भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान लगातार अपने कैबिनेट के मंत्रियों से चाय पर चर्चा कर रहे हैं. वहीं बुधवार को सीएम ने उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव से मुलाकात की. जिस पर पूर्व उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी ने सवाल उठाए हैं.
बैठक सार्थक तभी जब अतिथि विद्वानों को रखा जाए
उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव और शिवराज सिंह चौहान के बीच बैठक को लेकर जीतू पटवारी ने कहा कि उच्च शिक्षा मंत्री और मुख्यमंत्री से आग्रह है कि अतिथि विद्वानों का सिर्फ आमंत्रण पत्र बचा था, उनकी सरकार में आज उच्च शिक्षा मंत्री को इस मुद्दे पर चर्चा कर अतिथि विद्वानों को वापस रख लें तो बैठक सार्थकता होगी.
सिर्फ शब्दों में आत्मनिर्भर प्रदेश
मध्य प्रदेश की आत्म निर्भरता झांकी को गणतंत्र दिवस की परेड में जगह नहीं मिली. यह सरकार का फेलियर है, यह आत्मनिर्भरता बयानों में भाषणों में और शब्दों के मायाजाल में ना हो. मध्य प्रदेश की वस्तुस्थिति दिन प्रतिदिन बिगड़ती जा रही है, दो लाख 5 हजार करोड़ के कर्जे में प्रदेश को सिर्फ शिवराज सिंह चौहान लेकर आए हैं. पिछले साल शिवराज सिंह चौहान ने लगभग 17 हजार करोड़ कर्जा लिया.
काम से नाम नहीं करना चाहती बीजेपी
प्रदेश में नाम बदलने की सियासत पर पूर्व मंत्री जीतू पटवारी ने कहा कि बीजेपी काम से नाम नहीं करना चाहती है. जबकि बीजेपी को ऐसा कुछ करना चाहिए की देश में उनका नाम हो, लेकिन अभी तक उन्होंने ऐसा कुछ नहीं किया है. जीतू पटवारी ने कि यूपी में ये चलने सीएम योगी आदित्यनाथ लेकर आए हैं. उन्होंने कहा कि नाम बदलने की सकारमकता हो तो नाम बदला जाए, लेकिन किसी पार्टी के एजेंडे के तहत और घृणा, नफरत से नाम बदलना ठीक नहीं है.
महंगाई को लेकर बीजेपी को घेरा
बढ़ती महंगाई को लेकर भी जीतू पटवारी ने केंद्र और राज्य सरकार को घेरा. पटवारी ने कहा कि यह नारा देते थे, बहुत हुई महंगाई की मार अबकी बार मोदी सरकार. लेकिन टंकी हो गई 800 के पार और भारतीय जनता पार्टी को यह विकास दिखता है. नरेंद्र मोदी, शिवराज सिंह चौहान की साइकिल पंचर हो गई है. अब साइकिल नहीं चलती है. इन नेताओं ने क्या कहा था और आज देश को कहां लेकर चले गए महंगाई के कारण आम जनता का जीवन दूभर हो चुका है.