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MP Assembly Election 2023: गुजरात की तर्ज पर BJP नियुक्त करेगी 6500 बूथों पर प्रभारी, जानें क्या होंगे इनके काम

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Published : Jan 10, 2023, 10:07 AM IST

एमपी विधानसभा चुनावों से पहले भाजपा ने फिर बड़ा दांव खेला है. चुनावों से पहले जहां कांग्रेस बूथों को मजबूत करने में जुटी है, वहीं भाजपा ने "नहले पे दहला" खेलते हुए हर बूथ पर एक प्रभारी नियुक्त कर रही है जो गरीबों को योजनाओं का लाभ दिलानें में मदद करेगें.(MP Assembly Election 2023)

MP Assembly Election 2023
एमपी विधानसभा चुनावों से पहले भाजपा का बड़ा दांव

भोपाल। एमपी में विधानसभा चुनाव 2023 की तैयारियों को लेकर कांग्रेस ने बीजेपी की तर्ज पर बूथ पर फोकस करना शुरू कर दिया है, तो बीजेपी ने उससे और दूर की कौड़ी फेंक दी है. सत्ताधारी पार्टी ने 6500 बूथों पर एक नई प्लानिंग के तहत काम शुरू कर दिया है, वो गरीब कल्याण योजना के प्रभारी नियुक्त करने जा रही है जो केंद्र और राज्य सरकार की हितग्राही मूलक योजनाओं की मॉनिटरिंग करेंगे. (MP Assembly Election 2023) प्रभारी ये देखेंगे कि शक्ति केंद्र में शामिल बूथों के कितने मतदाताओं को गरीब कल्याण योजना का लाभ मिल रहा है और उस हितग्राही का रुझान किस दल की तरफ है, इसकी रिपोर्ट तैयार कर मंडल और जिला अध्यक्षों के जरिये प्रदेश संगठन को भेजेगा.

गरीबों पर बीजेपी का फोकस: चुनाव के पहले महीने में बूथ और शक्ति केंद्र स्तर पर केंद्र और राज्य सरकार की गरीब कल्याण की योजनाओ के हितग्राहियों के सम्मेलन भी होगा और ये सम्मेलन छोटे छोटे स्तर, मंडल स्तर पर कार्यक्रम आयोजित होंगे. जिसमें प्रमुख रूप से प्रधानमंत्री आवास योजना, उज्जवला योजना, आयुष्मान भारत योजना, लाड़ली लक्ष्मी योजना और स्व सहायता समूह के सम्मेलन शामिल होंगे.

शक्ति केंद्रों में होंगे अलग-अलग पद: शक्ति केंद्रों में संयोजक, सह संयोजक, प्रभारी, आईटी प्रभारी, गरीब कल्याण योजना प्रभारी की नियुक्ति की जाएगी और उन्हें किए जाने वालों कामों से भी अवगत कराया जाएगा. इसी के चलते जिलों में प्रवास के लिए निकले पार्टी के शीर्ष संगठन नेताओं ने बैठकों के दौरान शक्ति केंद्रों के गठन पर भी फोकस किया है. बूथ विस्तारक योजना के तहत डिजिटल हुए बूथों पर निगरानी रखने के साथ उन्हे अपडेट को जिम्मेदारी भी प्रभारियों को दी जाएगी, जिन कार्यकर्ताओं को पदीय दायित्व सौंपे गए हैं, उनके मंडलों में प्रवास कार्यक्रम बनाए जाने को भी कहा गया है. प्रदेश संगठन नेताओं को जिलों तक दौरे करने को कहा गया है और प्रत्येक मंडल में इस तरह के कार्यक्रम हो इसके लिए प्लानिंग शुरू कर दी गई है.

MP Assembly Election 2023 कांग्रेस ने नेताओं को सौंपी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी, एससी वर्ग के प्रतिनिधियों से आज चर्चा करेंगे कमलनाथ

गुजरात की राह पर MP: प्रदेश में भाजपा अब तक मंडल स्तर पर संगठन के कामकाज की निगरानी करती रही है. ( MP BJP on Gujrat Plan) गुजरात विधानसभा चुनाव में पार्टी ने बूथ स्तर पर पन्ना समिति बनाने के साथ 8 से 10 बूथों पर एक शक्ति केंद्र बनाया था. संगठन ने चुनावी तैयारियों की जिम्मेदारी इन्हीं शक्ति केंद्रों को दी थी. पहले मंडल स्तर के पास जो अधिकार थे, वह शक्ति केंद्रों को सौंप दिए गए. इन शक्ति केंद्र में एक संयोजक और एक प्रभारी की नियुक्ति की गई थी. इसके जरिये प्रदेश स्तर से लेकर हर स्तर पर सीधे शक्ति केंद्रों की निगरानी की गई और चुनाव परिणाम अपेक्षा से अधिक अच्छे आए. केंद्र से मिले निर्देश के मुताबिक गुजरात की तर्ज पर शक्ति केंद्र बनाए जाए, जिससे यहां पर गुजरात की तरह चुनावी परिणाम मिल सके , पार्टी ने अबकी बार 200 पार का नारा फिर बुलंद किया है.

बूथों की मजबूती पर कांग्रेस का जोर: मध्यप्रदेश में कांग्रेस भी संगठन को मजबूत करने में जुटी है कमलनाथ लगातार निचले स्तर तक के कार्यकर्ताओं की बैठक ले रहे हैं. मंडल और बूथ स्तर ट्रक के कार्यकर्ताओं की प्रोग्रेस रिपोर्ट कमलनाथ ने ली है. कांग्रेस भी मंडलों को मजबूत कर बूथ को मजबूत करने में जुट गई है. राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के बाद कार्यकर्ताओं में जोश फूंकने के लिए कमलनाथ के भावी मुख्यमंत्री के पोस्टर भी कार्यकर्ताओं में जोश भरने के लिए लगाए जा रहे हैं, विपक्ष को लग रहा है कि इससे एक मनोवैज्ञानिक फायदा उसे मिलेगा.

भोपाल। एमपी में विधानसभा चुनाव 2023 की तैयारियों को लेकर कांग्रेस ने बीजेपी की तर्ज पर बूथ पर फोकस करना शुरू कर दिया है, तो बीजेपी ने उससे और दूर की कौड़ी फेंक दी है. सत्ताधारी पार्टी ने 6500 बूथों पर एक नई प्लानिंग के तहत काम शुरू कर दिया है, वो गरीब कल्याण योजना के प्रभारी नियुक्त करने जा रही है जो केंद्र और राज्य सरकार की हितग्राही मूलक योजनाओं की मॉनिटरिंग करेंगे. (MP Assembly Election 2023) प्रभारी ये देखेंगे कि शक्ति केंद्र में शामिल बूथों के कितने मतदाताओं को गरीब कल्याण योजना का लाभ मिल रहा है और उस हितग्राही का रुझान किस दल की तरफ है, इसकी रिपोर्ट तैयार कर मंडल और जिला अध्यक्षों के जरिये प्रदेश संगठन को भेजेगा.

गरीबों पर बीजेपी का फोकस: चुनाव के पहले महीने में बूथ और शक्ति केंद्र स्तर पर केंद्र और राज्य सरकार की गरीब कल्याण की योजनाओ के हितग्राहियों के सम्मेलन भी होगा और ये सम्मेलन छोटे छोटे स्तर, मंडल स्तर पर कार्यक्रम आयोजित होंगे. जिसमें प्रमुख रूप से प्रधानमंत्री आवास योजना, उज्जवला योजना, आयुष्मान भारत योजना, लाड़ली लक्ष्मी योजना और स्व सहायता समूह के सम्मेलन शामिल होंगे.

शक्ति केंद्रों में होंगे अलग-अलग पद: शक्ति केंद्रों में संयोजक, सह संयोजक, प्रभारी, आईटी प्रभारी, गरीब कल्याण योजना प्रभारी की नियुक्ति की जाएगी और उन्हें किए जाने वालों कामों से भी अवगत कराया जाएगा. इसी के चलते जिलों में प्रवास के लिए निकले पार्टी के शीर्ष संगठन नेताओं ने बैठकों के दौरान शक्ति केंद्रों के गठन पर भी फोकस किया है. बूथ विस्तारक योजना के तहत डिजिटल हुए बूथों पर निगरानी रखने के साथ उन्हे अपडेट को जिम्मेदारी भी प्रभारियों को दी जाएगी, जिन कार्यकर्ताओं को पदीय दायित्व सौंपे गए हैं, उनके मंडलों में प्रवास कार्यक्रम बनाए जाने को भी कहा गया है. प्रदेश संगठन नेताओं को जिलों तक दौरे करने को कहा गया है और प्रत्येक मंडल में इस तरह के कार्यक्रम हो इसके लिए प्लानिंग शुरू कर दी गई है.

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गुजरात की राह पर MP: प्रदेश में भाजपा अब तक मंडल स्तर पर संगठन के कामकाज की निगरानी करती रही है. ( MP BJP on Gujrat Plan) गुजरात विधानसभा चुनाव में पार्टी ने बूथ स्तर पर पन्ना समिति बनाने के साथ 8 से 10 बूथों पर एक शक्ति केंद्र बनाया था. संगठन ने चुनावी तैयारियों की जिम्मेदारी इन्हीं शक्ति केंद्रों को दी थी. पहले मंडल स्तर के पास जो अधिकार थे, वह शक्ति केंद्रों को सौंप दिए गए. इन शक्ति केंद्र में एक संयोजक और एक प्रभारी की नियुक्ति की गई थी. इसके जरिये प्रदेश स्तर से लेकर हर स्तर पर सीधे शक्ति केंद्रों की निगरानी की गई और चुनाव परिणाम अपेक्षा से अधिक अच्छे आए. केंद्र से मिले निर्देश के मुताबिक गुजरात की तर्ज पर शक्ति केंद्र बनाए जाए, जिससे यहां पर गुजरात की तरह चुनावी परिणाम मिल सके , पार्टी ने अबकी बार 200 पार का नारा फिर बुलंद किया है.

बूथों की मजबूती पर कांग्रेस का जोर: मध्यप्रदेश में कांग्रेस भी संगठन को मजबूत करने में जुटी है कमलनाथ लगातार निचले स्तर तक के कार्यकर्ताओं की बैठक ले रहे हैं. मंडल और बूथ स्तर ट्रक के कार्यकर्ताओं की प्रोग्रेस रिपोर्ट कमलनाथ ने ली है. कांग्रेस भी मंडलों को मजबूत कर बूथ को मजबूत करने में जुट गई है. राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के बाद कार्यकर्ताओं में जोश फूंकने के लिए कमलनाथ के भावी मुख्यमंत्री के पोस्टर भी कार्यकर्ताओं में जोश भरने के लिए लगाए जा रहे हैं, विपक्ष को लग रहा है कि इससे एक मनोवैज्ञानिक फायदा उसे मिलेगा.

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