भोपाल। मध्यप्रदेश में सियासी भूचाल अभी भी थमा नहीं है सत्ता की मलाई खाने के लिए दोनों पार्टियां ऐड़ी चोटी का दम लगा रही हैं, एक-एक विधायक की कीमत इस वक्त किसी फरिश्ते से कम नहीं हैं, हर पार्टी अपने अपने राजनीतिक गणित को साधने के लिए इन्हीं विधायकों पर निर्भर हैं. एक तरफ गायब हुए विधायकों की तलाश में सत्ताधारी पार्टी ने अपने कई मंत्रियों को उतार दिया है, तो वहीं दूसरी तरफ विपक्ष में बैठी बीजेपी ने भी अपने दिग्गजों को सीएम हाउस तक का सफर तय करने के लिए मैदान में उतार दिया है...
सूबे में आए सियासी भूचाल के बाद कांग्रेस ने विधायकों की गिनती शुरू की तो उनके कुछ विधायक अपने ठिकानों से गायब मालूम हुए, जिसके बाद कांग्रेस कार्यालय से लेकर सीएम हाउस तक सभी मंत्रियों की परेड़ शुरू हो गई, एक-एक मिनट की जानकारी सीएम कमलनाथ को दी जाने लगी, हाईकमान ने भी गायब हुए विधायकों की तलाश में अपने मंत्रियों को उतार दिया. जिसके बाद शुरू हुआ मंत्रियों का मिशन विधायक...
सबसे पहले मंत्री जयवर्धन सिंह और जीतू पटवारी को विधायक रामबाई की तलाश के लिए दिल्ली रवाना किया गया, दोनों मंत्रियों ने एक निजी होटल से विधायक को ढूंढ निकाला, जिसके बाद देर रात ही होटल से विधायक को लेकर रवाना हो गए.
दूसरे नंबर पर आते हैं निर्दलीय विधायक सुरेंद्र सिंह शेरा जिनका पता न तो सत्ताधारी पार्टी को थी और न ही उनके करीबियों को,अचानक उनकी लोकेशन बेंगलुरू में पाई गई, जिसके बाद कांग्रेस ने उनको भोपाल लाने के लिए जी जीन लगा दिया, जैसे ही विधायक जी भोपाल एयरपोर्ट पहुंचे उनके स्वागत के लिए वहां पर दिग्विजय सिंह के सबसे करीबी और सरकार में कैबिनेट मंत्री पीसी शर्मा मौजूद थे, वो उनको वहां से लेकर सीधे सीएम हाउस के लिए रवाना हो गए..और सीएम कमलनाथ से मुलाकात हुई.
तीसरे नंबर पर आती हैं विधायक रामबाई जिनको भोपाल लाने के बाद सीएम से मुलाकात कराई गई, उसके बाद सरकार के दो दिग्गज मंत्री बृजेंद्र सिंह राठौर और विजयलक्ष्मी साधौ उनको हेली कॉप्टर से उनके विधानसभा सीट पथिरया छोड़ने गए.
चौथे नंबर पर आते हैं बिसाहूलाल साहू जिनका लापता होने की एफआईआर खुद उनके बेटे ने टीटी नगर थाने में दर्ज कराई थी, जिनका आज पता चला है उनकी लोकेशन भी बैंगलोर पाई गई है, यहां तक तो ठीक है लेकिन उनको वहां लेने के लिए कमलनाथ सरकार के एक और कैबिनेट मंत्री सुरेंद्र सिंह बघेल पहंचे हुए हैं और उनको भोपाल लेकर भी आ रहे हैं.
सत्ता बचाने के लिए सरकार को कितने जतन करने पड़ रहे हैं, हर एक विधायक को सरआंखों पर रखना पड़ रहा है, मंत्रियों को जासूस की तरह विधायकों के पीछे भागना पड़ रहा है, आखिर ये सिंहासन आने वाले समय में और क्या-क्या कराएगा ये देखने वाली बात होगी.