जोधपुर/ भोपाल। मध्यप्रदेश में पराली को जलाने से होने वाले पर्यावरणीय नुकसान को रोकने की योजना पर काम किया जा रहा है. शिवराज सरकार राज्य में पराली से एथनॉल बनाने की इकाइयां लगाए जाने पर विचार कर रही है. जिसके संबंध में कृषि मंत्री कमल पटेल ने दिल्ली में केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान से मुलाकात की और इस विषय पर पर चर्चा की. कृषि मंत्री कमल पटेल ने इस संबंध में खुद बयान जारी करते हुए ये जानकारी दी है.
किसानों की बढ़ेगी आय
मंत्री कमल पटेल ने कहा कि, मध्यप्रदेश में पराली जलाने से हो रहे पर्यावरणीय नुकसान को रोकने के लिए पराली से ईंधन (एथनॉल) बनाने के यूनिट लगाए जाएंगे. इसके लिए किसान आगे आएंगे. इन यूनिट्स से बनाया गया ईंधन सरकार खुद खरीदेगी. इस तरह किसानों को पराली जलानी भी नहीं पड़ेगी और अतिरिक्त आय भी हो सकेगी.
पराली जलाना नुकसानदायक
कृषि मंत्री ने पराली जलाने से होने वाले नुकसान को गंभीर बताया. उन्होंने कहा कि, 'पराली जलाने से पर्यावरण और जमीन की उर्वरक शक्ति को नुकसान तो होता ही है, साथ ही कई बार देखा गया कि, इससे गंभीर हादसे भी हो जाते हैं. गांव में आग लगने जैसी घटनाएं भी सामने आई हैं'.
कृषि उपज मंडियों में खोले जाएंगे पेट्रोल पंप
जानकारी के मुताबिक प्रदेश की 25 कृषि उपज मंडियों में पेट्रोल पंप खोलने की तैयारी है. जल्द ही मंडियों की आवश्यकता के अनुसार चयन कर आगे की प्रक्रिया पूरी की जाएगी.
आत्मनिर्भर बनेगा किसान
कृषि मंत्री कमल पटेल का कहना है कि, राज्य में किसानों के कल्याण के लिए प्रभावी योजनाओं को अमल में लाया गया है. जिससे उन्हें आत्मनिर्भर और समृद्ध बनाने में मदद मिलेगी. किसान कल्याण के लिए शिवराज सरकार ये कदम उठाने जा रही है.
पराली से प्रदूषण गंभीर समस्या
देश में पराली एक बेहद गंभीर समस्या है. खासकर उत्तर भारत के राज्यों में. इसकी वजह से प्रदूषण में बढ़ोतरी होती है. हरियाणा, पंजाब और दिल्ली में पराली को लेकर अक्सर सुर्खियां बनीं रहती हैं.