भोपाल। राजधानी भोपाल में 22 जनवरी से शुरू हुए आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के आंदोलन का शनिवार को आखिरी दिन था. इस दौरान कार्यकर्ताओं ने रैली निकाली, गाने गाए, बन्नी गाए और नारे भी लगाए. कार्यकर्ताओं की मांगे हैं कि इनका नियमितीकरण किया जाए और पगार बढ़ाकर 25 हजार व 12 हजार 5 सौ रुपए किया जाए. आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं का यह आंदोलन मध्यप्रदेश आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका संघ के बैनर तले चल रहा है. यह संघ भारतीय मजदूर संघ के सहयोग से संचालित होता है और पूरे भारतीय मजदूर संघ का इन्हें समर्थन मिला हुआ है.
3 चरणों में आंदोलन: आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं का यह आंदोलन अलग चरण में आयोजित किया जा रहा है. फिलहाल तीसरा चरण चल रहा है. दिसंबर माह में पहला चरण आयोजित हुआ था, जिसमें केवल ज्ञापन दिया गया था. दूसरा चरण 4 जनवरी 2023 से शुरू हुआ था इसमें सभी जिला मुख्यालयों पर एक दिवसीय धरना देकर मुख्यमंत्री जी के नाम लंबित मांगों का ज्ञापन पत्र सौपा गया था. इसमें 14 दिवस में समस्या का समाधान करने की अपील की गयी और पत्राचार कर यह भी सूचित किया गया है कि समस्या का समाधान न होने पर केन्द्र बंद हड़ताल के लिए संगठन बाध्य होगा.
आंदोलन का तीसरा चरण: 14 दिन पूरे होने के बाद तीसरे चरण का आंदोलन शुरू किया गया. भोपाल में चल रहे इस आंदोलन का यह तीसरा चरण है, जो कि 23 जनवरी 2023 से शुरू हुआ है और 28 जनवरी यानी शनिवार को इसका समापन हो रहा है. अलग-अलग जिलों में अलग तारीखों में यह आंदोलन हो रहा है. प्रत्येक जिला मुख्यालय पर सरकार की सदबुद्धि के लिए हवन भी किया जा रहा है. इसमें कई आंगनवाड़ी केंद्र बंद कर दिए गए हैं. इसमें सभी जिलों की आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, मिनी कार्यकर्ता और सहायिका अपना काम बंद कर जिला मुख्यालय पर सुबह से शाम तक धरना दे रही हैं.
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प्रदेश स्तर पर आंदोलन की चेतावनी: "ओ मामा सुन लोग बहनों की पुकार, कर दो हमारा बेड़ा पार. बढ़ा दो हमारी पगार, यह प्रार्थना करती हैं बहनें बारंबर" यह गाना आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं ने अपने भाई यानी मप्र के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के लिए गाया. संघ की जिला अध्यक्ष सुमन नागर और जिला सचिव रेखा नागरे ने बताया कि अब तक सरकार की तरफ से कोई ठोस जवाब नहीं आया है. यदि हमें कोई जवाब नहीं मिलता है तो यह आंदोलन प्रदेश स्तर पर किया जाएगा.
यह है मांगे:-
- मध्य प्रदेश महिला एवं बाल विकास विभाग के अंतर्गत सभी आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं, सहायिकाओं और मिनी आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को शासकीय कर्मचारी घोषित किया जाए. उन्हें सभी सुविधाओं का लाभ प्रदान किया जाए. मध्य प्रदेश सरकार के द्वारा घोषित 15 सौ के एरियर के साथ भुगतान किया जाए.
- राज्य सरकार को केंद्र सरकार से समन्वय कर आंगनवाड़ी कार्यकर्ता सहायिका और मिनी आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की नियुक्ति प्रक्रिया के नियमों में संशोधन करते हुए मानदेय या मानसेवा की जगह नियमित और सीधी भर्ती की जाने की नियमावली बनाई जाए.
- जब तक नियुक्ति प्रक्रिया में संशोधन नहीं किया जाता। तब तक आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और अन्य कार्यकर्ताओं के मानदेय में वृद्धि कर उन्हें कम से कम 25 हजार या 12 हजार 5 सौ का भुगतान किया जाए.
- सभी आंगनवाड़ी कार्यकर्ता को विभाग की ओर से कम से कम 50 हजार रुपए का स्वास्थ्य बीमा दिया जाए और आयुष्मान योजना की पात्रता में शामिल किया जाए.
- उनकी मांग यह भी है कि किसी भी आंगनवाड़ी कार्यकर्ता को अपने कार्य के अलावा अन्य किसी काम में ड्यूटी पर ना लगाया जाए.
- विभाग द्वारा प्रत्येक मद में जो राशि दी जाती है और पोषण खेल स्वास्थ संबंधित सभी सामग्री उनके केंद्रों पर समय सीमा के भीतर पहुंचाई जाए. विभाग की तरफ से जो ऐप पोषण ट्रैकर और संपर्क ऐप बनाया गया है उसे मर्ज करके एक ही सी ऐप पर काम कराया जाए.
- मांग यह भी है कि अभी ज्यादातर आंगनवाड़ी केंद्र किराए के भवन में चल रहे हैं उन्हें खुद का भवन दिया जाए या फिर किराया वर्तमान स्थिति के अनुसार बड़ाकर दिया जाए.
- अन्य विभागों की तरह आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को भी 15 दिन का ग्रीष्मकालीन अवकाश दिया जाए.
- उत्तर प्रदेश की तरह 10 वर्ष का अनुभव हो जाने पर शिक्षा और सीनियरिटी के आधार पर पर्यवेक्षक के पद पर बिना किसी परीक्षा के सीधी भर्ती की जाए और उसमें मध्यप्रदेश के बाहर के आवेदन स्वीकार नहीं किए जाएं.
- जब तक आंगनवाड़ी से जुड़ी कार्यकर्ताओं को शासकीय कर्मचारी घोषित नहीं किया जाता तब तक उन्हें रिटायर्ड नहीं किया जाए क्योंकि उनके जीवन का यही एकमात्र आय का साधन है.