Govardhan Puja Date: भारत में हर त्योहार को बहुत ही उत्साह और भक्ति के साथ मनाया जाता है. ऐसा ही एक त्योहार है दिवाली. दिवाली पांच दिनों का त्योहार है, जिसमें से एक गोवर्धन पूजा को समर्पित है. इस दिन को 'अन्नकूट पूजा' के नाम से भी जाना जाता है, और यह भगवान कृष्ण द्वारा इंद्र देव की हार का प्रतीक है. इस शुभ दिन पर भक्त भगवान कृष्ण के साथ-साथ गोवर्धन पर्वत की भी पूजा करते हैं. हिंदू कैलेंडर के अनुसार, लोग कार्तिक महीने के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को यह त्योहार मनाते हैं. लेकिन लोग कंफ्यूजन में हैं कि इस बार गोवर्धन पूजा किस तारीख को होगी. तो इस आर्टिकल में जानिये गोवर्धन पूजा की तारीख, शुभ मुहूर्त और पूजा का तरीका.
गोवर्धन पूजा का महत्व
हिंदू धर्म में गोवर्धन पूजा का बहुत महत्व है. भक्त इस दिन भगवान श्री कृष्ण, गोवर्धन पर्वत और गाय की पूजा करते हैं. गोवर्धन पूजा भगवान कृष्ण को समर्पित एक त्योहार है. साथ ही प्रकृति मां के प्रति प्रशंसा और सम्मान व्यक्त करने का भी त्योहार है. इस दिन, भक्तों को गोवर्धन पर्वत और भगवान कृष्ण की पसंदीदा गायों की पूजा करने पर भगवान कृष्ण का आशीर्वाद प्राप्त होता है. हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान कृष्ण ने वृंदावन के लोगों को भगवान इंद्र के प्रकोप से बचाने के लिए इस दिन अपनी छोटी उंगली पर गोवर्धन पर्वत उठाया था. परिणामस्वरूप, लोगों ने बड़े उत्साह के साथ गोवर्धन पर्वत की पूजा करना शुरू कर दिया, और भगवान कृष्ण को 'गोवर्धनधारी' और 'गिरिधारी' नाम दिया गया.
गोवर्धन पूजा की तिथि और शुभ मुहूर्त
गोवर्धन पूजा की डेट को लेकर कंफ्यूजन की स्थिति बनी हुई है. लोग आसमंजस में है कि गोवर्धन पूजा 1 नवंबर को है या 2 नवंबर को. लेकिन आप कंफ्यूज न हों. हम आपको गोवर्धन पूजा की सही तारीख और शुभ मुहूर्त बताते हैं. पंचांग के अनुसार, कार्तिक माह की प्रतिपदा तिथि 1 नवंबर को शाम 6 बजकर 16 मिनट पर शुरु होगी और इसका समापन 2 नवंबर, रात 8 बजकर 21 मिनट पर होगा. ऐसे में गोवर्धन पूजा 2 नवंबर शनिवार को मनाई जाएगी. गोवर्धन पूजा का शुभ मुहूर्त शनिवार सुबह 06 बजकर 34 मिनट से 08 बजकर 46 मिनट तक रहेगा.
कैसे करें गोवर्धन पूजा
2 नवंबर गोवर्धन पूजा वाले दिन भक्त सुबह जल्दी उठ जाएं और सबसे पहले स्नान करें.
स्नान करने के बाद भक्त भगवान श्रीकृष्ण की पूजा करें.
इसके बाद दोपहर के समय घर के आंगन में गोवर्धन महाराज की प्रतिमा बनाएं.
अपने घर के मंदिर में दीये और अगरबत्ती जलाएं.
गोवर्धन पूजा वाले दिन भगवान को दूध, पान, अन्नकूट आदि चीजें अर्पित करें
इस दिन छप्पन भोग तैयार करें और गोवर्धन की मूर्ति को प्रसाद के रूप में चढ़ाएं.
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गोवर्धन पूजा का मंत्र
इस दिन भक्त भक्ति गीत गाते हैं, मंत्र पढ़ते हैं और गोवर्धन की मूर्ति के चारों ओर परिक्रमा करते हैं. अंत में, गोवर्धन पूजा की आरती की जाती है और अन्य भक्तों को प्रसाद परोसा जाता है. गोवर्धन पूजा मंत्र अपनी पूजा पूरी करने के लिए गोवर्धन मूर्ति के सामने 'श्रीगिरिराजधरणप्रभुतेरीशरण' गोवर्धन मंत्र का जाप करते हैं.