हैदराबाद। सामान्य वर्षों के मुकाबले इस साल मानसून 10 दिन पहले आया, लेकिन जिस तरह से मानसून पहले आया मध्य प्रदेश को उतना फायदा नहीं मिल सका. प्रदेश में मानसून को दस्तक दिए एक महीना हो गया है, लेकिन अब तक पूरे प्रदेश में एक जैसी बारिश नहीं हुई है. इससे राज्य में जहां-तहां किसानों की खेती प्रभावित हुई है.
कम दबाव के बावजूद मानसून ने बदला रुख
मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार बारिश विंड पैटर्न पर भी निर्भर करती है. कई बार कम दबाव होने के बावजूद बारिश नहीं हो पाती है. इसका बड़ा कारण विंड पैटर्न है. ऐसे में मानसून का रुख बदल जाता है. इसके अलावा लो प्रेशर एरिया से जो सिस्टम बने उसके वीक होने से या फिर मूवमेंट ठीक न होने से भी वर्षा का रुख बदल जाता है. यह सब प्राकृतिक क्रियाएं हैं, जो समय-समय पर वातावरण में होती रहती हैं.
एमपी के आठ जिलों में हुई अच्छी बारिश
एमपी में इस वर्ष जून के मध्य में मानसून आ गया था. तब से अब तक एमपी के आठ जिले ऐसे हैं, जहां औसत से ज्यादा बरसात हुई है. इसके अलावा आठ जिले ऐसे भी हैं जहां 50% से भी कम बारिश हुई है. मानसून के पहले आने से लोगों को एमपी में अच्छी बारिश की उम्मीद थी, जो नहीं हुई. एमपी के कुछ हिस्से ऐसे भी हैं, जहां औसत से आधी बारिश भी नहीं हुई. इस साल ज्यादा बारिश के लिए ग्वालियर-चंबल संभाग के साथ मालवा-निमाड़ भी तरस रहा है.
विंड पैटर्न खराब होने से बिहार लौट गई बारिश
पिछले एक महीने में प्रदेश के कुछ हिस्सों में समय-समय पर कम दबाव क्षेत्र बना है, लेकिन विंड पैटर्न सही न होने के चलते वह बिहार की ओर बढ़ गया. झारखंड में भी लो प्रेशर डेवलप हुआ था, लेकिन मूवमेंट तेज होने के चलते यह एक ही दिन में एमपी काे क्रॉस कर गुजरात पहुंच गया.
20 जुलाई से बारिश की उम्मीद
एमपी के वायुमंडल में अभी तो कोई स्ट्रांग सिस्टम एक्टिव नहीं है, लेकिन बंगाल की खाड़ी में बन रहे कम दबाव की संभावना से 20 जुलाई के बाद बारिश होने की उम्मीद है. अब तक जो भी प्रेशर बने थे, वे कमजोर थे. यही कारण रहा कि एमपी बारिश से तरबतर नहीं हो सका. गुजरात और राजस्थान तरफ अभी मानसून थोड़ा एक्टिव है. इसी से मालवा-निमाड़ में हल्की बारिश होती रहेगी. हालांकि टुकड़ों-टुकड़ों में ही पानी गिरेगा.
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अगले 24 घंटे में यहां बारिश की संभावना
मौसम विभाग ने भोपाल, शहडोल, होशंगाबाद, जबलपुर, उज्जैन संभाग के ज्यादातर जिलों में बिजली गिरने की चेतावनी जारी की है. इसके अलावा इंदौर, खंडवा, खरगोन, धार, सागर, छतरपुर और टीकमगढ़ में भी बिजली गिरने की संभावना है. जबलपुर, शहडोल, सागर, रीवा, इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर, चंबल और हाेशंगाबाद संभाग के कुछ जिलों में गरज चमक के साथ बौछारें पड़ने की उम्मीद जताई जा रही है.