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Weather Update: उमस भरी गर्मी से जल्द मिलेगी राहत, जानें अगले 24 घंटे का हाल

बारिश के लिए अभी कुछ दिन और इंतजार करना पड़ सकता है, क्योंकि कुछ इलाकों में अगले दो दिनों तक बारिश की कम ही संभावना कम ही है. मौसम विभाग के अनुसार, आगामी 07 जुलाई तक तापमान में गिरावट के आसार नहीं हैं. हालांकि, कहीं-कहीं जरूर हल्की बारिश का अनुमान है.

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मौसम का हाल
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Published : Jul 5, 2021, 9:16 AM IST

भोपाल। प्रदेश के तापमान में लगातार बढ़ोतरी देखने को मिल रही है. यहां अचानक मानसून की लुका-छुपी के चलते अब किसानों के चेहरे पर चिंता की लकीरें साफ दिखाई दे रही हैं. ऐसे में किसानों की खरीफ फसल की बुवाई पिछड़ती जा रही है. बीते महीने बारिश तो हुई, लेकिन इसका खेतों की नमी पर कुछ खास असर नहीं पड़ा. मौसम विभाग के अनुसार, आगामी 10 जुलाई तक तापमान में गिरावट के आसार नहीं हैं. हालांकि, अगले 24 घंटे में कहीं-कहीं जरूर हल्की बौछारें पड़ने के आसार हैं.

क्यों हो रहा मौसम साफ?
मौसम वैज्ञानिक पीके सहा के अनुसार, वर्तमान में मध्य प्रदेश में कोई भी वेदर सिस्टम सक्रिय नहीं है. वातावरण में नमी न होने से मौसम साफ होने लगा है. धूप निकलने के कारण अधिकतम तापमान में वृद्धि दर्ज की जा रही है. राजधानी भोपाल का अधिकतम तापमान 37 डिग्री और न्यूनतम तापमान 27 डिग्री बना हुआ है. ग्वालियर का तापमान सामान्य से चार डिग्री अधिक 40 डिग्री और न्यूनतम तापमान 25 डिग्री रहा. जबलपुर तापमान 39 डिग्री अधिकतम और न्यूनतम 26 डिग्री सेल्सियस रहा है. वही इंदौर में 34 डिग्री और न्यूनतम 24 डिग्री पर बने हुए हैं.

इन जिलों में बारिश के आसार
मौसम विभाग के अनुसार, अगले 24 घंटे के दौरान प्रदेश के शिवपुर, भिंड, मुरैना, ग्वालियर, दतिया, रीवा, सीधी और डिंडोरी जिलों में सामान्य बारिश होने का अनुमान है. हालंकि, इन जिलों के अलावा भी कहीं-कहीं मामूली बारिश दर्ज की जा सकती है.

जानें कब एक्टिव हो सकता है मानसून
दरअसल, मौसम विशेषज्ञों के मुताबिक, बंगाल की खाड़ी और अरब सागर में भी कोई वेदर सिस्टम इस समय एक्टिव नहीं है. इस वजह से मध्यप्रदेश में मानसून शिथिल पड़ गया है. मानसून ट्रफ भी हिमालय की तराई की तरफ बढ़ गया है. हालांकि, कहीं-कहीं जरूर हल्की बौछारें पड़ने के आसार हैं. हालांकि 7 जुलाई के बाद बंगाल की खाड़ी में कम दबाव का क्षेत्र बनने की आशंका है. उम्मीद है कि इसके बाद मानसून फिर से प्रदेश की ओर रुख करेगा.

जानें कब की जाती है मानसून की घोषणा
मध्य प्रदेश में सामान्य मानसून 20 जून तक पहुंचता है, जो पिछले सालों की तुलना मे 10 दिन पहले सक्रिय हुआ है. मौसम वैज्ञानिक इसका कारण, अरब सागर और बंगाल की खाड़ी में लगातार सक्रिय हो रहे मानसून को मान रहे हैं. बता दें कि मानसून की घोषणा बादलों की स्थिति हवा और अन्य स्टेशनों पर होने वाली बारिश के साथ टर्फ के आधार पर की जाती है.


Weather Update: जानिए इस बार कब तक होगी बारिश, क्या कहता है ज्योतिष शास्त्र?


सूखा की घोषणा कब की जाती है
दरअसल, जब किसी इलाके या प्रदेश में जब पानी की उपलब्धता सांख्यिकीय जरूरत से कम हो जाती है, ऐसी स्थिति में ही सूखा की घोषणा की जाती है, या यूं कहें कि इसी स्थिति को सूखा कहते हैं. देश में वर्षा और जलवायु परिस्थितियों में उच्च अस्थायी और स्थानिक विविधताओं की वजह से अलग–अलग तीव्रता में लगभग हर वर्ष सूखा पड़ता है. देश के लगभग 60% इलाके में हर वर्ष अलग–अलग डिग्री के सूखे का खतरा बना रहता है.

भोपाल। प्रदेश के तापमान में लगातार बढ़ोतरी देखने को मिल रही है. यहां अचानक मानसून की लुका-छुपी के चलते अब किसानों के चेहरे पर चिंता की लकीरें साफ दिखाई दे रही हैं. ऐसे में किसानों की खरीफ फसल की बुवाई पिछड़ती जा रही है. बीते महीने बारिश तो हुई, लेकिन इसका खेतों की नमी पर कुछ खास असर नहीं पड़ा. मौसम विभाग के अनुसार, आगामी 10 जुलाई तक तापमान में गिरावट के आसार नहीं हैं. हालांकि, अगले 24 घंटे में कहीं-कहीं जरूर हल्की बौछारें पड़ने के आसार हैं.

क्यों हो रहा मौसम साफ?
मौसम वैज्ञानिक पीके सहा के अनुसार, वर्तमान में मध्य प्रदेश में कोई भी वेदर सिस्टम सक्रिय नहीं है. वातावरण में नमी न होने से मौसम साफ होने लगा है. धूप निकलने के कारण अधिकतम तापमान में वृद्धि दर्ज की जा रही है. राजधानी भोपाल का अधिकतम तापमान 37 डिग्री और न्यूनतम तापमान 27 डिग्री बना हुआ है. ग्वालियर का तापमान सामान्य से चार डिग्री अधिक 40 डिग्री और न्यूनतम तापमान 25 डिग्री रहा. जबलपुर तापमान 39 डिग्री अधिकतम और न्यूनतम 26 डिग्री सेल्सियस रहा है. वही इंदौर में 34 डिग्री और न्यूनतम 24 डिग्री पर बने हुए हैं.

इन जिलों में बारिश के आसार
मौसम विभाग के अनुसार, अगले 24 घंटे के दौरान प्रदेश के शिवपुर, भिंड, मुरैना, ग्वालियर, दतिया, रीवा, सीधी और डिंडोरी जिलों में सामान्य बारिश होने का अनुमान है. हालंकि, इन जिलों के अलावा भी कहीं-कहीं मामूली बारिश दर्ज की जा सकती है.

जानें कब एक्टिव हो सकता है मानसून
दरअसल, मौसम विशेषज्ञों के मुताबिक, बंगाल की खाड़ी और अरब सागर में भी कोई वेदर सिस्टम इस समय एक्टिव नहीं है. इस वजह से मध्यप्रदेश में मानसून शिथिल पड़ गया है. मानसून ट्रफ भी हिमालय की तराई की तरफ बढ़ गया है. हालांकि, कहीं-कहीं जरूर हल्की बौछारें पड़ने के आसार हैं. हालांकि 7 जुलाई के बाद बंगाल की खाड़ी में कम दबाव का क्षेत्र बनने की आशंका है. उम्मीद है कि इसके बाद मानसून फिर से प्रदेश की ओर रुख करेगा.

जानें कब की जाती है मानसून की घोषणा
मध्य प्रदेश में सामान्य मानसून 20 जून तक पहुंचता है, जो पिछले सालों की तुलना मे 10 दिन पहले सक्रिय हुआ है. मौसम वैज्ञानिक इसका कारण, अरब सागर और बंगाल की खाड़ी में लगातार सक्रिय हो रहे मानसून को मान रहे हैं. बता दें कि मानसून की घोषणा बादलों की स्थिति हवा और अन्य स्टेशनों पर होने वाली बारिश के साथ टर्फ के आधार पर की जाती है.


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सूखा की घोषणा कब की जाती है
दरअसल, जब किसी इलाके या प्रदेश में जब पानी की उपलब्धता सांख्यिकीय जरूरत से कम हो जाती है, ऐसी स्थिति में ही सूखा की घोषणा की जाती है, या यूं कहें कि इसी स्थिति को सूखा कहते हैं. देश में वर्षा और जलवायु परिस्थितियों में उच्च अस्थायी और स्थानिक विविधताओं की वजह से अलग–अलग तीव्रता में लगभग हर वर्ष सूखा पड़ता है. देश के लगभग 60% इलाके में हर वर्ष अलग–अलग डिग्री के सूखे का खतरा बना रहता है.

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