भोपाल। कोरोना वायरस की वजह से देश और प्रदेश में पूरी तरह से लॉक डाउन लागू है, जिसकी वजह से सभी तरह के सामाजिक कामों पर सीधा असर पड़ रहा है. जिसे देखते हुए मसाजिद कमेटी ने ईद की ओर से शहर काजी सैयद मुश्ताक अली नदवी ने फरमान जारी करते हुए कहा कि मुल्क के मौजूदा हालात में लोग अपने अपने घरों में रहकर नमाज ईद उल फितर पढ़ें और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें.
देश और प्रदेश के मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारे और चर्च सूने पड़े हुए हैं. इन सभी स्थानों पर लोगों को एकत्रित नहीं होने के लिए कहा गया है. यही वजह है कि मुस्लिम समुदाय रमजान के पाक महीने में घर पर ही रहकर पांच वक्त की नमाज अदा कर रहे हैं. मस्जिदों में केवल पांच लोगों की मौजूदगी में नमाज पढ़ी जा रही है. रमजान का ये आखिरी सप्ताह चल रहा है और कुछ दिनों बाद ही ईद आने वाली है, लेकिन इस बार कोरोना वायरस के चलते ईद पर हर वर्ष की तरह दिखने वाली रौनक गायब है.
जारी फरमान में शहर काजी सैयद मुश्ताक अली नदवी ने कहा कि मुल्क के मौजूदा हालात में मस्जिदों में 4-5 लोग ही पांचों वक्त की नमाज अदा कर रहे हैं, बाकि लोग अपने अपने घरों में नमाज पढ़ रहे हैं. इसी तरह लॉक डाउन की वजह से नमाज ईद उल फितर तमाम मस्जिदों में सुबह छ:/सवा छः बजे पांच अफराद के साथ अदा कर ली जाए. उन्होंने कहा कि ईद के दिन लोग अपने अपने घरों में पांच लोगों के साथ नमाज ईद उल फितर पढ़ें, साथ ही कहा कि जो लोग नमाज नहीं पढ़ सकें वे अपने अपने घरों में दो या चार रकात नमाज चाश्त पढ़े और संदक दिल से तौबा करें.
शहर काजी ने कहा है कि हालाते हाजरा की दुरुस्तगी के लिए अल्लाह से दुआ करें और ये भी दुआ करें के अल्लाह इस ववा (वायरस) से सारी इंसानियत को निजात अता फरमाये. नमाज ईद के बाद खुतबा मुख्तसर तरीके पर देख कर भी पढ़ा जा सकता है, अगर खुतबा मौजूद न मिल सके तो खुतबा छोड़ा भी जा सकता है. ईद के दिन अपने घरवालों के साथ ईद मनाये. ईद के दिन मुसाफा और मुआनके से बचें. एक दूसरे से दूरी (सोशल डिस्टेंसिग) बनाए रखें.