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Bhopal AIIMS के बाहर हड़ताल पर बैठे मेडिकल इंटर्न, कोरोना के दौरान किए काम का नहीं मिला पैसा - अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान

भोपाल एम्स के बाहर इंटर्न कर रहे विद्यार्थी हड़ताल पर बैठ गए है. इटर्न कर रहे विद्यार्थियों का कहना है कि कोरोना के दौरान उन्होंने काम किया था. लेकिन एम्स प्रबंधन ने अभी तक उनके काम के पैसों का भुगतान नहीं किया है. वहीं प्रबंधन हड़ताल को खत्म करवाने में लगा है.

Strike outside Bhopal AIIMS
भोपाल एम्स के बाहर हड़ताल
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Published : Oct 28, 2021, 10:07 AM IST

Updated : Oct 28, 2021, 5:24 PM IST

भोपाल। एम्स (अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान) के बाहर स्टूडेंट हड़ताल पर बैठ गए. बताया जा रहा है कि इंटर्न कर रहे स्टूडेंट्स ने यह हड़ताल शुरू की है. विद्यार्थियों का कहना है कि कोविड के दौरान किए गए काम का भुगतान अभी तक एम्स प्रबंधन ने नहीं किया है. विद्यार्थियों के अनुसार हर स्टूडेंट को 44 दिन का पेमेंट और स्टाइपेंट का भुगतान बाकी है. एम्स प्रबंधन ने इस पेमेंट पर रोक लगा रखी है.

कई बार प्रबंधन से मांगा मानदेय- इंटर्न डॉक्टर

मध्य प्रदेश में जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल भले ही खत्म हो गई है, लेकिन अब एम्स भोपाल में इंटर्न कर रहे डॉक्टरों ने हड़ताल शुरू कर दी है. यह सभी अपना कोविड के दौरान मानदेय देने की मांग प्रबंधन से कर रहे हैं. दरअसल करोना काल के दौरान 44 दिन से अधिक का पेमेंट, अतिरिक्त रूप से इंटर्न करने वाले छात्रों को दिया जाना है. लेकिन एम्स प्रबंधन ने यह पेमेंट रोक लिया है. विद्यार्थियों का कहना है कि कई बार पेमेंट की मांग की, लेकिन प्रबंधन नहीं माना. इसलिए हड़ताल शुरू की.

प्रबंधन और इंटर्न डॉक्टरों के बीच नहीं बनी सहमती

हड़ताल कर रहे विद्यार्थियों ने बताया कि सुबह हमारी मीटिंग हुई थी. हमने प्रबंधन के सामने हमारी मांगें रखी, प्रबंधन ने भी हमें कुछ टेक्निकल समाधान बताए, लेकिन हम उनके समाधान से संतुष्ट नहीं है. हम यह हड़ताल जारी रखेंगे. एक अन्य विद्यार्थी ने बताया कि हमारी डिमांड है कि कोविड के समय किए गए पैसे दिए जाए. हमें यह कहकर काम करवाया गया कि पैसे मिलेंगे, लेकिन अभी तक हमें पैसे नहीं मिले. इंटर्स को जब तक पैसे नहीं मिलते तब तक हड़ताल जारी रखेंगे.

इंटर्नशिप करने वाले डॉक्टरों को मिलता है पेमेंट

दरअसल इंटर्नशिप करने वाले एमबीबीएस के स्टूडेंट्स होते है. इंटर्न डॉक्टर भी एम्स में काम करते है. उन्हें काम का भुगतान एम्स प्रबंधन करता है. लेकिन प्रबंधन ने पिछले 44 दिनों से इनका पेमेंट रोक कर रखा है. अभी तक एक पैसा नहीं दिया. इसको लेकर यह सभी छात्र हड़ताल पर बैठ गए हैं. गुरुवार को एम्स के मुख्य गेट के बाहर इन्होंने बैठकर साइलेंट प्रोटेस्ट किया.

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हड़ताल को खत्म करने में लगा एम्स प्रबंधन

इस मामले में एम्स प्रबंधन ने चुप्पी साध रखी है. वह कुछ भी कहने से बच रहा है. वहीं विद्यार्थियों पर भी हड़ताल खत्म करने को लेकर दबाव बनाया जा रहा है. गेट पर भी गार्डों को निर्देश दिए गए हैं, कि किसी का भी प्रवेश खासकर मीडिया का प्रवेश अस्पताल में नहीं होना चाहिए.

भोपाल। एम्स (अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान) के बाहर स्टूडेंट हड़ताल पर बैठ गए. बताया जा रहा है कि इंटर्न कर रहे स्टूडेंट्स ने यह हड़ताल शुरू की है. विद्यार्थियों का कहना है कि कोविड के दौरान किए गए काम का भुगतान अभी तक एम्स प्रबंधन ने नहीं किया है. विद्यार्थियों के अनुसार हर स्टूडेंट को 44 दिन का पेमेंट और स्टाइपेंट का भुगतान बाकी है. एम्स प्रबंधन ने इस पेमेंट पर रोक लगा रखी है.

कई बार प्रबंधन से मांगा मानदेय- इंटर्न डॉक्टर

मध्य प्रदेश में जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल भले ही खत्म हो गई है, लेकिन अब एम्स भोपाल में इंटर्न कर रहे डॉक्टरों ने हड़ताल शुरू कर दी है. यह सभी अपना कोविड के दौरान मानदेय देने की मांग प्रबंधन से कर रहे हैं. दरअसल करोना काल के दौरान 44 दिन से अधिक का पेमेंट, अतिरिक्त रूप से इंटर्न करने वाले छात्रों को दिया जाना है. लेकिन एम्स प्रबंधन ने यह पेमेंट रोक लिया है. विद्यार्थियों का कहना है कि कई बार पेमेंट की मांग की, लेकिन प्रबंधन नहीं माना. इसलिए हड़ताल शुरू की.

प्रबंधन और इंटर्न डॉक्टरों के बीच नहीं बनी सहमती

हड़ताल कर रहे विद्यार्थियों ने बताया कि सुबह हमारी मीटिंग हुई थी. हमने प्रबंधन के सामने हमारी मांगें रखी, प्रबंधन ने भी हमें कुछ टेक्निकल समाधान बताए, लेकिन हम उनके समाधान से संतुष्ट नहीं है. हम यह हड़ताल जारी रखेंगे. एक अन्य विद्यार्थी ने बताया कि हमारी डिमांड है कि कोविड के समय किए गए पैसे दिए जाए. हमें यह कहकर काम करवाया गया कि पैसे मिलेंगे, लेकिन अभी तक हमें पैसे नहीं मिले. इंटर्स को जब तक पैसे नहीं मिलते तब तक हड़ताल जारी रखेंगे.

इंटर्नशिप करने वाले डॉक्टरों को मिलता है पेमेंट

दरअसल इंटर्नशिप करने वाले एमबीबीएस के स्टूडेंट्स होते है. इंटर्न डॉक्टर भी एम्स में काम करते है. उन्हें काम का भुगतान एम्स प्रबंधन करता है. लेकिन प्रबंधन ने पिछले 44 दिनों से इनका पेमेंट रोक कर रखा है. अभी तक एक पैसा नहीं दिया. इसको लेकर यह सभी छात्र हड़ताल पर बैठ गए हैं. गुरुवार को एम्स के मुख्य गेट के बाहर इन्होंने बैठकर साइलेंट प्रोटेस्ट किया.

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हड़ताल को खत्म करने में लगा एम्स प्रबंधन

इस मामले में एम्स प्रबंधन ने चुप्पी साध रखी है. वह कुछ भी कहने से बच रहा है. वहीं विद्यार्थियों पर भी हड़ताल खत्म करने को लेकर दबाव बनाया जा रहा है. गेट पर भी गार्डों को निर्देश दिए गए हैं, कि किसी का भी प्रवेश खासकर मीडिया का प्रवेश अस्पताल में नहीं होना चाहिए.

Last Updated : Oct 28, 2021, 5:24 PM IST
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