भोपाल। शराबबंदी को लेकर अपनी ही सरकार को घेरती रहीं उमा भारती ने लोधी समाज को फ्री हैंड देकर जो दांव खेला है. (Uma Bharti gave free hand to Lodhi Samaj) चुनावी साल में उनका ये एक दांव कई असर देने वाला है. पहला और इंस्टेंट नतीजा तो लोधी समाज के इस एलान के साथ आ ही गया कि उमा भारती के बयान के बाद लोधी समाज के लिए अपना निर्णय करना आसान हो गया है. उमा भारती ने लोधी समाज की बैठक में कहा था कि, लोधी समाज अपने हितों को देखकर ही चुनाव में मतदान करे. मैं आपसे बीजेपी को वोट देने को नही कहूंगी.
9 फीसदी वोट बैंक की ताकत: उमा भारती का ये बयान उनकी दबाव की राजनीति के तौर पर देखा जा रहा है. पार्टी में इन दिनों हाशिए पर चल रही उमा भारती ने इस तरीके से अपनी ताकत दिखाने की कोशिश की है. ये बताने की भी कि उनकी आस्था में 9 फीसदी वोट बैंक की ताकत रखने वाला लोधी समाज अबतक बीजेपी को अपना राजनीतिक समर्थन देता रहा है. इसे प्रीतम लोधी को लेकर हाल ही में हुए बीजेपी सरकार के एक्शन के एक्सटेंशन के तौर पर भी देखा जा रहा है.
बीजेपी को हराने मैदान में उतरेंगे लोधी: उमा भारती से फ्री हैंड मिलने के बाद लोधी समाज ने भी स्टैंड लेने में देर नहीं लगाई. जिस समय राजनीतिक दल 2023 में जीत के लिए रणनीति तैयार कर रहा हैं. तब लोधी समाज सियासी दल की तरह विधानसभा स्तर तक पूरा नेटवर्क तैयार किया है. लक्ष्य एक है कि हर कीमत पर विधानसभा चुनाव में बीजेपी को हराना है.चुनावी साल में लोधी समाज के इस सियासी स्टैंड से जुड़ा सबसे बड़ा सवाल यही कि क्या उमा भारती ने अपनी ताकत रहे इस समाज को चुनावी साल में फ्री हैंड जानबूझकर दिया है. क्या ये उमा भारती की दबाव की सियासत का एक और चोखा दांव हैं.
समाज के लिए दीदी ने आसान राह बनाई : अखिल भारतीय लोधी-लोधा क्षत्रिय महासभा क्षत्रिय महासभा के प्रदेशाध्यक्ष महेश नरवरिया ईटीवी भारत से बातचीत में कहते हैं कि, बीजेपी का समर्थन लोधी समाज ने लंबे समय से किया, लेकिन समाज को मिला क्या? बीजेपी में सरकार से लेकर संगठन तक कहीं समाज को प्रतिनिधित्व नहीं मिला. समाज की एक ही दुविधा थी कि, दीदी उमा भारती को हम इंकार नहीं कर पाएंगे. अब उन्होंने भी समाज को फ्री हैंड दे दिया है तो हमारे लिए आसानी हो गई है.
अपेक्षाओं पर खरा उतरने वाले को समर्थन: नरवरिया का कहना है कि बीजेपी लोधी समाज को दुश्मन मानती है. हमारे समाज के अधिकारियों तक को लूप लाईन में डाला जा रहा है, तो अब समाज भी उसी हिसाब में मैदान में आएगा. अब बीजेपी को हराने के लिए लोधी समाज मैदान में उतरेगा. समाज का समर्थन किस राजनीतिक दल के साथ होगा.? इस सवाल पर नरवरिया कहते हैं समाज का समर्थन उस दल के साथ होगा जो समाज के सम्मान का ध्यान रखेगा. जो हमारी अपेक्षाओं पर खरा उतरेगा.
65 सीटों पर लोधी समाज का सीधा असर: विधानसभा चुनाव को लेकर देखें तो लोधी समाज बड़ी ताकत रखता है. समाज के नेता महेश नरवरिया के मुताबिक 230 सीटों में से 65 सीटें ऐसी हैं जहां लोधी समाज का वोटर ही निर्णायक है. पूरे प्रदेश में 9 प्रतिशत लोधी समाज का वोट है. 29 लोकसभा सीटों में से 10 सीटें ऐसी हैं जहां लोधी वोटर निर्णायक है. इनमें बालाघाट, जबलपुर, गुना, सागर, खजुराहो, दमोह, विदिशा, इंदौर, मंडला, होशंगाबाद ऐसी सीटें हैं जहां लोधी वोटर प्रभावी है. अंचल की बात करें तो बुंदेलखंड और ग्वलियर चंबल के इलाके में लोधी समाज की बहुतायत है. समाज को लेकर बीजेपी जिस लाइन पर चल रही है उससे लोधी समाज में बड़ी नाराजगी ये है. जो इस बात को लेकर है कि बीजेपी को पूरा समर्थन देने के बावजूद भी राज्य की राजनीति में लोधी समाज से निकली लीडरशिप को बीजेपी ने कोई मौका नहीं दिया.
बगावती बयान पर उमा की सफाई, बोली- मेरी अपनी लाइन, पार्टी मुझे साइडलाइन नहीं करती
कार्यक्रम में क्या बोली थीं उमा भारती: लोधी समाज के कार्यक्रम में एक तरीके से उमा भारती ने लोधी समाज को फ्री हैंड दे दिया. बीते दिनों उमा भारती ने लोधी समाज के एक कार्यक्रम में ये बयान दिया था. उमा भारती ने लोधी समाज के इस कार्यक्रम में कहा था कि मैं अपनी पार्टी के मंच पर जब आऊंगी तो लोगों के लिए वोट भी मांगूगीं, लेकिन मैं ये कभी नहीं कहती कि लोधियों बीजेपी को वोट करो. मैं तो सबको ये कहती हूं कि तुम बीजेपी को वोट करो इसलिए कहती हूं क्योंकि मैं बीजेपी की निष्ठावान सिपाही हूं. मैं आपसे नहीं कहती कि आप पार्टी के निष्ठावान सिपाही रहो. आप अपने हित देखिए. उमा ने कहा था कि आप प्यार के बंधन में बंधे हैं. राजनीति के बंधन से आप आजाद हैं. मेरी सभा के बाद आपको पट्टे में लिख दिया गया ये मैं नहीं कर सकती. आप उसे ही वोट करें जिसने आपका सम्मान रखा हो. आपका उचित ध्यान रखा हो. उमा भारती का ये बयान प्रीतम लोधी के निष्कासन से भी जोड़कर देखा जा रहा है.