भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव को लेकर बीजेपी ने माइक्रो मैनेजमेंट पर काम करना शुरू कर दिया है. प्रदेश में विधानसभा चुनाव और इसके बाद लोकसभा चुनाव हैं. पार्टी का फोकस युवाओं पर है. अमित शाह के दौरे के दौरान उन्होंने पार्टी नेताओं से कहा कि "युवाओं को पार्टी की रीति नीति से जोड़ो. सूत्रों के मुताबिक इंदौर के कार्यकर्ता सम्मेलन के बाद चुनाव प्रबंधन की बैठक के बीच शाह ने न केवल सूबे के विधानसभा, बल्कि आने वाले लोकसभा चुनाव में पार्टी के जनाधार को बढ़ाने में 30 लाख से अधिक मतदाताओं को बताया है, जो पहली बार मतदान करने के लिए तैयार हैं.
30 लाख से ऊपर हैं युवा मतदाता: निर्वाचन कार्यालय के आंकड़ों के मुताबिक अप्रैल 2023 तक एमपी में 18 से 21 वर्ष की उम्र के युवा वोटर्स की संख्या 30 लाख से ऊपर है. मौजूदा स्थिति में भाजपा इसी वोट बैंक को संकटमोचक मानकर चल रही है. युवाओं ने लोकसभा चुनाव 2019 में तो नरेंद्र मोदी को वोट किया, लेकिन प्रदेश के 2018 के विधानसभा चुनावों में युवाओं ने प्रदेश भाजपा को उतना साथ नहीं दिया था. पार्टी की रणनीति में वोटों के खिसकने से रोकने के साथ उनको अपना बनाने का टारगेट दिया गया है. जिसके लिए सरकार और संगठन की तरफ से प्रयास किए जा रहे हैं.
- 18-19 14.5 लाख
- 18-21 30 लाख
- 18-39 2.83 करोड़
कुल 5 करोड़ 43 लाख 77 हजार
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पार्टी संवाद के नए तरीकों से जीतेगी युवाओं का दिल: वोट शेयर बढ़ाना और पहली बार मतदान करने वाले युवा मतदाताओं को साधने के बीजेपी की तरफ से कई जतन किए जा रहे हैं. पार्टी युवा वोटरों से सीधा संवाद करेगी. स्थानीय जनप्रतिनिधियों, मोर्चा, मंडलों का सीधा पत्र संवाद, विभिन्न खेल और सांस्कृतिक गतिविधियों के माध्यम से रिश्ता कैसे जुड़े, इन जैसे कई नवाचारों पर जोर दिया जा रहा है. वहीं बीजेपी ने युवा मोर्चा को भी अलग-अलग जिम्मेदारी दी है. युवा मतदाताओं को चिट्ठी लिखकर भाजपा से जुड़ने और पार्टी की विचारधारा से वे जुड़े इसके लिए पार्टी की नीति और काम उन्हें बताएं जायेंगे.