भोपाल। मध्य प्रदेश सरकार (Government of Madhya Pradesh) ने पर्यटन स्थलों की सुरक्षा की जिम्मेदारी महिलाओं के हाथों में सौंपी (Responsibility of Security in Hands of Women) है. प्रदेश के प्रत्येक पर्यटन स्थल पर तिलक और फूल माला पहनाने से लेकर ऑटो, टैक्सी और गाइड की भूमिका में सिर्फ महिलाएं ही नजर आएंगी. सरकार की इस पहल से प्रदेश की लगभग 10 हजार महिलाओं को रोजगार मिलेगा. वहीं इस पहल को लेकर कांग्रेस का कहना है कि एक ओर महिलाओं के खिलाफ अपराध बढ़ रहे है, दूसरी ओर सरकार झूठे दावे कर रही है.
दरअसल गुरुवार को भोपाल के मिंटो हाल में एक कार्यक्रम आयोजित किया गया. इस दौरान पर्यटन विभाग ने टूरिज्म बोर्ड, पुलिस विभाग और परियोजना की तकनीकी सहायक संस्था UN वूमेन के साथ MOU भी किया गया. इसके तहत 4 हजार महिलाओं को सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग दी जाएगी. इस मौके पर राज्य की पर्यटन, संस्कृति और आध्यात्म मंत्री उषा ठाकुर (Tourism Minister Usha Thakur) ने कहा है कि महिलाओं के लिए सुरक्षित पर्यटन स्थल विकास करने का नवाचार महिलाओं को आर्थिक और सामाजिक रूप से सशक्त करेगा.
'दिल खोल के घूमो, हिंदुस्तान के दिल में, आप सेफ हैं'
राजधानी के मिंटो हॉल में आयोजित कार्यक्रम में पर्यटन मंत्री ठाकुर ने आगे कहा कि इस परियोजना से 'दिल खोल के घूमो, हिंदुस्तान के दिल में, आप सेफ हैं' की टैगलाइन वाले लोगो में ऑरेंज रंग की महिला सशक्तिकरण का प्रतीक है. साथ ही सभी विभागों की उपस्थिति और सहयोग से 'आत्म-निर्भर भारत', 'आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश' के निर्माण में महिलाओं की सहभागिता सुनिश्चित हो सकेगी. सभी अपने-अपने दायित्वों का निर्वहन जिम्मेदारी से करें। यह हमारी प्रशासनिक जिम्मेदारी के साथ-साथ नैतिक और सामाजिक दायित्व भी हैं.
पर्यटन और आर्थिक क्षेत्र में बढ़ेगी महिलाओं की भागीदारी
पर्यटन विभाग के प्रमुख सचिव और टूरिज्म बोर्ड के प्रबंध संचालक शिव शेखर शुक्ला ने कहा कि महिलाओं के लिए सुरक्षित पर्यटन स्थल विकसित करना अपने आप में अनूठी परियोजना है. प्रदेश इसके क्रियान्वयन में अग्रणी भूमिका निभाएगा. यह एक महत्वकांक्षी, समाचीन और समाज के लिए तत्कालिक रूप से आवश्यक परियोजना है. यह मध्य प्रदेश को आत्म-निर्भर बनाने की दिशा में प्रदेश की आधी आबादी को योगदान देने का मंच प्रदान करेगी. इससे पर्यटन और आर्थिक क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी बढ़ेगी.
शुक्ला ने बताया कि पर्यटन के हॉस्पिटेलिटी सेक्टर में अधिक से अधिक महिला कर्मचारी रखे जाएंगे. विकसित किए जा रहे 50 पर्यटन स्थलों पर करीब 40 हजार महिलाओं को आत्म-रक्षा की ट्रेनिंग दी जाएगी. इसके साथ ही करीब 10 हजार महिलाओं को कौशल विकास अंतर्गत प्रशिक्षण भी दिया जाएगा.
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पूरे विश्व में प्रदेश बन रहा नजीर
यूएन वूमेन की भारत की प्रतिनिधि सुजेन जेन फर्गुसन ने कहा कि मध्य प्रदेश टूरिज्म बोर्ड (Madhya Pradesh Tourism Board) की इस महत्वपूर्ण परियोजना के साथ तकनीकी साझेदार बनने पर हमें अत्यधिक प्रसन्नता है. महिलाओं के लिए सुरक्षित माहौल बनाने के लिए एक ओर जहां हमें सामाजिक संवेदनशीलता और नीतिगत निर्णयों के लिए पैरवी करना होगी, वहीं आधारभूत संरचनात्मक ढांचे को भी बेहतर बनाना होगा. इस परियोजना में ये दोनों ही कार्य मध्य प्रदेश शासन कर रहा है, जिससे न केवल भारत अपितु सम्पूर्ण विश्व के लिए एक नजीर बन रही है.
यूएन वूमेन की जेंडर रेस्पॉन्सिव गवर्नेंस टीम लीड अंजू दुबे पांडेय ने कहा कि वैश्विक स्तर पर महिला सुरक्षा एवं पर्यटन पर शोध और शोधपरक तथ्यों पर अधिक कार्य करने की आवश्यकता है. मध्य प्रदेश की इस परियोजना के माध्यम से हमें इस दिशा में कार्य करने के लिए एक दृष्टि प्राप्त होगी, जो वैश्विक स्तर पर हमारा पथ प्रशस्त करेगी.
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सरकार कर रही झूठे दावे
प्रदेश सरकार की इस पहल पर कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा का कहना है कि एक तरफ मध्य प्रदेश में महिला अपराधों को लेकर लगातार बढ़ोतरी हो रही है, तो दूसरी तरफ सरकार दावा कर रही है कि महिलाओं को सुरक्षित पर्यटन मिलेगा. यह सब सरकार के झूठे दावे हैं.