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MP Assembly Election 2023: बुंदेलखंड में भाजपा के लिए अपने ही बन रहे मुसीबत, पार्टी में तेजी से बढ़ रही है बगावत...

Bundelkhand BJP Rebellion: मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा ने अब तक चार उम्मीदवारों की सूची के जरिए 136 प्रत्याशी घोषित कर दिए हैं. लेकिन खासकर बुंदेलखंड के जिन दावेदारों को पार्टी ने टिकट नहीं दिया है वे बगावत पर उतर आये हैं. पढ़िए इन बागियों की कहानी...

MP Assembly Election 2023
मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव 2023
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Oct 13, 2023, 3:54 PM IST

भोपाल। मध्य प्रदेश के बुंदेलखंड में भाजपा के लिए अपने ही मुसीबत बन रहे हैं और बगावत पर उतारू हैं. कई नेताओं ने तो दल बदल का रास्ता भी चुनना शुरू कर दिया है, वहीं कुछ नेता दूसरे दलों से सौदा करने में लगे हैं. राज्य में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा अब तक 136 उम्मीदवारों के नामों का ऐलान कर चुकी है, अब 230 विधानसभा की सीटों में से सिर्फ 94 पर उम्मीदवारों के नामों का फैसला होना बाकी है. संभावना है कि यह सूची भी जल्दी आ जाएगी.

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बात बुंदेलखंड की करें तो यहां की 26 सीटों के अधिकांश प्रमुख दावेदार पांच मंत्री गोपाल भार्गव, भूपेंद्र सिंह, गोविंद सिंह राजपूत, बृजेंद्र प्रताप सिंह और राहुल लोधी पर भाजपा ने भरोसा जताते हुए इन्हें टिकट दे दिया है. इसके अलावा कई हारी हुई सीटों पर भी पार्टी उम्मीदवार तय कर चुकी है. पार्टी की ओर से जहां एक ओर उम्मीदवार तय किए जा रहे हैं, वहीं दूसरी ओर बगावती स्वर सुनाई दे रहे हैं.

बुंदेलखंड में भाजपा के लिए अपने ही बन रहे मुसीबत: पूर्व सांसद लक्ष्मीनारायण यादव ने तो खुले तौर पर हाईकमान को बहरा और अंधा तक कह डाला. इतना ही नहीं उनके पुत्र सुधीर यादव ने भी बगावत कर दी है. छतरपुर जिले के पूर्व जिलाध्यक्ष घासीराम पटेल तो बसपा का दामन थाम चुके हैं, इसी तरह यहां के करण सिंह लोधी ने भी पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है. कुल मिलाकर बुंदेलखंड में विधानसभा चुनाव में भाजपा के लिए अपने ही मुसीबत बन रहे हैं. फिलहाल कांग्रेस में इस तरह की बगावत नहीं दिख रही है, क्योंकि पार्टी के उम्मीदवारों के अभी नाम तय नहीं हुए हैं.

(Agency Input)

भोपाल। मध्य प्रदेश के बुंदेलखंड में भाजपा के लिए अपने ही मुसीबत बन रहे हैं और बगावत पर उतारू हैं. कई नेताओं ने तो दल बदल का रास्ता भी चुनना शुरू कर दिया है, वहीं कुछ नेता दूसरे दलों से सौदा करने में लगे हैं. राज्य में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा अब तक 136 उम्मीदवारों के नामों का ऐलान कर चुकी है, अब 230 विधानसभा की सीटों में से सिर्फ 94 पर उम्मीदवारों के नामों का फैसला होना बाकी है. संभावना है कि यह सूची भी जल्दी आ जाएगी.

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बात बुंदेलखंड की करें तो यहां की 26 सीटों के अधिकांश प्रमुख दावेदार पांच मंत्री गोपाल भार्गव, भूपेंद्र सिंह, गोविंद सिंह राजपूत, बृजेंद्र प्रताप सिंह और राहुल लोधी पर भाजपा ने भरोसा जताते हुए इन्हें टिकट दे दिया है. इसके अलावा कई हारी हुई सीटों पर भी पार्टी उम्मीदवार तय कर चुकी है. पार्टी की ओर से जहां एक ओर उम्मीदवार तय किए जा रहे हैं, वहीं दूसरी ओर बगावती स्वर सुनाई दे रहे हैं.

बुंदेलखंड में भाजपा के लिए अपने ही बन रहे मुसीबत: पूर्व सांसद लक्ष्मीनारायण यादव ने तो खुले तौर पर हाईकमान को बहरा और अंधा तक कह डाला. इतना ही नहीं उनके पुत्र सुधीर यादव ने भी बगावत कर दी है. छतरपुर जिले के पूर्व जिलाध्यक्ष घासीराम पटेल तो बसपा का दामन थाम चुके हैं, इसी तरह यहां के करण सिंह लोधी ने भी पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है. कुल मिलाकर बुंदेलखंड में विधानसभा चुनाव में भाजपा के लिए अपने ही मुसीबत बन रहे हैं. फिलहाल कांग्रेस में इस तरह की बगावत नहीं दिख रही है, क्योंकि पार्टी के उम्मीदवारों के अभी नाम तय नहीं हुए हैं.

(Agency Input)

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