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मलेरिया विभाग के संविदाकर्मियों ने किया प्रदर्शन, सीएम कमलनाथ को याद दिलाया वादा - cm kamalnath

मलेरिया विभाग के पूर्व संविदाकर्मियों ने प्रदेश कांग्रेस कार्यालय पहुंचकर प्रदर्शन किया. साथ ही सभी संविदाकर्मियों को फिर से बहाल करने की मांग की.

प्रदर्शन करते संविदाकर्मी
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Published : Sep 17, 2019, 4:12 PM IST

भोपाल। विभाग के पूर्व संविदाकर्मियों ने प्रदेश कांग्रेस कार्यालय पहुंचकर प्रदर्शन किया और कमलनाथ सरकार ने संविदाकर्मियों से किये गये वादे को याद दिलाया. जिसमें कहा गया था कि एमपीडब्ल्यू के जिन संविदाकर्मियों को पूर्व की बीजेपी सरकार ने निष्कासित किया गया है, उनकी फिर से बहाली की जायेगी. जिसके बाद दूसरे संविदा कर्मियों की नियुक्ति की प्रक्रिया तो शुरू कर दी गई, लेकिन मलेरिया विभाग के संविदाकर्मियों को छोड़ दिया गया है.

प्रदर्शन करते संविदाकर्मी

बता दें पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के कार्यकाल में 2017 में करीब साढ़े सात सौ संविदाकर्मियों को निष्कासित किया गया था. जिसके बाद से संविदाकर्मी लगातार उनकी बहाली की मांग कर रहे थे. जिस पर विधानसभा चुनाव के दौरान सीएम कमलनाथ ने उनसे बहाली का वादा किया था.

संविदाकर्मियों का कहना है कि अपरेजल में हटाये गये कर्मियों की नियुक्ति प्रक्रिया शुरु हो गई है, जिसमें एमपीडब्ल्यू मलेरिया विभाग के संविदाकर्मियों के नाम शामिल नहीं है. जबकि उन्हें भी पिछली सरकार ने निष्कासित किया था. इसके अलावा उन्होंने विभाग में 12 महीने तक काम भी किया था. जिसकी सैलरी अभी तक नहीं दी गई है.

वहीं एक संविदाकर्मी ने बताया कि बीते दिन फार्म भरने की अंतिम तारीख थी. अपरेजल संविदाकर्मियों के साथ मलेरिया संविदाकर्मियों ने भी फार्म भर दिये हैं. जबकि लिस्ट में उनका नाम शामिल नहीं था. मामले मंत्री तुलसी सिलावट से भी मौखिक तौर पर बातचीत हुई है, जिसमें उन्होंने सभी संविदाकर्मियों की बहाली का आश्वासन दिया है.

भोपाल। विभाग के पूर्व संविदाकर्मियों ने प्रदेश कांग्रेस कार्यालय पहुंचकर प्रदर्शन किया और कमलनाथ सरकार ने संविदाकर्मियों से किये गये वादे को याद दिलाया. जिसमें कहा गया था कि एमपीडब्ल्यू के जिन संविदाकर्मियों को पूर्व की बीजेपी सरकार ने निष्कासित किया गया है, उनकी फिर से बहाली की जायेगी. जिसके बाद दूसरे संविदा कर्मियों की नियुक्ति की प्रक्रिया तो शुरू कर दी गई, लेकिन मलेरिया विभाग के संविदाकर्मियों को छोड़ दिया गया है.

प्रदर्शन करते संविदाकर्मी

बता दें पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के कार्यकाल में 2017 में करीब साढ़े सात सौ संविदाकर्मियों को निष्कासित किया गया था. जिसके बाद से संविदाकर्मी लगातार उनकी बहाली की मांग कर रहे थे. जिस पर विधानसभा चुनाव के दौरान सीएम कमलनाथ ने उनसे बहाली का वादा किया था.

संविदाकर्मियों का कहना है कि अपरेजल में हटाये गये कर्मियों की नियुक्ति प्रक्रिया शुरु हो गई है, जिसमें एमपीडब्ल्यू मलेरिया विभाग के संविदाकर्मियों के नाम शामिल नहीं है. जबकि उन्हें भी पिछली सरकार ने निष्कासित किया था. इसके अलावा उन्होंने विभाग में 12 महीने तक काम भी किया था. जिसकी सैलरी अभी तक नहीं दी गई है.

वहीं एक संविदाकर्मी ने बताया कि बीते दिन फार्म भरने की अंतिम तारीख थी. अपरेजल संविदाकर्मियों के साथ मलेरिया संविदाकर्मियों ने भी फार्म भर दिये हैं. जबकि लिस्ट में उनका नाम शामिल नहीं था. मामले मंत्री तुलसी सिलावट से भी मौखिक तौर पर बातचीत हुई है, जिसमें उन्होंने सभी संविदाकर्मियों की बहाली का आश्वासन दिया है.

Intro:भोपाल। शिवराज सिंह के कार्यकाल में प्रदेशभर में करीब साढ़े सात सौ संविदा मलेरिया एमपीडब्ल्यू को बिना कारण बताए कार्यमुक्त कर दिया गया था।विधानसभा चुनाव के समय पर कांग्रेस ने इन संविदा कर्मियों को बहाल करने का आश्वासन दिया था। एनएचआरएम के अंतर्गत कार्यरत अन्य संविदा कर्मचारियों की बहाली प्रक्रिया फिर से शुरू हो गई है। लेकिन मलेरिया एमपीडब्ल्यू की बहाली प्रक्रिया अभी शुरू नहीं हुई है। इन हालातों में परेशान प्रदेशभर के मलेरिया एमपीडब्ल्यू आज मध्य प्रदेश कांग्रेस कार्यालय पहुंचे और उन्हें काम पर वापस लिए जाने की मांग की।


Body:मध्य प्रदेश कांग्रेस कार्यालय पहुंचे संविदा मलेरिया एमपीडब्ल्यू कर्मचारी सुनील पाटीदार ने बताया कि हम लोग पूरे मध्य प्रदेश के संविदा मलेरिया एमपीडब्ल्यू हैं। जिसे बीजेपी सरकार ने जून 2017 में निष्कासित कर दिया था और चुनाव के समय कांग्रेस ने वचन दिया था कि संविदा कर्मचारियों को वापस लेंगे। लेकिन अभी यह एन एच आर एम ने 2017 में हटाए गए अप्रेजल कर्मचारियों को वापस लेने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। उसमें मलेरिया एमपीडब्ल्यू को छोड़ दिया गया है। आज फार्म जमा करने की अंतिम तारीख थी।लेकिन हम लोगों का नाम सूची में नहीं था ।हमने फिर भी आवेदन जमा किया है। हम यहां पर मंत्री जी से निवेदन करने आए थे कि जब उनकी वापसी हो रही है, तो हमको क्यों छोड़ा जा रहा है।हम भी तो संविदा कर्मी हैं, हमको भी बीजेपी ने हटाया था। हम लोगों को अदालत में ज्वाइन कराया था। हमने करीब 12 महीने काम किया है और हमें सैलरी भी नहीं मिली ।इस मामले में हम मंत्री सिलावट जी से मिले थे, लेकिन उन्होंने मौखिक बातचीत हुई थी और हमने उन्हें बताया था कि हमें हटाया जा रहा है। तो उन्होंने आश्वासन दिया था कि आपको वापस लिया जाएगा ।लेकिन चालू हुई प्रक्रिया में हमारा नाम नहीं है।


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