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कुपोषित बच्चों के लिए भोजन की व्यवस्था करे सरकार या खाते में डाले पैसेः केके मिश्रा

कोरोना वायरस के चलते लागू हुए लॉकडाउन और प्रदेश में कुपोषण की गंभीर स्थिति देखते हुए एआईसीसी के सदस्य केके मिश्रा ने प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से प्रदेश के बच्चों के भोजन की व्यवस्था कराने का आग्रह किया है.

mid-day meal must be arranged for malnourished children of madhya pradesh
मध्यान्ह भोजन का किया जाए इंतजाम
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Published : Apr 22, 2020, 9:17 AM IST

भोपाल। प्रदेश में लॉकडाउन के चलते कई तरह की समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं. मध्यप्रदेश में वैसे भी कुपोषण गंभीर स्थिति में है और लॉकडाउन के कारण प्रदेश के 80 लाख बच्चों को आंगनबाड़ियों के माध्यम से मिलने वाला पोषण आहार नहीं मिल पा रहा है. जिस पर कांग्रेस के पूर्व प्रवक्ता और एआईसीसी के सदस्य केके मिश्रा ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह का ध्यान खींचा है. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देशों का हवाला देते हुए कहा कि या तो सरकार इन 80 लाख बच्चों के भोजन की व्यवस्था करें या फिर उन बच्चों के खाते में नगद राशि डाले.

मध्यान्ह भोजन का किया जाए इंतजाम

केके मिश्रा ने मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि प्रधानमंत्री ने कोरोना वायरस के मद्देनजर सभी राज्यों को स्पष्ट निर्देश दिया है कि कुपोषित बच्चों के लिए मध्यान्ह भोजन की पूरी व्यवस्था की जाए, लॉकडाउन की इन परिस्थितियों में यदि संभव न हो तो नगद राशि उनके खातों में डाली जाए. बिहार सहित अन्य कई राज्यों ने प्रधानमंत्री के आदेश के परिपालन में नगद राशि उन बच्चों से संबंधित खातों में स्थानांतरित भी कर दी है.

मिश्रा ने कहा कि प्रदेश में पीएम मोदी के निर्देशों का पालन नहीं हो पाया है. एक जानकारी के मुताबिक प्रदेश में 97 हजार आंगनबाड़ियों में करीब 80 लाख बच्चे इससे लाभान्वित होते हैं. प्रदेश में 8 सरकारी पोषण आहार की इकाइयां कार्यरत हैं, जिनमें 13 हजार टन खाद्यान्न की जरूरत है. दुर्भाग्य है कि ये सभी आठों इकाइयां 20 दिनों से ठप हैं. इस वजह से 80 लाख बच्चों, गर्भवती महिलाओं, धात्री माताओं के सामने गंभीर संकट आ गया है.

भोपाल। प्रदेश में लॉकडाउन के चलते कई तरह की समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं. मध्यप्रदेश में वैसे भी कुपोषण गंभीर स्थिति में है और लॉकडाउन के कारण प्रदेश के 80 लाख बच्चों को आंगनबाड़ियों के माध्यम से मिलने वाला पोषण आहार नहीं मिल पा रहा है. जिस पर कांग्रेस के पूर्व प्रवक्ता और एआईसीसी के सदस्य केके मिश्रा ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह का ध्यान खींचा है. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देशों का हवाला देते हुए कहा कि या तो सरकार इन 80 लाख बच्चों के भोजन की व्यवस्था करें या फिर उन बच्चों के खाते में नगद राशि डाले.

मध्यान्ह भोजन का किया जाए इंतजाम

केके मिश्रा ने मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि प्रधानमंत्री ने कोरोना वायरस के मद्देनजर सभी राज्यों को स्पष्ट निर्देश दिया है कि कुपोषित बच्चों के लिए मध्यान्ह भोजन की पूरी व्यवस्था की जाए, लॉकडाउन की इन परिस्थितियों में यदि संभव न हो तो नगद राशि उनके खातों में डाली जाए. बिहार सहित अन्य कई राज्यों ने प्रधानमंत्री के आदेश के परिपालन में नगद राशि उन बच्चों से संबंधित खातों में स्थानांतरित भी कर दी है.

मिश्रा ने कहा कि प्रदेश में पीएम मोदी के निर्देशों का पालन नहीं हो पाया है. एक जानकारी के मुताबिक प्रदेश में 97 हजार आंगनबाड़ियों में करीब 80 लाख बच्चे इससे लाभान्वित होते हैं. प्रदेश में 8 सरकारी पोषण आहार की इकाइयां कार्यरत हैं, जिनमें 13 हजार टन खाद्यान्न की जरूरत है. दुर्भाग्य है कि ये सभी आठों इकाइयां 20 दिनों से ठप हैं. इस वजह से 80 लाख बच्चों, गर्भवती महिलाओं, धात्री माताओं के सामने गंभीर संकट आ गया है.

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