भोपाल| प्रदेश में कोविड-19 संक्रमण का खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है. प्रदेश के तीन प्रमुख शहर अभी भी इस संक्रमण से दो-चार हो रहे हैं और इन तीनों शहरों में संक्रमण के मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा दर्ज किया जा रहा है. जिसकी वजह से सरकार की भी चिंताएं बढ़ गई है. यही वजह है कि, अब सरकार इन प्रमुख तीन शहरों पर विशेष रणनीति के तहत काम कर रही है. जिसके लिए अलग-अलग खंडों में टीमें बनाई गई हैं, तो वहीं इन तीनों शहरों को संक्रमण मुक्त करने के लिए आयुष मंत्रालय भी आगे आया है और उसने इन तीनों शहरों के कलेक्टरों को आयुर्वेदिक काढ़ा उपचार के लिए इस्तेमाल करने का निर्देश दिया है.
आयुर्वेद की दवाओं से बढ़ती है रोग प्रतिरोधक क्षमता
आयुष मंत्रालय के द्वारा जारी किए गए निर्देश में बताया गया है कि, कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए आयुर्वेद की कई दवाएं बहुत कारगर साबित हुई हैं. जिसकी वजह से हर व्यक्ति की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ जाती है, ऐसी परिस्थितियों में आयुर्वेद अमृत के समान साबित होता है.
आयुर्वेदिक औषधियों से मरीजों को मिलेगी राहत
आयुष विभाग के आयुक्त एनके अग्रवाल ने पत्र जारी कर बताया है कि, केरल सरकार के द्वारा कोविड-19 संक्रमण से बचाव और रोकथाम के लिए आयुर्वेदिक औषधियों के माध्यम से उपचार किया जा रहा है. जिससे संक्रमण रोकने और मरीजों के उपचार में लाभ मिला है. संपूर्ण कार्यक्रम की समुचित मॉनिटरिंग करने के लिए आयुष विभाग के अंतर्गत राज्य स्तर की एक फौज का गठन भी किया गया है, जो लगातार परिस्थितियों पर निगाह बनाए हुए हैं.
'आरोग्य कषयाम' से मिलेगी मदद
उन्होंने भोपाल, इंदौर और उज्जैन के कलेक्टरों को निर्देश देते हुए कहा है कि, कोविड-19 के रोगी जिनको क्वारंटाइन किया गया है, ऐसे मामले जो कोविड-19 पॉजिटिव मिले हैं. इन मरीजों को आयुर्वेदिक औषधि 'आरोग्य कषयाम' का प्रयोग करवाया जाए. इसका उपयोग करने वाले मरीज को बेहतर लाभ होता है और उसके आगे की स्टेज में जाने की संभावना कम हो जाती है. साथ ही वह जल्द स्वस्थ होता है. ये एक तरह का काढ़ा है जो ऐसी परिस्थितियों में बेहद कारगर साबित हो रहा है.
'आरोग्य कषयाम' का उपयोग
उन्होंने बताया है कि इस 'आरोग्य कषयाम' काढ़ा के संबंध में एक विशेषज्ञ समिति गठित कर अभिमत प्राप्त किया गया है. प्राथमिकी तौर पर भोपाल, इंदौर और उज्जैन के मेडिकल कॉलेजों की क्वारंटाइन सेंटर में आए हुए केसेस में 'आरोग्य कषयाम' का उपयोग 10 दिनों तक किया जाना है. जिसके लिए पर्याप्त मात्रा में 'आरोग्य कषयाम' क्रैकर और औषधियों के वितरण प्रबंधन के लिए आयुष विभाग द्वारा स्वास्थ्य विभाग के समन्वय से व्यवस्था बनाई गई है.
अधिकारियों को सौंपी गई जिम्मेदारी
भोपाल, इंदौर और उज्जैन में अलग-अलग अधिकारियों को इस विशेष व्यवस्था में सहयोग करने के लिए जिम्मेदारियां सौंपी गई हैं. जरूरत पड़ने पर इनसे संपर्क कर सहयोग लिया जा सकता है. ये काढ़ा मरीजों को सुबह शाम दिया जाना है. इसकी मॉनिटरिंग भी लगातार विभाग के द्वारा की जाती रहेगी. जरूरत पड़ने पर मरीज से भी मोबाइल पर आयुष चिकित्सकों की बात करवाई जा सकती है.
घर जा जाकर कर रहे दवाओं का वितरण
बता दें कि, आयुष विभाग के द्वारा आयुर्वेदिक की दवाइयों का वितरण प्रदेश के सभी जिलों में करवाया जा रहा है, साथ ही आयुष विभाग के डॉक्टर और अन्य सहयोगी लोगों के घर जा जाकर आयुर्वेदिक दवाओं का वितरण कर रहे हैं.