भोपाल। मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी ने आखिरकार अपनी दो रुकी हुई विधानसभा सीटों पर भी प्रत्याशी घोषित कर दिए हैं. बीजेपी ने गुना विधानसभा सीट से पन्नालाल शाक्य को अपना प्रत्याशी बनाया है, जबकि विदिशा सीट से मुकेश टंडन को चुनाव मैदान में उतारा गया है. कांग्रेस पहले ही इन दोनों सीटों पर अपने उम्मीदवार घोषित कर चुकी है. बीजेपी के मुकेश टंडन का मुकाबला कांग्रेस के शशांक भार्गव से होगा. जबकि गुना सीट पर भाजपा के प्रत्याशी पन्नालाल शाक्य का मुकाबला कांग्रेस के पंकज कानोरिया से होगा.
दो रुकी हुई सीटों पर प्रत्याशी घोषित: भोपाल प्रदेश मुख्यालय में भाजपा नेता अमित शाह से चर्चा के बाद भाजपा ने दो सीटों पर रुके हुए प्रत्याशियों का ऐलान कर दिया है. बीजेपी ने विदिशा सीट से पिछली बार के प्रत्याशी को ही रिपीट किया है. मुकेश टंडन को भाजपा ने 2018 की विधानसभा चुनाव में भी मैदान में उतारा था, लेकिन वह चुनाव हार गए थे. जबकि गुना से पूर्व विधायक पन्नालाल शाक्य को मौका दिया गया है. वह 2013 की विधानसभा चुनाव में गुना विधानसभा सीट से चुनाव जीते थे, लेकिन 2018 में उनका पार्टी ने टिकट काट दिया था. भाजपा इसके पहले 228 सीटों पर अपना उम्मीदवारों का ऐलान कर चुकी थी. पहले और दूसरी सूची में 39-39 प्रत्याशी का ऐलान किया गया था. जबकि तीसरी सूची में एक प्रत्याशी का ऐलान किया गया था. बीजेपी की चौथी सूची में 57 और 5वीं सूची में 92 प्रत्याशियों का ऐलान किया गया था.
22.36 लाख मतदाता पहली बार डालेंगे वोट: गौरतलब है कि मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव के लिए 17 नवंबर को वोट डाले जाने हैं. वोटों की गिनती 3 दिसंबर को होगी. मध्य प्रदेश के 5 करोड़ 60 लाख से ज्यादा मतदाता मध्य प्रदेश में बीजेपी और कांग्रेस सहित चुनाव मैदान में उतरने वाले उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला करेंगे. मध्य प्रदेश में कुल मतदाताओं में 2.88 करोड़ पुरुष मतदाता, जबकि 2.72 करोड़ महिला मतदाता हैं. प्रदेश में युवा मतदाताओं की संख्या 22.36 लाख है, जो पहली बार वोट डालेंगे.
कांग्रेस ने कहा-किसी को भी बीजेपी उतारे उनकी हार तय: भाजपा द्वारा मध्य प्रदेश के विदिशा और गुना सीट पर टिकट फाइनल किए जाने को लेकर कांग्रेस प्रवक्ता रागिनी नायक ने कहा कि बीजेपी ने अपने करीब 35 विधायकों के टिकट काटे हैं. इससे यह पता चलता है कि इनका विश्वास विधायकों पर नहीं है, अब जिन नेताओं को चुनाव लड़ा रहे हैं. वह सब हारे और नकारे हुए लोग हैं. बीजेपी के पास प्रत्याशी नहीं है. बीजेपी में सिर्फ दंगल चल रहा है. कभी केंद्रीय मंत्री पर हमला होता है, तो कभी विरोध प्रदर्शन. भारतीय जनता पार्टी के खेमे में हार का डर, आपसी अविश्वास और असमंजस दिखाई दे रहा है. इस बार प्रत्याशी कौन है यह सवाल ही नहीं है, क्योंकि जो लड़ेगा वह हारेगा.