भोपाल। देश के दिल मध्यप्रदेश में कौन ड्रग्स का जाल बिछा रहा है...यहां क्यों मनी लॉन्ड्रिंग केस परवान चढ़ते जा रहे हैं...क्यों हनीट्रैप में नेता से लेकर अधिकारी फंसते जा रहे हैं...आखिर इसके पीछे कौन है. हाल में ऐसे मामले आए हैं जिसने मध्यप्रदेश को पूरे देश में चर्चित कर दिया. देश के मीडिया से लेकर प्रदेश में तब खूब किरकिरी भी हुई. ड्रग्स के भंवर में मध्यप्रदेश को धकेलने के ऐसे ही कुछ मामलों से आपको सजग कराएंगे. साथ ही हनी ट्रैप से लेकर मनी लॉन्ड्रिंग के आंकड़ों से प्रदेश का रिश्ता क्यों बढ़ रहा है इस पर भी आपको सावधान करेंगे.
पिछले दिनों इंदौर की विजय नगर पुलिस ने ड्रग्स माफियाओं के खिलाफ एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया गया था, और उस कार्रवाई के तहत 9 आरोपियों को पकड़ा गया था. पुलिस ने इस पूरे मामले में गिरोह की सरगना 'आंटी' को भी गिरफ्तार किया था. मामले में आईजी के निर्देश पर एक एसआईटी गठित की गई है, जो 'आंटी' के द्वारा दी गई जानकारी पर जांच कर रही है. इसके साथ ही जांच के लिए एक टीम दिल्ली भी भेज गई है.
इस दौरान देह व्यापार से जुड़ा एक मामला भी सामने आया है. बताया जा रहा है कि रशियन गिरोह के माध्यम से 'आंटी' देह व्यापार का काम भी संचालित करती थी. सिगरेट और हुक्का पानी वालों को आंटी फंसाती थी. उन्हें नशे की लत लगाकर उनको महंगे दामों में नशा बेचती थी. नशे का आदी होने के बाद वे महिलाओं को गलत कामों में धकेल देती थी.
18 दिसंबर तक रिमांड पर आंटी
बता दें इस पूरे ही मामले की शुरुआत बांग्लादेश से युवतियों को लाकर इंदौर सहित अन्य शहरों में सप्लाई करता था. उस सागर जैन को पुलिस ने पकड़ा था उस पूरे मामले में सागर जैन ने ही प्रीति जैन उर्फ आंटी के बारे में जानकारी दी थी, जिसके बाद पुलिस ने इस पूरे मामले में आंटी को गिरफ्तार किया पुलिस पूरे मामले में पुलिस ने आरोपियों को 18 दिसंबर तक के लिए रिमांड लिया है. पुलिस पूछताछ में आरोपियों से मिली जानकारी के आधार पर टीमें विभिन्न प्रदेशों की ओर रवाना भी कर दी गई हैं.
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बीते पांच साल में एक हजार करोड़ का हवाला
वहीं मध्य प्रदेश की संस्कारधानी बीते कुछ सालों से हवाला कारोबारियों का हब बन हुआ है, यहां बीते पांच सालों में करीब 1000 करोड़ रुपए का हवाला के जरिए लेन देन हुआ है. खास बात ये है कि स्थानीय पुलिस और आयकर विभाग की टीम के द्वारा हवाला को लेकर लगातार कार्रवाई भी हुई, इसके बाद भी हवाला कारोबार के ग्राफ में कही से कमी नहीं आई. पहले जहां हवाला कारोबार को सड़क मार्ग से किया जाता था तो अब इसके लिए रेलवे का उपयोग होने लगा है.
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पाकिस्तान से जुड़े तार
सूत्रों के मुताबिक शहर से हो रहा हवाला का कारोबार सिर्फ देश के शहरों से ही नहीं बल्कि पाकिस्तान से भी जुड़ा बताया जा रहा है. यह बात इंवेस्टीगेशन विंग की जांच में भी सामने आई है. हवाला का कारोबार करने वाले बेरोजगार युवक-युवती के माध्यम से पैसा एक शहर से दूसरे शहर पहुंचाया करते हैं, हाल ही में बीते 15 दिन के अंतराल में ही आरपीएफ ने जबलपुर रेल्वे स्टेशन से हवाला का 75 लाख रुपए पकड़ा है, जिसे मुंबई ले जाया जा रहा था.
करीब 40 शहरों से जुड़ा है हवाला का कारोबार
आयकर विभाग की इन्वेस्टीगेशन टीम ने अपनी जांच में पाया कि हवाला का यह कारोबार देश के 40 शहरों से जुड़ा हुआ है, जानकारी के मुताबिक जबलपुर से हवाला के मामले में अब तक गिरफ्तार हुए पंचू गोस्वामी, अतुल खत्री, सतीश धनपाल, खूबचंद लालवानी ने खुलासा किया कि हवाला का यह कारोबार देश के 40 से ज्यादा शहरों से जुड़ा हुआ
नाबालिगों से दुष्कर्म का आरोपी प्यारे मियां
वहीं जुलाई महीने में प्यारे मियां भी काफी सुर्खियों में था. पत्रकार कहे जाने वाला प्यारे मियां पर कई नाबालिग और किशोरियों के साथ दुष्कर्म का आरोप था. प्यारे मिया भोपाल की एक प्रिंटिंग प्रेस में चपरासी था. इसके बाद वह ऑपरेटर फिर हॉकर बना. वहीं बाद में वह खुद का अखबार निकालना शुरू कर दिया था. वह खुद भी पत्रकार बन गया था. देखते ही देखते प्यारे मिया ने भोपाल में करोड़ों की संपत्ति बना ली थी. इसके अलावा उस पर करीब 60 लाख रुपए की धोखाधड़ी का भी केस दर्ज किया गया था. कई मामलों में फरार चल रहे प्यारे मिया को पुलिस ने जम्मू कश्मीर से गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया था. जहां वह अभी जेल में है.
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साल भर पहले हनी ट्रेप मामल में इंदौर निगम अधिकारी दोषी
इसी तरह साल भर पहले हनी ट्रेप मामले को लेकर भी चर्चाओं का बाजार गर्म था. आए दिन इस मामले में कई खुलासे हुए. इंदौर के निगम अधिकारी हरभजन सिंह ने पलासिया थाने पर भोपाल की कुछ महिलाओं के खिलाफ ब्लैकमलिंग सहित अन्य धाराओं में मामला दर्ज करवाया था. इस मामले में पुलिस ने कार्रवाई करते हुए 5 महिलाओं और एक ड्राइवर को गिरफ्तार किया था. इनमें से ज्यादातर महिला भोपाल की रहने वाली थीं. जो निगम अधिकारी हरभजन सिंह को अश्लील वीडियो के आधार पर लगातार ब्लैकमेल कर रही थीं.
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इसके बाद पुलिस ने मामले में कार्रवाई करते हुए, हरभजन सिंह गिरफ्तार कर लिया था. मामले में जांच के लिए एसआईटी का गठन किया गया था. एसआईटी में लगातार फेरबदल होते रहे. वहीं एक बार फिर एसआईटी में दो अन्य सदस्यों क शामिल किया गया है. जिसमें मुख्य रूप से इंदौर की पूर्व डीआईजी रुचि वर्धन मिश्र को एसआईटी में शामिल किया गया है.