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NHM : स्वास्थ्य विभाग से जुड़े 5 सौ कर्मचारियों पर गिरी शिवराज सरकार की गाज, पढ़ें क्या है मामला

मध्यप्रदेश में बेरोजगारों की संख्या लगातार बढ़ रही है. इस बारे में शिवराज सरकार लगातार दावे करती है कि बेरोजगार युवकों के लिए कई योजनाएं चलाई गई हैं. लेकिन ये दावे सच्चाई से मेल नहीं खाते. रोजगार देना तो दूर, ये सरकार रोजगार छीनने पर उतारू है. इसी क्रम में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM)और मेडिकल कॉलेजों में कार्यरत 5 सौ से ज्यादा कर्मचारियों पर गाज गिरने वाली है. (employees in National Health Mission) (National Health Mission order)

employees in National Health Mission
स्वास्थ्य विभाग से जुड़े 5 सौ कर्मचारियों पर गिरी गाज
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Published : Mar 30, 2022, 1:22 PM IST

Updated : Mar 30, 2022, 2:12 PM IST

भोपाल। प्रदेश की शिवराज सरकार भले ही प्रदेश में युवाओं को रोजगार देने का दावा कर रही हो लेकिन प्रदेश के राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM)और मेडिकल कॉलेजों में कार्यरत 5 सौ से ज्यादा कर्मचारी 1 अप्रेल से बेरोजगार होने जा रहे हैं. राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की मिशन संचालक प्रिंयका दास ने बजट न होने का हवाला देते हुए इन्हें हटाने के निर्देश दिए हैं. मिशन संचालक ने इसको लेकर चिकित्सा शिक्षा विभाग और सभी कलेक्टरों को पत्र जारी कर दिया है.

employees in National Health Mission
स्वास्थ्य विभाग से जुड़े 5 सौ कर्मचारियों पर गिरी गाज

कोरोना काल में नौकरी पर रखे गए थे कर्मचारी : राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन ने कोरोना काल में प्रदेश के सभी 13 चिकित्सा महाविद्यालयों और जिला अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवाओं के लिए इन कर्मचारियों को रखा था. इन 500 से ज्यादा कर्मचारियों ने कोरोना काल में बेहद विषम परिस्थितियों में अपनी जान जोखिम में डालकर काम किया, लेकिन अब बजट का हवाला देकर इन्हें हटाया जा रहा है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की मिशन संचालक प्रियंका दास ने चिकित्सा शिक्षा विभाग, सभी कलेक्टर और सीएमएचओ को पत्र लिखकर एक अप्रेल से इन्हें हटाने के आदेश जारी किए हैं।

कर्मचारी बोले- अब हम कहां जाएंगे : आदेश में मिशन संचालक ने कहा है कि कोविड 19 के अंतर्गत अस्थायी मानव संसाधन पर होने वाले मासिक मानदेय के आहरण हेतु बजट आवंटन की उपलब्धता न होने के कारण भविष्य में अस्थायी रूप से रखे गए मानव संसाधन को मासिक वेतन का भुगतान नहीं किया जा सकेगा. इन कर्मचारियों की सेवाएं 1 अप्रेल से खत्म हो जाएंगी. इस आदेश के भनक लगते ही इससे जुड़े कर्मचारियों में हड़कंप मच गया है. इनका कहना है कि कोरोना काल में जब लोग अपने घरों से नहीं निकल रहे थे, हर जगह मौत का तांडव दिख रहा था, तब हम लोगों ने मरीजों की सेवा की. जान जोखिम में डालकर हमने ड्यूटी की. अब हमें हटाया जा रहा है. अब हम कहां जाएंगे.

ये भी पढ़ें : गांधी मेडिकल कॉलेज (GMC) के मेडिकल टीचर्स का आंदोलन शुरू, ये है आगे की रणनीति

मध्यप्रदेश में बढ़ रहे शिक्षित बेरोजगार : प्रदेश में शिक्षित बेरोजगारों की संख्या में लगातार बढोत्तरी हो रही है. प्रदेश में 30 लाख से ज्यादा पढ़े-लिखे युवाओं को रोजी-रोटी की जरूरत है. हालांकि राज्य सरकार दावा कर रही है कि युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए सरकार लगातार प्रयास कर रही है. युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है. निजी कंपनियों में भी स्थानीय युवाओं को प्राथमिकता दी जा रही है. लेकिन धरातल पर ये दावे फेल साबित हो रहे हैं. विपक्षी दल कांग्रेस भी शिवराज सरकार को बेरोजगारी के मुद्दे पर लगातार घेर रही है. (employees in National Health Mission) (National Health Mission order)

भोपाल। प्रदेश की शिवराज सरकार भले ही प्रदेश में युवाओं को रोजगार देने का दावा कर रही हो लेकिन प्रदेश के राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM)और मेडिकल कॉलेजों में कार्यरत 5 सौ से ज्यादा कर्मचारी 1 अप्रेल से बेरोजगार होने जा रहे हैं. राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की मिशन संचालक प्रिंयका दास ने बजट न होने का हवाला देते हुए इन्हें हटाने के निर्देश दिए हैं. मिशन संचालक ने इसको लेकर चिकित्सा शिक्षा विभाग और सभी कलेक्टरों को पत्र जारी कर दिया है.

employees in National Health Mission
स्वास्थ्य विभाग से जुड़े 5 सौ कर्मचारियों पर गिरी गाज

कोरोना काल में नौकरी पर रखे गए थे कर्मचारी : राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन ने कोरोना काल में प्रदेश के सभी 13 चिकित्सा महाविद्यालयों और जिला अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवाओं के लिए इन कर्मचारियों को रखा था. इन 500 से ज्यादा कर्मचारियों ने कोरोना काल में बेहद विषम परिस्थितियों में अपनी जान जोखिम में डालकर काम किया, लेकिन अब बजट का हवाला देकर इन्हें हटाया जा रहा है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की मिशन संचालक प्रियंका दास ने चिकित्सा शिक्षा विभाग, सभी कलेक्टर और सीएमएचओ को पत्र लिखकर एक अप्रेल से इन्हें हटाने के आदेश जारी किए हैं।

कर्मचारी बोले- अब हम कहां जाएंगे : आदेश में मिशन संचालक ने कहा है कि कोविड 19 के अंतर्गत अस्थायी मानव संसाधन पर होने वाले मासिक मानदेय के आहरण हेतु बजट आवंटन की उपलब्धता न होने के कारण भविष्य में अस्थायी रूप से रखे गए मानव संसाधन को मासिक वेतन का भुगतान नहीं किया जा सकेगा. इन कर्मचारियों की सेवाएं 1 अप्रेल से खत्म हो जाएंगी. इस आदेश के भनक लगते ही इससे जुड़े कर्मचारियों में हड़कंप मच गया है. इनका कहना है कि कोरोना काल में जब लोग अपने घरों से नहीं निकल रहे थे, हर जगह मौत का तांडव दिख रहा था, तब हम लोगों ने मरीजों की सेवा की. जान जोखिम में डालकर हमने ड्यूटी की. अब हमें हटाया जा रहा है. अब हम कहां जाएंगे.

ये भी पढ़ें : गांधी मेडिकल कॉलेज (GMC) के मेडिकल टीचर्स का आंदोलन शुरू, ये है आगे की रणनीति

मध्यप्रदेश में बढ़ रहे शिक्षित बेरोजगार : प्रदेश में शिक्षित बेरोजगारों की संख्या में लगातार बढोत्तरी हो रही है. प्रदेश में 30 लाख से ज्यादा पढ़े-लिखे युवाओं को रोजी-रोटी की जरूरत है. हालांकि राज्य सरकार दावा कर रही है कि युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए सरकार लगातार प्रयास कर रही है. युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है. निजी कंपनियों में भी स्थानीय युवाओं को प्राथमिकता दी जा रही है. लेकिन धरातल पर ये दावे फेल साबित हो रहे हैं. विपक्षी दल कांग्रेस भी शिवराज सरकार को बेरोजगारी के मुद्दे पर लगातार घेर रही है. (employees in National Health Mission) (National Health Mission order)

Last Updated : Mar 30, 2022, 2:12 PM IST
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