भोपाल। राष्ट्रीय रक्षा महाविद्यालय नई दिल्ली से प्रदेश प्रवास पर आए सैन्य और सिविल सेवा के अधिकारियों ने देर शाम राजभवन पहुंचकर राज्यपाल लालजी टंडन से मुलाकात की है. इनमें रूस, म्यांमार और श्रीलंका के सैन्य अधिकारी भी शामिल रहे.
इस मुलाकात के दौरान राज्यपाल ने सभी सैन्य और सिविल सेवा के अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा का दायरा विस्तृत है. इसमें देश की परंपरा, संस्कृति, इतिहास, भूगोल और विभिन्न वर्गों का संरक्षण भी सैनिक जिम्मेदारियों में शामिल है. उन्होंने कहा कि सुरक्षाबलों की राष्ट्र की रक्षा के साथ-साथ विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका है, जिसे कभी नकारा नहीं जा सकता है.
इस मुलाकात के दौरान मेजर जनरल अरविंद बलिया ने राज्यपाल को जानकारी देते हुए बताया कि रक्षा महाविद्यालय द्वारा प्रतिवर्ष भारत और अन्य राष्ट्रों के सिविल सैन्य अधिकारियों का प्रशिक्षण आयोजित किया जाता है. कुल 47 सप्ताह के प्रशिक्षण कार्यक्रम के प्रथम 6 सप्ताह में प्रशिक्षणार्थियों को विभिन्न राज्यों में अध्ययन प्रवास पर ले जाया जाता है. इस दौरान प्रतिभागी राज्यों की सामाजिक, राजनैतिक, आर्थिक स्थिति का चिंतन करते हैं.
राज्यपाल ने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा का दायरा विस्तृत है. इसमें देश की परम्पराओं, संस्कृति, इतिहास, भूगोल और विभिन्न वर्गों का संरक्षण भी सैनिक जिम्मेदारियों में शामिल है. सुरक्षा बलों की राष्ट्र की रक्षा के साथ-साथ विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका है. उन्होंने कहा कि बाहरी सुरक्षा के साथ ही प्राकृतिक आपदा, कानून एवं व्यवस्था जैसी आंतरिक चुनौतियों का सामना करने में भी सुरक्षा बलों की आवश्यकता होती है. वे देश को जितना जानेंगे, देश के प्रति श्रद्धा और गौरव का भाव उतना ही बढ़ेगा.
राज्यपाल ने कहा कि अध्ययन भ्रमण राष्ट्र के स्वरूप का साक्षात्कार होता है. उन्होंने कहा कि भारत एक अद्भुत राष्ट्र है. यहां भौगोलिक दृष्टि से पहाड़, जंगल और समुद्र हैं. यहां पथरीले, रेगिस्तानी और समतल भूखण्ड भी हैं. विभिन्न प्रकार की वेशभूषा, भाषा, खान-पान, आचार-विचार के अनेक समूह हैं, ऐसी अनेक प्रथाएं और परम्पराएं हैं, जो चमत्कृत कर देती हैं.
इस दौरान उन्होंने पुलिस अफसरों से जाना कि आतंकवाद जैसी समस्याओं से निपटने के लिए वह क्या करते हैं. इस पर अफसरों ने अपने अनुभव के आधार पर रणनीति के बारे में उन्हें टिप्स दिए हैं. इसी तरह प्रदेश की आंतरिक सुरक्षा में पुलिस पर काम के अधिक दबाव के बारे में भी सवाल किए गए, तो उन्हें हाल ही में लागू की गई साप्ताहिक अवकाश व्यवस्था के बारे में बताया गया.