भोपाल। जिले में वंदे भारत एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखाने आए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थित में एमपी के 19 हजार पटवारियों ने डिजिटल हड़ताल शुरू कर दी है. अपने वेतन समेत दूसरी मांगों को लेकर शुरू की गई यह हड़ताल 3 दिन चलेगी. हड़ताल के दौरान एमपी पटवारी संघ भोपाल के प्रदेश अध्यक्ष उपेंद्र सिंह बघेल ने ईटीवी भारत से बात की. उन्होंने बताया कि "जो भी मांगे हैं, वे सात साल से चली आ रही हैं, लेकिन अब हमें मजबूरन हड़ताल की राह अपनानी पड़ रही है. गौरतलब है कि एमपी के 19 हजार पटवारियों की ग्रेड-पे समेत अन्य मुद्दों को लेकर चरणबद्ध तरीके से हड़ताल चल रही है."
सीमांकन बंद करने से पड़ा असर: एमपी पटवारी संघ भोपाल के प्रदेश अध्यक्ष उपेंद्र सिंह बघेल का कहना है कि "अब हमारी मांगे हैं वेतन को लेकर, चरणबद्ध आंदोलन है. हमें सीमांकन का अधिकार दिया, पहले नहीं दिया. हम RI के बराबर हो गए, हमने उसी हिसाब से 2800 रुपए का वेतन मांगा. हमें प्रशिक्षण देने का निवेदन किया, मशीनें मांगी मशीनें कम हैं. प्रदेश में हम बिना मोबाइल के शासन का काम कर रहे हैं. हमें सारा एप दे दिया, सभी काम इसी से होते हैं. हमने तय किया कि सारा एप को अनस्टॉल कर देंगे, सभी 19 हजार हटा देंगे, बाकी काम करते रहेंगे. पत्राचार का जवाब नहीं दे रहे हैं, किसी भी पटवारी के पास शासकीय मोबाइल नहीं है इसलिए हमने जब सीमांकन बंद किया तो हमें सीएम शिवराज ने बुलाया था और हमारा प्रतिनिधिमंडल उनसे मिलने गया था. सीएम शिवराज ने कहा था "भाई हम आपकी मांगें पूरी कर रहे हैं आपको आंदोलन करने की जरूरत नहीं पड़ेगी. हम आंदोलन कर भी नहीं रहे हैं, हमने उनसे कहा है कि 15 दिन में हमारी पंचायत बुलाकर हमारी मांगों का निराकरण कर दें. हमारा 2800 रुपए ग्रेड पे लागू कर दें, तो आंदोलन करने की वास्तव में जरूरत ही नहीं पड़ेगी."
यह होगा असर: 'सारा' एप को सामूहिक लॉगआउट करने के बाद इस एप से होने वाले करीब दर्जन भर काम रुक जाएंगे. इनमें मुख्यमंत्री आवासीय भू अधिकार योजना, फसल गिरदावरी, पीएम किसान, लघु सिंचाई संगणना, फसल कटाई प्रयोग, मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना, स्वामित्व योजना, गिरदावरी निरीक्षण और मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना हितग्राही स्थिति के लिंक बंद हो जाएंगे. सीधे तौर पर इससे किसान और गरीबी रेखा में आने वाली जनता प्रभावित होगी.