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एमपी के विश्वविद्यालयों में खुलेंगे पुस्तक ब्रिकी केंद्र, उच्च शिक्षा मंत्री ने की घोषणा

एमपी के विश्वविद्यालयों में ही अब पुस्तक बिक्री केंद्र खोले जाएंगे. इसकी घोषणा उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव ने की है. मंत्री ने कहा कि अब छात्रों को किताबों की समस्या से नहीं जूझना पड़ेगा.

minister mohan yadav announced
उच्च शिक्षा मंत्री ने की बड़ी घोषणा
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Published : Mar 27, 2023, 10:50 PM IST

भोपाल। एमपी में कॉलेज के छात्रों को अब विश्वविद्यालयों में ही किताबें, पुस्तक बिक्री केंद्रों से मिल जाएंगी, यानी विश्वविद्यालय में ही ये पुस्तक बिक्री केंद्र खोले जाएंगे. यह फैसला उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में लिया गया. मध्यप्रदेश हिन्दी ग्रंथ अकादमी की कार्य समिति एवं प्रबंधन मंडल की बैठक में यादव ने कहा कि विद्यार्थियों को पाठ्यक्रम की पुस्तक आसानी से मिल सके इसके लिए सभी विश्वविद्यालय में पुस्तक बिक्री केन्द्र शुरू किये जायेंगे. उन्होंने कहा कि म.प्र. हिन्दी ग्रंथ अकादमी, उच्च शिक्षा के क्षेत्र में हिन्दी की पुस्तकें प्रकाशित करने वाली देश में पहली अकादमी है.

शिक्षा मंत्री की पहल: मध्यप्रदेश हिन्दी ग्रंथ अकादमी की कार्य समिति एवं प्रबंधक मंडल की बैठक ले रहे उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव ने छात्रों की सुविधा के लिए मध्यप्रदेश के सभी विश्वविद्यालय में पुस्तक ब्रिकी केंद्र खोले जाने की बात कही. उच्च शिक्षा मंत्री ने कहा कि कॉलेज के छात्रों को सबसे ज्यादा परेशानी तब आती है जब उन्हें कोई किताब खरीदने के लिए बाहर जाना होता है और वह किताब उन्हें वहां नहीं मिल पाती या कई बार ऐसा होता है कि संबंधित किताबों के लिए कॉलेज के छात्र परेशान होते ही नजर आते हैं. इन सभी समस्याओं के निराकरण के लिए अब उच्च शिक्षा विभाग एक नई सुविधा की शुरुआत करने जा रहा है.

minister mohan yadav announced
उच्च शिक्षा मंत्री ने की बड़ी घोषणा

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नए सत्र से होगी शुरुआत: मंत्री ने कहा कि उच्च शिक्षा विभाग से अनुसूचित जाति और जनजाति के विद्यार्थियों को पुस्तक सप्लाई करने का आदेश भी जारी करें. पुस्तकों के प्रकाशन और प्रिटिंग प्रक्रिया में 3 माह का समय लगता है इसलिए प्रक्रिया शीघ्र प्रारंभ होनी चाहिए. राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 घोषित हुए 3 वर्ष होने वाले है. बैठक में अपर मुख्य सचिव केसी गुप्ता ने सुझाव दिया कि हिन्दी ग्रंथ अकादमी डिजिटल बुक की दिशा में भी आगे बढ़े और आम नागरिक व कॉलेज विद्यार्थियों से सुझाव बुलाये जाएंग. साथ ही पुस्तकों का हिन्दी अनुवाद और समाचार-पत्रों की ऑडियो बुक तैयार करानी चाहिए. उच्च शिक्षा मंत्री इसे अप्रैल मई के बाद ही शुरू करने के लिए कह रहे हैं लेकिन नए शिक्षा सत्र में अगर यह होता है तो निश्चित इससे छात्रों को फायदा होगा.

भोपाल। एमपी में कॉलेज के छात्रों को अब विश्वविद्यालयों में ही किताबें, पुस्तक बिक्री केंद्रों से मिल जाएंगी, यानी विश्वविद्यालय में ही ये पुस्तक बिक्री केंद्र खोले जाएंगे. यह फैसला उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में लिया गया. मध्यप्रदेश हिन्दी ग्रंथ अकादमी की कार्य समिति एवं प्रबंधन मंडल की बैठक में यादव ने कहा कि विद्यार्थियों को पाठ्यक्रम की पुस्तक आसानी से मिल सके इसके लिए सभी विश्वविद्यालय में पुस्तक बिक्री केन्द्र शुरू किये जायेंगे. उन्होंने कहा कि म.प्र. हिन्दी ग्रंथ अकादमी, उच्च शिक्षा के क्षेत्र में हिन्दी की पुस्तकें प्रकाशित करने वाली देश में पहली अकादमी है.

शिक्षा मंत्री की पहल: मध्यप्रदेश हिन्दी ग्रंथ अकादमी की कार्य समिति एवं प्रबंधक मंडल की बैठक ले रहे उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव ने छात्रों की सुविधा के लिए मध्यप्रदेश के सभी विश्वविद्यालय में पुस्तक ब्रिकी केंद्र खोले जाने की बात कही. उच्च शिक्षा मंत्री ने कहा कि कॉलेज के छात्रों को सबसे ज्यादा परेशानी तब आती है जब उन्हें कोई किताब खरीदने के लिए बाहर जाना होता है और वह किताब उन्हें वहां नहीं मिल पाती या कई बार ऐसा होता है कि संबंधित किताबों के लिए कॉलेज के छात्र परेशान होते ही नजर आते हैं. इन सभी समस्याओं के निराकरण के लिए अब उच्च शिक्षा विभाग एक नई सुविधा की शुरुआत करने जा रहा है.

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नए सत्र से होगी शुरुआत: मंत्री ने कहा कि उच्च शिक्षा विभाग से अनुसूचित जाति और जनजाति के विद्यार्थियों को पुस्तक सप्लाई करने का आदेश भी जारी करें. पुस्तकों के प्रकाशन और प्रिटिंग प्रक्रिया में 3 माह का समय लगता है इसलिए प्रक्रिया शीघ्र प्रारंभ होनी चाहिए. राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 घोषित हुए 3 वर्ष होने वाले है. बैठक में अपर मुख्य सचिव केसी गुप्ता ने सुझाव दिया कि हिन्दी ग्रंथ अकादमी डिजिटल बुक की दिशा में भी आगे बढ़े और आम नागरिक व कॉलेज विद्यार्थियों से सुझाव बुलाये जाएंग. साथ ही पुस्तकों का हिन्दी अनुवाद और समाचार-पत्रों की ऑडियो बुक तैयार करानी चाहिए. उच्च शिक्षा मंत्री इसे अप्रैल मई के बाद ही शुरू करने के लिए कह रहे हैं लेकिन नए शिक्षा सत्र में अगर यह होता है तो निश्चित इससे छात्रों को फायदा होगा.

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