भोपाल। मध्य प्रदेश में 3 और 4 जनवरी को करीब 6 हजार 292 शिक्षक दक्षता परीक्षा देंगे. जिसमें राजधानी भोपाल के 40 शिक्षकों को दक्षता परीक्षा देनी होगी. मध्यप्रदेश में कक्षा दसवीं और बारहवीं का बोर्ड रिजल्ट बिगड़ने पर अब शिक्षा विभाग शिक्षकों की दक्षता परीक्षा कराएगा. यह परीक्षाएं पिछले वर्ष भी आयोजित की गई थी. इस वर्ष कोरोना संक्रमण के चलते यह परीक्षाएं जनवरी के पहले सप्ताह में आयोजित की जा रही है. हालांकि इन परीक्षाओं को लेकर कई शिक्षकों ने विरोध भी जताया था और अब भी शिक्षक इसके विरोध में है, लेकिन स्कूल शिक्षा विभाग का कहना है कि जब तक शिक्षकों की दक्षता नहीं की जाएगी तब तक प्रदेश में 10वीं 12वीं का रिजल्ट नहीं सुधरेगा.
स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने बताया कि यह परीक्षाएं आयोजित कराना जरूरी है. इन्हें फिलहाल स्थगित कर जनवरी के पहले सप्ताह में आयोजित किया जायेगा. उन्होंने कहा जिन स्कूलों का रिजल्ट 40 प्रतिशत से कम है. उन स्कूलों के शिक्षकों की दक्षता परीक्षा आयोजित की जाएगी. यह परीक्षाएं दो चरणों में होंगी. पहले परीक्षा में जो शिक्षक पास नहीं हो पाएगा. उसके लिए दूसरी बार परीक्षा आयोजित की जाएगी और इस बीच शिक्षकों का प्रशिक्षण भी किया जाएगा.
परीक्षा में फेल हुए शिक्षक तो होगी कार्रवाई
विभाग की मानें तो इस परीक्षा में जो बी टीचर पास नहीं हो पाएंगे, उन्हें एक और मौका दिया जाएगा और फिर भी अपनी दक्षता नहीं दिखा पाए तो विभाग इंक्रीमेंट रोकने, निलंबन करने या अनिवार्य सेवानिवृत्ति की कार्रवाई भी कर सकता है. बता दें पिछले वर्ष भी यह परीक्षाएं आयोजित की गई थी, जिसमें कई शिक्षक फेल हुए थे और उन शिक्षकों पर सेवानिवृत्ति की कार्रवाई की गई थी. हालांकि बाद में शिक्षकों के विरोध के बाद इसे वापस लिया गया था.
शिक्षकों ने जताया विरोध
स्कूल शिक्षा विभाग के इस आदेश के बाद शिक्षकों ने इसका विरोध करना शुरू कर दिया है. शिक्षकों का कहना है कि इस परीक्षा में मिडिल स्कूल के शिक्षकों को भी रखाना चाहिए. जबकि परीक्षा के फॉर्मेट में कक्षा 10वीं और 12वीं के स्कूलों का रिजल्ट बिगड़ने वाले शिक्षकों की परीक्षा ली जानी है, तो इसमें मिडिल स्कूल के शिक्षकों की परीक्षा क्यों ली जा रही है. विभाग के अधिकारियों का कहना है कि मिडिल की आठवीं कक्षा में पढ़कर ही विद्यार्थी दसवीं में पहुंचता है. इसीलिए इन शिक्षकों को भी शामिल किया जाना चाहिए.