट में शामिल रहेगा.

विभागों ने तैयार किए प्रस्ताव : बजट के लिए सभी विभागों ने अपनी डिमांड के प्रस्ताव तैयार कर लिए हैं. इन पर अब विभागीय स्तर पर फायनल डिस्कशन हो रहा है. इस माह के अंत तक वित्त विभाग डिमांड के हिसाब से अनुपूरक बजट का प्रारंभिक ड्राफ्ट तैयार करेगा. यह वित्तीय वर्ष-2023-24 का पहला अनुपूरक बजट है. इसका प्रस्ताव पहले कैबिनेट में मंजूरी को रखा जाएगा. फिर विधानसभा में पेश होगा. 5 पांच दिन के इस विधानसभा सत्र में यह प्रस्ताव दूसरे या तीसरे दिन पेश हो सकता है. सामान्य तौर पर हर साल सरकार दो से तीन अनुपूरक बजट लाती है.

बजट में इन योजनाओं पर फोकस : इस अनुपूक बजट में सीएम शिवराज की घोषणाएं, लाडली बहना, सड़कें, मानसून बाद मरम्मत, पेयजल मिशन, सिंचाई योजनाएं, मेट्रो का काम, किसान कर्ज की ब्याज माफी, पीएम किसान सम्मान, पीएम आवास, बिजली सब्सिडी सहित अन्य बड़े प्रोजेक्ट हैं. मध्यप्रदेश में मानसून सत्र 15वीं विधानसभा का ये आखिरी सत्र हो सकता है. इस सत्र में अनुपूरक बजट के अलावा करीब एक दर्जन विधेयक भी पेश होंगे. इस सत्र में विधायकों का जोर होगा कि वे ज्यादा से ज्यादा सवाल अपने क्षेत्र से जुडड़ी समस्याओं को लेकर पूछें. दोनों दलों की निगाह में विधासनभा चुनाव में उठने वाले मुद्दे रहेंगे.

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बजट सत्र में हुआ था जोरदार हंगामा : बजट सत्र में जीतू पटवारी का निलंबन किया गया था. इसके खिलाफ कांग्रेस ने लामबंद होकर विधानसभा अध्यक्ष खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की सूचना दी थी, लेकिन उसको ग्राह नहीं किया गया. हंगामा हुआ और विधानसभा अनिश्चकाल के लिए स्थगित हो गई थी. कांग्रेस ने जीतू पटवारी के निलंबन का विरोध किया था. पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने इसे लोकतांत्रिक कदम बताया था और आरोप लगाया था कि सरकार के इशारे पर जीतू पटवारी का निलंबन किया गया. जिससे बाकी विधायक अपनी आवाज ना उठा सकें. संसदीय कार्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने जीतू पटवारी के निलंबन का प्रस्ताव रखा था.

भोपाल। मध्यप्रदेश विधासनभा के मानसून सत्र में शिवराज सरकार सप्लीमेंट्री बजट पेश करेगी. लुभावनी योजनाओ के खर्च का बोझ इसी अनुपूरक बजट पर पड़ेगा. चूंकि चुनाव सिर पर हैं, इसलिए बजट को लेकर खींचतान है. नए बड़े निर्माण कार्यों की मंजूरी पर रोक दी गई है. सीएम शिवराज सिंह चौहान द्वारा की गई घोषणाओं के अलावा लाडली बहना सहित कई योजनाओं को देखते हुए ये बजट काफी अहम माना जा रहा है. सभी योजनाओं के खर्च का बोझ इसी अनुपूरक बजट में शामिल रहेगा.

विभागों ने तैयार किए प्रस्ताव : बजट के लिए सभी विभागों ने अपनी डिमांड के प्रस्ताव तैयार कर लिए हैं. इन पर अब विभागीय स्तर पर फायनल डिस्कशन हो रहा है. इस माह के अंत तक वित्त विभाग डिमांड के हिसाब से अनुपूरक बजट का प्रारंभिक ड्राफ्ट तैयार करेगा. यह वित्तीय वर्ष-2023-24 का पहला अनुपूरक बजट है. इसका प्रस्ताव पहले कैबिनेट में मंजूरी को रखा जाएगा. फिर विधानसभा में पेश होगा. 5 पांच दिन के इस विधानसभा सत्र में यह प्रस्ताव दूसरे या तीसरे दिन पेश हो सकता है. सामान्य तौर पर हर साल सरकार दो से तीन अनुपूरक बजट लाती है.

बजट में इन योजनाओं पर फोकस : इस अनुपूक बजट में सीएम शिवराज की घोषणाएं, लाडली बहना, सड़कें, मानसून बाद मरम्मत, पेयजल मिशन, सिंचाई योजनाएं, मेट्रो का काम, किसान कर्ज की ब्याज माफी, पीएम किसान सम्मान, पीएम आवास, बिजली सब्सिडी सहित अन्य बड़े प्रोजेक्ट हैं. मध्यप्रदेश में मानसून सत्र 15वीं विधानसभा का ये आखिरी सत्र हो सकता है. इस सत्र में अनुपूरक बजट के अलावा करीब एक दर्जन विधेयक भी पेश होंगे. इस सत्र में विधायकों का जोर होगा कि वे ज्यादा से ज्यादा सवाल अपने क्षेत्र से जुडड़ी समस्याओं को लेकर पूछें. दोनों दलों की निगाह में विधासनभा चुनाव में उठने वाले मुद्दे रहेंगे.

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बजट सत्र में हुआ था जोरदार हंगामा : बजट सत्र में जीतू पटवारी का निलंबन किया गया था. इसके खिलाफ कांग्रेस ने लामबंद होकर विधानसभा अध्यक्ष खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की सूचना दी थी, लेकिन उसको ग्राह नहीं किया गया. हंगामा हुआ और विधानसभा अनिश्चकाल के लिए स्थगित हो गई थी. कांग्रेस ने जीतू पटवारी के निलंबन का विरोध किया था. पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने इसे लोकतांत्रिक कदम बताया था और आरोप लगाया था कि सरकार के इशारे पर जीतू पटवारी का निलंबन किया गया. जिससे बाकी विधायक अपनी आवाज ना उठा सकें. संसदीय कार्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने जीतू पटवारी के निलंबन का प्रस्ताव रखा था.

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