भोपाल। मध्य प्रदेश में बीजेपी को चुनावी चिंता सता रही है और खासतौर से हारी हुई 103 सीटों को लेकर पार्टी चिंतित है. 103 सीटों पर पिछले छह महीने के दौरान लगातार संगठन की बैठकें, मैदानी फीडबैक और बूथ स्तर पर हुए कार्यक्रमों की रिपोर्ट में करीब 40 सीटें ज्यादा सीटें कमजोर मानी जा रही हैं. संगठन और सरकार की सर्वे रिपोर्ट में साफ कहा गया है कि भाजपा की स्थिति ठीक नहीं है.
प्रभारियों को बताया 22 सूत्रीय फॉर्मूला: बीजेपी की तरफ से प्रभारियों को 22 तरह के काम सौंपे गए हैं. पिछले सप्ताह हारी हुई सीटों पर दिग्गजों का जमावड़ा रहा. बताया गया कि इन सीटों पर नए सिरे से रणनीति बनानी होगी, ये सीटें वे हैं जिन पर पारंपरिक रूप से कांग्रेस डटी है.
कौन सी हैं वे सीटें: ऐसी सीटों में भोपाल उत्तर, लहार, छिंदवाड़ा और झाबुआ, राघोगढ़, पिछोर भितरवार डबरा, चाचौड़ा महाराजपुर, चित्रकूट, जबलपुर पश्चिम डिंडोरी, लांजी बालाघाट लखनादौन सिवनी, खेड़ा, ब्यावरा राजगढ़, कसरावद, राऊ आदि हैं.
इन क्षेत्रों के प्रभारियों से मिले फीडबैक: हारी हुई सीटों को लेकर प्रभारियों का कहना है कि ''बूथ संरचना, हितग्राही सम्मेलन, हर बूथ पर वोट शेयर बढ़ाने, बूथ के त्रिदेव और पन्ना प्रमुख सहित बूथ समितियों के काम को अपडेट करने पर जोर दिया जा रहा है. पार्टी में नई जॉइनिंग कराने को भी कहा गया है.''
क्या कहते हैं प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा: बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा का कहना है कि ''बीजेपी ने ऐसी सीटों पर फोकस किया है जो कांग्रेस के गढ़ हैं. प्रदेश कार्यसमिति की बैठक में मिले फीडबैक से कार्यकर्ता उत्साहित हैं. बीजेपी चाहती है कि कांग्रेस के गढ़ को पूरी तरह से ढहाया जाए.''
कांग्रेस का जवाब-बीजेपी अपने किले तो बचा ले: पूर्व मंत्री पीसी शर्मा का कहना है कि ''जनता अब समझ चुकी है कि बीजेपी सिर्फ सब्जबाग दिखाती है. 2018 के चुनावों में बीजेपी को करारी शिकस्त मिली थी. इस बार भी जनता ने भाजपा को हराने का मूड बना लिया है. बीजेपी हमारे किले ढहाने की बात कर रही है, पहले खुद के किले तो बचा ले. इस बार बीजेपी का सूपड़ा साफ होना है.''
राजनीति से जुड़ी यह खबरें भी पढ़े |
2018 में बीजेपी का नारा था अबकी बार फिर शिवराज: 2018 में बीजेपी के नारे को जनता ने पसंद नहीं किया और कांग्रेस को सिरमौर बनाया. पिछले चुनावों में बीजेपी ने कांग्रेस के मजबूत किलों की घेराबंदी की थी. लेकिन बीजेपी उन्हें ढहा नहीं पाई थी. हालांकि PM मोदी का जादू लोकसभा सीटों पर चला. 2019 में बीजेपी पूरी तरह से कांग्रेस का सूपड़ा साफ करना चाहती थी, लेकिन 29 सीटों में से 1 कांग्रेस के खाते में गई है. हालांकि अभी राज्यसभा की 11 सीटों में से बीजेपी के पास 8 तो कांग्रेस के पास 3 सीटें हैं.