भोपाल। हिंदुस्तान का दिल कहा जाने वाले मध्यप्रदेश एक शांत और गंगा जमुनी तहजीब की मिसाल माने जाने वाला अमन पसंद राज्य है. यहां की आर्थिक राजधानी कहे जाने वाले इंदौर में प्रदेश की इसी गंगा जमुनी तहजीब का एक अद्भुत उदाहरण भी मौजूद है. ये है हजरत दूल्हा सय्यद बाबा की दरगाह. जहां करीब 200 सालों से हिंदू परिवार की 12 पुश्तें दरगाह की खिदमत करती आ रही हैं, लेकिन बीते दिनों में सांप्रदायिक सदभाव को बिगाड़ने वाली जिस तरह की घटनाएं सामने आईं है उसने मालवा के इस इलाके को शर्मसार कर दिया है. इंदौर से सटा शहर और बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन की हवा मेंं भी नफरत का जहर घोलने की कोशिशें की गई. सवाल यह है कि ऐसा कौन कर रहा है और क्यों कर रहा है आखिर अमन पसंद प्रदेश की फिजा को खराब करने की कोशिश आखिर क्यों की जा रही है.
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इंदौर में सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने की कोशिश में शामिल और @asadowaisi की पार्टी से जुड़े आरोपी अल्तमस खान के तार पाकिस्तान से जुड़े होने के भी सबूत मिले हैं।
— Dr Narottam Mishra (@drnarottammisra) August 30, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
अल्तमस के पास से पुलिस को कई तरह की आपत्तिजनक सामग्री मिली हैं, जिससे प्रदेश की शांति व्यवस्था को खतरा था। pic.twitter.com/CqOfnr3Z22
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— Dr Narottam Mishra (@drnarottammisra) August 30, 2021
अल्तमस के पास से पुलिस को कई तरह की आपत्तिजनक सामग्री मिली हैं, जिससे प्रदेश की शांति व्यवस्था को खतरा था। pic.twitter.com/CqOfnr3Z22इंदौर में सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने की कोशिश में शामिल और @asadowaisi की पार्टी से जुड़े आरोपी अल्तमस खान के तार पाकिस्तान से जुड़े होने के भी सबूत मिले हैं।
— Dr Narottam Mishra (@drnarottammisra) August 30, 2021
अल्तमस के पास से पुलिस को कई तरह की आपत्तिजनक सामग्री मिली हैं, जिससे प्रदेश की शांति व्यवस्था को खतरा था। pic.twitter.com/CqOfnr3Z22
उज्जैन में मुहर्रम की जुलूस में देश विरोधी नारेबाजी का वीडियो वायरल हुआ तो इंदौर में वर्ग विशेष से संबंध रखने वाले चूड़ीवाले के साथ कुछ लोगों ने महिलाओं से छेड़छाड़ का आरोप लगाते हुए मारपीट की. यह सिलसिला यहीं नहीं थमा पुलिस ने जब इन मामलों में जांच की तो एक व्हाट्सअप ग्रुप का खुलासा हुआ जिसके जरिए इंदौर में दंगे फैलाने की साजिश रचे जाने की बात सामने आई. साजिश के तार पाकिस्तान से भी जुड रहे हैं. ऐसी घटनाओं और उनकी जांच में जिस व्हाट्सएप ग्रुप से 4 लोगों को गिरफ्तार किया गया है उनके तार पाकिस्तान से भी जुड़ रहे हैं.
इंदौर और उज्जैन मालवा के दो जाने-माने शहर दोनों के बीच दूरी महज 50 किलोमीटर है.दोनों ही शहरों में मुस्लिम आबादी भी ठीक-ठाक है. यहां के कई इलाकों में मुस्लिम परिवारों की कई पीढ़ियां हिंदू परिवारों के साथ बरसों से घुल-मिलकर रहती आई हैं. आज भी ऐसा ही है, लेकिन लंबे समय से प्रेम और आपसी भाईचारे के साथ रह रहे इन दोनों वर्गों के बीच की मुहब्बत शायद कुछ लोगों को रास नहीं आ रही है. यही वजह है कि पिछले कुछ दिनों से इन दोनों शहरों में नफरत का जहर घोलने की खबरें देश के मीडिया की सुर्खियां बनी हुई हैं.
पहले इंदौर में चूड़ियां बेचने वाले एक युवक की सिर्फ इसलिए बेरहमी से पिटाई की गई क्योंकि वो मुस्लिम था. अब उज्जैन से एक वीडियो सामने आया है, जिसमें कबाड़ का रोजगार करके अपने परिवार के लिए दो वक्त की रोटी जुटाने वाले एक मुस्लिम शख्स को जबरन 'जय श्रीराम' बोलने के लिए मजबूर किया जा रहा है कि और अपनी जान बचाने की खातिर उसे ऐसा करना पड़ा. इससे पहले भी उज्जैन में मुहर्रम के एक जुलूस के दौरान पाकिस्तान के समर्थन में नारे लगाए गए. सभी मामलों में पुलिस ने कार्रवाई भी की और कुछ लोगों को गिरफ्तार भी किया गया. लेकिन बड़ा सवाल ये है कि आखिर ये कौन लोग हैं, कौन है जो मजहब का नकाब ओढ़कर इन शहरों के साथ ही पूरे प्रदेश की फिजा खराब करना चाहते हैं, और ऐसे लोगों को आखिर शह कौन दे रहा है? मज़हबी कट्टरता के नाम पर अगर इस तरह की घटनाएं अचानक आखिर क्यों बढ़ रही हैं, कौन लोग हैं जो इंदौर-उज्जैन और मध्य प्रदेश की शांति को नजर लगाना चाहते हैं.
हम सभी ने मजहब नहीं सिखाता आपस में बैर में रखना जरूर पढ़ा होगा और सुना होगा, सच भी यही है कि धर्म लोगों को जोड़ने का काम करता है और सियासत तोड़ने का. इन घटनाओं से सियासत को मसाला मिल रहा है. पक्ष और विपक्ष दोनों के बीच सांप्रदायिक सद्भाव को ग्रहण लगाने वाली इन घटनाओं को लेकर जमकर बयानबाजी भी हो रही है, एक दूसरे पर कोई किसी से पीछे होने लगेगीं, तो फिर सबसे ज्यादा सेक्युलर होने का दावा करने वाले हमारे मुल्क और तालिबान के बीच क्या फर्क रह जाएगा? कहते हैं कि सियासत इंसान को आपस में लड़वाने का काम करती है लेकिन धर्म चाहे जो भी हो, वो इंसान को आपस में जोड़ने का ही काम करता है.
घटनाओं पर गंभीरता से सोचना होगा
बीते कुछ दिनों में ही एक के बाद एक ऐसी ही घटनाओं का सामने आना हैरानी भरा है. हैरानी इस बात से और ज्यादा है प्रदेश में पिछले लगभग डेढ़ दशक से भी ज्यादा वक्त से बीजेपी की सरकार है, लेकिन पहले इस तरह की घटनाएं सामने नहीं आईं. लेकिन पिछले दिनों में प्रदेश की आवोहवा को खराब करने वाली घटनाएं लगातार घटित हुई हैं. इसके पीछे कौन हैं और क्यों है? मुख्यमंत्री शिवराज सिंह की सरकार को इसपर गंभीरता से सोचना होगा कि आखिर अचानक ऐसा क्यों हो रहा है ऐसी घटनाएं क्यों हो रही हैं और इनके पीछे कौन है जो यह चाहता है कि मध्य प्रदेश में अल्पसंख्यक समुदाए खुद को असुरक्षित महसूस करने लगे. सरकार को ऐसे लोगों पर सख्त कार्रवाई करना होगी और जनता के बीच यह संदेश देना होगा कि ऐसी घटनाओं से जुड़े किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा, भले ही वह किसी भी धर्म का हो. समझने लग गया है. ऐसी घटनाओं में शामिल लोगों के खिलाफ सख़्त कार्रवाई करते हुए उनहें जनता को ये संदेश देना होगा कि बख्शा कोई भी नहीं जायेगा,भले ही वह किसी भी धर्म का हो.
जिस तरह से लगातार ऐसी घटनाएं सामने आ रही हैं उससे यही लगता है कि किसी ख़ास एजेंडे के तहत यह सब किया जा रहा है? सरकार मूकदर्शक बन कर सब देख रही है? पूरे प्रदेश में अराजकता का माहौल बनाने की साजिश रची जा रही है, क़ानून का मखौल उड़ाया जा रहा है? ऐसे में शांति के टापू मध्यप्रदेश के लोगों को सरकार की तरफ से ऐसी घटनाओं पर सख्त कार्रवाई करने और ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सभी जरूरी कदम उठाए जाने का संदेश देने की जरूरत है.